
सब हेड – पंचायत चुनाव के बीच किसानों को फसल के लिए समर्थन मूल्य दिलाना राज्य सरकार के लिए बड़ी चुनौती
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मध्य प्रदेश में मूंग की फसल के भारी उत्पादन के चलते किसानों को समर्थन मूल्य दिलाने की चुनौती खड़ी हो गयी है। मूंग की गरमी वाली फसल का इस सीजन में 15 लाख टन से अधिक उत्पादन हुआ है, जबकि केंद्र सरकार ने राज्य से इस साल महज सवा दो लाख टन मूंग ही समर्थन मूल्य पर लेने का लक्ष्य तय किया है।
खुद प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल कह रहे हैं कि यह लक्ष्य आवश्यकता के हिसाब से बहुत कम है। इसलिए केंद्र को पत्र लिखकर लक्ष्य को बढ़ाने का अनुरोध किया गया है। इस सबके चलते अब तक समर्थन मूल्य के लिए किसानों के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया भी शुरू नहीं की जा सकी है। यदि केंद्र अपने पूर्व निर्धारित लक्ष्य के अनुसार ही मूंग लेगा तो शेष करीब पौने तरह लाख टन फसल के लिए राज्य सरकार को अपनी तरफ से ही समर्थन मूल्य चुकाना पड़ जाएगा, जो शिवराज सिंह चौहान के खजाने को काफी भारी पड़ सकता है।
राज्य में इस सीजन में करीब 12 लाख हेक्टेयर में मूंग की बोवनी की गई थी। कृषि विभाग के अफसरों का अनुमान है कि इसका उत्पादन 15 लाख टन से ज्यादा हुआ है। फिलहाल बाजार में प्रति क्विंटल मूंग की कीमत पांच से छह हजार रुपये के बीच में है। जबकि, समर्थन मूल्य सात हजार 275 रुपये है। यही वजह है कि किसान सरकार द्वारा किए जाने वाले उपार्जन का इंतजार कर रहे हैं और राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से पूरी मूंग का उपार्जन समर्थन मूल्य पर करने के लिए अनुमति मांगी है।
बीते साल भी बने थे ऐसे हालात
पिछले साल राज्य सरकार ने प्रदेश में करीब चार लाख टन मूंग का उपार्जन किया था। तब भी राज्य के अनुरोध पर केंद्र सरकार को समर्थन मूल्य पर खरीदी का लक्ष्य बढ़ाकर दो लाख 47 हजार टन करना पड़ गया था। बचे मूंग के समर्थन मूल्य के ऐवज में राज्य सरकार को डेढ़ हजार करोड़ का खर्च अपने खजाने से करना पड़ गया था। इस मूंग की खपत भी तब बड़ी चुनौती बन गयी थी और तब इसका वितरण मध्यान्ह भोजन योजना के अंतर्गत स्कूलों में कर दिया गया था। मूंग की उपलब्धता और उसकी कीमत को लेकर ऐसे हालात आने वाले सालों में भी बनने के आसार हैं, क्योंकि ग्रीष्मकालीन मूंग के अच्छे उत्पादन और उसके लिए मुनासिब कीमतों के चलते ही इस फसल के प्रति किसानों का आकर्षण बढ़ा है। सरकार भी मूंग की खेती को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है। पंचायत चुनाव सिर पर हैं और शिवराज सरकार मूंग के मामले में कोई कोताही के चलते किसानों का गुस्सा झेलने का जोखिम नहीं ले सकती। इसलिए प्रदेश सरकार द्वारा केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र लिखकर समर्थन मूल्य पर उपार्जन हेतु तय लक्ष्य को बढ़ाने का आग्रह किया गया है। राज्य के कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि केंद्र से अनुमति मिलते ही उपार्जन की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी जाएगी।