
भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। मध्य प्रदेश के 8 जिलों में अति वर्षा से बनी बाढ़ की स्थिति से जनजीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो गया है। हालात यह हैं कि इन जिलों में करीब 25000 मकान पूरी या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए और फसलें भी पूरी तरह से नष्ट हो गई हैं।
अब इन जिलों के बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने की सबसे बड़ी चुनौती स्थानीय प्रशासन के सामने बनी हुई है। यही वजह है कि अब सूबे की शिव सरकार ने अपना पूरा फोकस इन प्रभावितों को त्वरित मदद पहुंचाने के लिए स्थानीय स्तर पर जिम्मा सौंप दिया है। दरअसल स्थानीय स्तर पर मौजूद समस्याओं की उन्हें न केवल पूरी तरह से जानकारी रहती है, बल्कि उन्हें दी जाने वाली मदद में और क्या प्रयास होने चाहिए भी तत्काल पता चलता है।
खास बात यह है कि सुविधाएं जुटाने से लेकर उन्हें देने के इस काम में जिला प्रशासन को राज्य शासन की ओर से गठित टास्क फोर्स और नागरिकों के सहयोग से पूरा करने की जवाबदारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा दे दी गई है। इस मामले में स्वयं मुख्यमंत्री खुद निगरानी कर रहे हैं। यह बात अलग है कि अब भी कई स्थानों पर प्रशासन अब तक कोई मदद नहीं पहुंचा पाया है, जिसकी वजह से लोगों में गुस्सा भी देखा जा रहा है। इस स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री चौहान ने टास्क फोर्स का गठन करने के साथ ही मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कांफ्रेंस के जरिए प्रदेश के 8 जिलों में आई बाढ़ को लेकर टास्क फोर्स की बैठक लेकर उन्हें मदद के लिए आवश्यक निर्देश दिए। बैठक में संबंधित मंत्री और अधिकारी शामिल हुए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ प्रभावितों की सहायता में कोई कसर छोड़ी नहीं जाए। नियमित रूप से दिए जाने वाले के अलावा बाढ़ प्रभावितों को 50 किलो अतिरिक्त खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाए। कलेक्टर अनाज के स्थान पर आटा प्रदान कर प्रभावित परिवारों को राहत दे सकते है। बैठक में मुख्यमंत्री ने ग्वालियर और चंबल में राहत कार्यों की जानकारी ली।
एक दर्जन विभागों के मंत्री टास्क फोर्स में शामिल: बाढ़ और भारी वर्षा से बनी स्थितियों के बाद राहत सुधार और पुनर्वास कार्यों के लिए राज्य सरकार ने जिन मंत्रियों का टास्क फोर्स बनाया है। उनमें उन सभी विभागों के मंत्रियों को शामिल किया गया है, जो आम आदमी की मूलभूत सुविधाओं से संबंधित योजनाओं का क्रियान्वयन करते हैं। यह टास्क फोर्स पुल पुलिया सड़क अन्य रचनाओं को दोबारा बनाने के साथ राहत शिविरों में रहने या दूसरी जगहों पर जाकर किराए से रहने वाले लोगों का प्रभावी प्रबंधन भी देखेगा। टास्क फोर्स के संयोजक गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ राजेश राजौरा को बनाया गया है। इसके साथ ही जिन मंत्रियों के गृह जिले प्रभावित हैं उनसे कहा गया है कि वह स्थानीय स्तर पर व्यवस्थाएं देखें।
मंत्रियों और अधिकारियों से ली नुकसान की जानकारी
टास्क फोर्स की प्रथम बैठक में अपर मुख्य सचिव गृह डॉ राजेश राजौरा ,प्रमुख सचिव राजस्व एवं मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव कार्यालय मनीष रस्तोगी ने प्रदेश में वर्षा और बाढ़ की स्थिति संचालित राहत कार्यों के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। मंत्रियों ने भी बताया कि करीब 15000 लोगों को शिविरों में सुरक्षित रखा गया है। अब तक करीब 25000 मकानों के नुकसान की जानकारी मिली है। मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बताया कि इंदौर से 22 मशीनें श्योपुर भेजी गई है। मंत्री तुलसी सिलावट ने बताया ग्वालियर से 2 टन खाद्यान्न और अन्य सामग्री शिवपुरी और श्योपुर भेजी गई है।
पीड़ितों की सूची पंचायत भवनों में लगाने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि राजस्व विभाग क्षति के आंकलन का कार्य पारदर्शी तरीके से करें। पात्र व्यक्ति ना छूटे पंचायत भवन में सूची भी लगाई जाए। नगरीय प्रशासन और अन्य विभागों की ओर से नगरों कस्बों और गांवों में सफाई व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। जरूरी कीटनाशक का छिड़काव भी किया जाए। स्वास्थ्य विभाग देखे कि मलबे के ढेर और गंदगी से रोग ना फैले यह सुनिश्चित किया जाए आवश्यक दवाएं भी उपलब्ध करवाई जाएं। खाद्य विभाग प्रभावितों को राशन और अतिरिक्त खाद्यान्न प्रदान करें।
इन मंत्रियों को रखा गया टास्क फोर्स में
– डॉ नरोत्तम मिश्रा गृहमंत्री
– गोपाल भार्गव लोक निर्माण मंत्री
– तुलसीराम सिलावट जल संसाधन मंत्री
– बिसाहूलाल सिंह खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री
– भूपेंद्र सिंह नगरीय विकास एवं आवास मंत्री
– कमल पटेल किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री
– गोविंद सिंह राजपूत राजस्व मंत्री
– डॉ प्रभु राम चौधरी लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री
– महेंद्र सिंह सिसोदिया पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री
– प्रद्युम्न सिंह तोमर ऊर्जा मंत्री
– प्रेम सिंह पटेल पशुपालन एवं डेयरी मंत्री
– बृजेंद्र सिंह यादव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी राज्यमंत्री