प्रदेश की अफसरशाही से बेहद खफा हैं शिवराज

 शिवराज सिंह चौहान

भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इन दिनों प्रदेश की नकारा होती जा रही अफसरशाही से बेहद खफा हैं। प्राय: शांत रहने वाले शिव अब अफसरों की कार्यप्रणाली की वजह से कितने खफा है कि उन्होंने कार्यवाही न करने को लेकर यहां तक कह दिया कि अफसर ऐसा करने की जगह सिर्फ सोते रहते हैं। यही नहीं काम अटकाने की प्रवृत्ति को लेकर उनके द्वारा साफ-साफ कह दिया गया कि वे अपनी अक्ल न लगाएं बल्कि सरकार द्वारा लिए गए फैसलों पर शीघ्रता से अमल करें। दरअसल शिवराज सिंह चौहान इन दिनों सरकार की छवि खराब करने को लेकर सोशल मीडिया पर चलाए जाने वाले दुष्प्रचार के मामलों में संबंधित अफसरों द्वारा कार्यवाही करना तो दूर खंडन तक करने की जहमत न उठाने से बेहद नाराज है। यही वजह है कि उनके द्वारा अफसरों की बैठक में उन्हें सोशल मीडिया पर सतर्क और सक्रिय रहने तक की चेतावनी तक देनी पड़ रही है। उन्होंने अफसरों से साफतौर पर कहा कि हमें सोशल मीडिया पर गाली पड़ती हैं और विभाग हिलता डुलता तक नहीं है। अब यह नहीं चलेगा । इसके लिए अब अफसर ही पूरी तरह से जिम्मेदार होंगे। वह इस पर नजर रखें और भ्रामक जानकारी का तत्काल खंडन करें। वास्तविक तथ्य और स्थिति को जनता के सामने लाया जाए। यदि विभाग की कोई गलती है तो तत्काल आवश्यक कार्रवाई कर उसमें सुधार लाएं। यह चेतावनी मुख्यमंत्री ने मंत्रियों, मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव और विभागाध्यक्षों के साथ की गई बैठक में दी है। यही नहीं उन्होंने कहा कि अधिकारी सीधे समझ लें कि जिन मामलों में चर्चा कर फैसला कर लिया जाता है उनके क्रियान्वयन में हीला हवाली किसी तरह की नहीं होनी चाहिए। इस तरह के मामलों में अफसर अपनी अक्ल न लगाएं। इसी तरह से जो चीजें नीति आयोग और योजना आयोग तय करते हैं उन पर भी शीघ्रता से अमल होना चाहिए। बदले हुए तेवरों के बीच मुख्यमंत्री ने सख्ती का संदेश देते हुए साफ कहा कि जन कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही, भ्रष्टाचार, अकर्मण्यता एवं निकम्मापन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अफसर जान लें कि लापरवाही का नतीजा राजनैतिक लीडर्स पर पड़ता है।
समय पर करें भुगतान
बैठक में अफसरों से साफ कहा गया है कि जिन ठेकेदारों और निर्माण एजेंसियों ने समय पर गुणवत्तापूर्ण काम पूरा कर  दिया है उनके भुगतान में कोई कोताही न बरती जाए। अगर ऐसा होता है तो उसे भ्रष्टाचार का पनपना माना जाएगा। इसी तरह से उन्होंने तबादलों को लेकर भी स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि 31 जुलाई तक हर हाल में तबादले हो जाएं। इस दौरान पूरी पारदर्शिता बरती जाए और नीति के अनुसार प्रशासनिक और मानवीय आधार पर स्थानीय परिस्थितियों को देखते हुए ही तबादले किए जाएं। क्योंकि एक बार यह पिटारा खुलता है तो फिर अन्य सभी काम रुक जाते हैं।
मंत्रियों को भी हर सोमवार को करनी होगी समीक्षा
मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते तीन माह का समय कोरोना को काबू करने में निकल गया । अब सभी आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के निर्माण के लिए निर्धारित लक्ष्य को तेजी से प्राप्त करने में जुट जाएं। इसके लिए रोडमैप तैयार है, जिसके तहत सभी काम पहले से ही तय हैं। उन्होंने इसके साथ ही मंत्रियों से अपने विभागों के इन कामों की हर सप्ताह में सोमवार को विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर समीक्षा करने को कहा है। उन्होंने कहा कि इसके लिए विभिन्न मंत्री समूह द्वारा अपनी अनुशंसाएं दे दी गई हैं, जिन पर निर्णय भी हो चुका है। अब उन पर प्राथमिकता से काम शुरू करें।
यह भी दी नसीहतें : मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड काल में सरकार के राजस्व में कमी आई है। अब इस कठिन समय में राजस्व वृद्धि के पूरे प्रयास करें और स्टॉप योजनाओं और कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में जहां-जहां लीकेज और लापरवाही है उसे दुरुस्त करने का काम भी प्राथमिकता से करें। इसके अलावा उनके द्वारा अनावश्यक खर्चों में कमी लाने को भी कहा गया है।

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