शिव के लक्ष्यों को लगा कोरोना से झटका

शिव सरकार

-कोविड-19 की वजह से सरकार की बदली प्राथमिकताएं, अब पूरा फोकस स्वास्थ्य सुविधाओं पर

भोपाल/राजीव चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम कर रही भाजपा की शिव सरकार को कोरोना महामारी ने बड़ा झटका दिया है। इसकी वजह से अब उनके द्वारा तय किए गए आत्मनिर्भर मप्र के लक्ष्यों को पीछे छोड़कर अब पूरा फोकस कोरोना से निपटने पर लगाना पड़  रहा है। इन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए अप्रैल माह से काम शुरू किया जाना था, लेकिन इस बीच कोरोना का कहर शुरू हो जाने की वजह से उन पर अब तक काम ही शुरू नहीं हो पा रहा है। अफसरों से लेकर सरकार तक का पूरा ध्यान इन दिनों कोरोना पर ही लगा हुआ है। इसकी वजह से शिव के लक्ष्यों को पिछड़ना पड़ रहा है। हालत यह है कि इसके तहत तय किए गए कामों की समीक्षा तक की बैठक नहीं हो पा रही है। अप्रैल से शुरू हुआ कोरोना अभी जून के अंत तक ही काबू में आने की संभावना जताई जा रही है, जिसकी वजह से माना जा रहा है कि इस पूरी तिमाही में आत्मनिर्भर भारत के तहत तय किए गए कामों की शुरुआत फिलहाल अगले माह भी होना संभव नहीं है। इसकी वजह से मिशन के लिए तय इस तिमाही के काम अब अगली तिमाही में ही शुरू होने की संभावना है।
मंत्रियों के मंथन से लेकर अफसरों की बैठकें भी अटकी
सरकार द्वारा आत्मनिर्भर मप्र के तहत तय किए गए लक्ष्यों की पूर्ति तय समय में करने के लिए हर हफ्ते मंत्रियों की बैठकें कर मंथन करने की योजना तैयार की गई थी। इसी तरह से अफसरों की भी बैठकें की जानी थीं, लेकिन इन सब पर अभी पूरी तरह से कोरोना की वजह से ब्रेक लगा हुआ है। खास बात यह है कि इसके लिए बाकायदा रोडमैप तैयार कर उसे बीते साल ही विभागों को दे दिया गया था। इसके तहत हर हफ्ते किए गए काम की समीक्षा कर अगले हफ्ते की योजना पर मंथन किया जाना था। इस बीच कोरोना ने ऐसा कहर ढाया कि सरकार को अपने सभी काम छोड़कर उसकी रोकथाम पर ही पूरा फोकस करना पड़ रहा है।
सिर्फ स्वास्थ्य पर ही हो रहा काम
दरअसल सरकार ने इस साल मिशन के तहत कई तरह के लक्ष्य हासिल करने की योजना तैयार की थी। इसके लिए बजट में भी राशि के प्रावधान किए गए हैं।  सरकार का पूरा फोकस सुशासन, शिक्षा , स्वास्थ्य अर्थव्यवस्था और इंफ्रास्ट्रक्चर पर था। इसके लिए सरकार द्वारा मंत्री समूहों का गठन भी कर दिया गया था। इस बीच कोरोना महामारी आ जाने की वजह से सरकार को यह काम छोड़कर पूरा फोकस स्वास्थ्य के क्षेत्र पर ही करना पड़ रहा है। इसकी वजह से अन्य क्षेत्रों में काम ही शुरू नही हो पा रहा है।
कर्ज की सुविधा पर भी संकट
केन्द्र सरकार द्वारा मप्र को इस वर्ष के लिए एक फीसदी के अतिरिक्त कर्ज की सुविधा दी गई है। यह सुविधा मप्र को बिजली क्षेत्र में कुछ सुधारों के लिए दी गई है , लेकिन कोरोना के चलते यह काम नहीं हो पा रहा है। इस सुविधा की वजह से प्रदेश सरकार को 16 हजार करोड़ का अतिरिक्त कर्ज मिलना है , लेकिन काम शुरू नहीं होने की वजह से इस कर्ज पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं। इसी तरह से कई अन्य  स्रोत भी हैं , जिनमें सशर्त कर्ज देने की बात कही गई है। इसकी वजह से इस तरह के कर्ज में भी रोड़ा आ गया है। 

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