
- लापरवाह अफसरों पर गिरेगी गाज
- धार जिले में किसानों से खरीदे चने की राशि का भुगतान नहीं होने पर जांच के आदेश
भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की बार-बार की हिदायत के बाद अधिकारियों की लापरवाही और भर्राशाही जनता के लिए परेशानी का सबब बनती जा रही है। मंगलवार को जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समाधान ऑनलाइन और सीएम हेल्पलाइन की समीक्षा कर रहे थे तो उनके सामने कई ऐसे प्रकरण आए जिनको लेकर उन्होंने जमकर नाराजगी जताई। इसमें से एक मामला धार जिले का सामने आया। यहां के किसानों से खरीदे चने की राशि का तीन साल से भुगतान नहीं होने पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी जताई और जांच के आदेश दिए। किसानों का भुगतान नहीं होने पर मुख्यमंत्री ने अफसरों को फटकार के साथ ही तीन दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा। इसकी जांच सहकारिता रजिस्ट्रार करेंगे। वहीं समाधान ऑनलाइन में लापरवाही पर 16 अफसर-कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। मुख्यमंत्री ने कहा है कि समाधान ऑनलाइन और सीएम हेल्प लाइन के माध्यम से जनता के कल्याण से जुड़े कार्यों को तत्परता और प्राथमिकता से पूरा किया जाए। लंबित आवेदनों के निराकरण के लिए जिला स्तर पर सतत समीक्षा भी की जाए। जनता को आवश्यक सेवाएं देने में विलंब के दोषी लोगों के विरुद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी। विलंब के दोषियों पर नाराज होते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन में देरी करने और हितग्राहियों को देर से राशि दिलवाने के दोषी शासकीय सेवकों के विरुद्ध कार्यवाही जारी रहेगी।
किसी को नोटिस तो किसी की जांच
समाधान ऑनलाइन की शिकायतों की सुनवाई के दौरान मुख्यमंत्री ने गड़बड़ी और लापरवाही करने वालों में से किसी को नोटिस तो किसी की जांच के आदेश दिए। जबलपुर के आर्यांश मिश्रा ने ज्ञानगंगा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी एंड साइंस में बीटेक प्रथम सेमिस्टर का रिजल्ट नहीं आने पर आवेदन दिया था। वहीं पर फॉर्म भरने की मंजूरी दी गई। महाविद्यालय प्रबंधन को नोटिस दिया गया। वहीं इंदौर की आवेदिका मंजु के आवेदन पर पुलिस द्वारा आवश्यक कार्रवाई नहीं की गई। इस मामले में लापरवाही पर एसडीओपी और टीआई को हटाने के निर्देश दिए गए। वहीं कपिलधारा कूप निर्माण का कार्य पूर्ण होने के बाद हितग्राही को राशि का भुगतान नहीं होने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मनरेगा के अंतर्गत मजदूरी के भुगतान में विलंब नहीं होना चाहिए। हितग्राहियों को 2 लाख 6 हजार 245 रुपए का भुगतान कर दिया गया। बालाघाट की ममता बिसेन को विवाह प्रोत्साहन की राशि नहीं मिलने पर जनपद पंचायत सीईओ वारासिवनी का इन्क्रीमेंट रोका गया। शिवपुरी में तरति पाल ने भूमि का सीमांकन नहीं होने की शिकायत की थी। दोषी प्रवाचक और प्रभारी तहसीलदार के विरुद्ध कार्यवाही के निर्देश दिए। मंदसौर के रमेश लाल मेघवाल द्वारा पत्नी को जननी सुरक्षा योजना का लाभ न मिलने की शिकायत की गई। विकासखंड चिकित्सा अधिकारी को विलंब के लिए दोषी पाया गया। इनके निलंबन के निर्देश दिए गए हैं।
दोषियों के विरुद्ध एक्शन
मुख्यमंत्री के समक्ष विभिन्न जिलों में आम जनता के आवेदनों के निराकरण में हुए विलंब के जो मामले रखे गए, उनमें समाधान की कार्यवाही के साथ ही दोषियों के विरुद्ध एक्शन भी लिया गया। धार जिले के राजाराम के वर्ष 2018 में खरीदी गई चने की फसल का भुगतान दिलवाने के आवेदन पर आवेदक को 48 हजार 400 रुपये का भुगतान तत्काल कर दिया गया। इस मामले में कंप्यूटर ऑपरेटर समेत 3 कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई। मुख्यमंत्री ने अन्य किसानों को भी बेची गई फसल का भुगतान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने आवंटन उपलब्ध होने के बाद भी राशि के भुगतान में देरी को आपराधिक कृत्य बताते हुए किसानों को देर से राशि देने के दोषी लोगों के विरुद्ध जांच के निर्देश भी दिए।