शिवराज के शंखनाद से भगवामय हुआ माहौल

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  • मैदानी मोर्चे पर भाजपा निकली आगे, कमलनाथ अक्टूबर से होंगे मैदान में

    भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। 
    खंडवा लोकसभा, जोबट, पृथ्वीपुर और रैगांव विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव की घोषणा भले ही नहीं हुई है, लेकिन मैदानी मोर्चे पर भाजपाई पूरी तरह तैनात है। उधर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मैदानी मोर्चा संभालते ही चारों उपचुनाव वाले क्षेत्र भगवामय हो गए हैं। जबकि कांग्रेस के नेता अभी चुनावी मैदान में पूरी तरह सक्रिय नहीं है।
    कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ अक्टूबर से उपचुनाव वाले क्षेत्रों में सक्रिय होंगे। गौरतलब है कि अक्टूबर में किसी भी समय उपचुनाव की घोषणा हो सकती है। इसको देखते हुए भाजपा ने चुनावी मुकाबले के लिए कमर कस ली है। भाजपा ने उपचुनाव वाले क्षेत्र में अभी से चुनावी बिगुल फूंक दिया है। भाजपा की ओर से की जा रही तैयारियों का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उपचुनाव वाली चारों सीट पर दूसरे दौर का प्रचार अभियान भी शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री चुनावी क्षेत्रों में विकास कार्यों की सौगात दे रहे हैं। इससे चुनावी क्षेत्र में भाजपा की स्थिति मजबूत नजर आ रही है।
    उपचुनाव मिशन 2023 का रिहर्सल
    चारों सीटों पर होने वाले उपचुनाव को विधानसभा 2023 का रिहर्सल माना जा रहा है। इसलिए भाजपा और शिवराज की कोशिश है की वे उपचुनाव के माध्यम से अपनी स्थिति को और मजबूत बनाएं।  शिवराज सरकार, भरोसा बरकरार के नारे के साथ ताबड़तोड़ जन सभाएं करके नई घोषणाएं कर रही है। दूसरी ओर कांग्रेस का प्रचार अभियान कमल नाथ सरकार के 15 महीनों में अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण की बात के साथ सीमित है। सियासी विश्लेषक बताते हैं कि इन उपचुनावों में हार जीत से सत्तारूढ़ भाजपा की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। फिर भी भाजपा ने मिशन 2023 को ध्यान में रखते हुए पूरी ताकत झोंक दी है। भाजपा की कोशिश है कि उसे इन चुनावों में जीत हासिल हो ताकि प्रदेश की जनता के बीच गलत संदेश ना जाने पाए।
    शिवराज विपक्ष पर लगातार हमलावर
    भाजपा उपचुनाव के साथ ही विधानसभा 2023 की भी तैयारी में जुटी है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उपचुनाव वाले क्षेत्रों में लोगों के बीच जाकर पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ पर आरोप लगा रहे हैं कि वे ऐसे मुख्यमंत्री थे जो जनता के बीच जाते ही नहीं थे। शिवराज कहते हैं कि मैं लोगों के बीच जाता हूं तो उनको (कांग्रेस) को बुरा लगता है कि मुख्यमंत्री जनता के बीच जा रहा है। जनदर्शन कर रहा है। शिवराज रैलियों में जमा भीड़ से सवाल करते हैं कि आप ही बताएं मैं जनदर्शन नहीं करूं तो क्या कमल नाथ के दर्शन करूं। हालांकि भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने माना है कि फिलहाल पार्टी में समन्वय की कमी है। खंडवा लोकसभा उपचुनाव के संदर्भ में उन्होंने यह बात कही। उन्होंने कहा कि नंदकुमार सिंह चौहान के निधन के बाद भाजपा के लिए खंडवा में परिस्थितियां बदली हैं। मुझे कहने में गुरेज नहीं है कि पार्टी को यहां बहुत मेहनत करनी पड़ेगी। उपचुनाव में यहां दिक्कत आ सकती है। हालांकि उन्होंने भरोसा जताया कि पार्टी 2023 से पहले समन्वय बना लेगी।
    कांग्रेस अभी बैठकों तक सीमित
    भाजपा जहां उपचुनाव वाले क्षेत्रों में पूरी तरह सक्रिय है वहीं कमल नाथ सर्वे और बैठकों तक ही सीमित हैं। उन्होंने अब तक चुनाव क्षेत्रों के दौरे शुरू नहीं किए हैं। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि कमल नाथ अक्टूबर से दौरों की शुरुआत करेंगे। कांग्रेस नेता बताते हैं कि पार्टी 15 महीने के शासन को उपलब्धि के तौर पर बताकर ओबीसी वर्ग को आरक्षण और किसान कर्ज माफी का मुद्दा उठाएगी। दूसरी ओर भाजपा नेताओं का कहना है कि वे केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और सूबे की शिवराज सिंह चौहान सरकार की उपलब्धियों को बताकर चुनावी ताल ठोकेंगे।
    मंत्रियों की भी परीक्षा
    इस उपचुनाव में भाजपा की कई स्तरों पर परीक्षा होनी है। सूत्रों का कहना है कि भाजपा के प्रदेश प्रभारी और राष्ट्रीय महासचिव पी. मुरलीधर राव, राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिव प्रकाश जैसे दिग्गज तैयारियों पर नजर रख रहे हैं। भाजपा की ओर से सभी मंत्रियों को चुनावी तैयारियों की जिम्मेदारी दे दी गई है। यही नहीं मंत्रियों को राशन कार्ड से लेकर बिजली बिल और अन्य जन समस्याओं की समीक्षा करने के निर्देश जारी किए गए हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी मंत्रियों को निर्देश दिया कि वे आगामी 27 से सात अक्टूबर तक चलने वाले सुराज अभियान में जनता के बीच जाएं और उनकी समास्याओं का समाधान करें।

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