
भोपाल/हरीश फतेह चंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों को लेकर भले ही अब अनिश्चय की स्थिति बन चुकी हो, लेकिन इसके बाद भी ग्राम सरकार बनाने के लिए पूरी ताकत लगाने की तैयारी में जुटी हुई है। भाजपा हर हाल में पंचायत स्तर पर भी अपना केसरिया लहराना चाहती है, जिससे की उसकी पकड़ बूथ स्तर तक और मजबूत हो सके। यही वजह है कि अब भाजपा ने तय किया है कि वह त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में अपने कार्यकर्ताओं की जीत के लिए पूरी मदद करेगी। इस दौरान शिव और वीडी की जोड़ी ने उन हवाबाज नेताओं को साफ चेता दिया है कि उनके भोपाल चक्कर काटने से कुछ नहीं होगा बल्कि उन्हें स्थानीय नेताओं से समन्वय बनाना होगा। बीते रोज मुुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा सहित संगठन के अन्य आला नेताओं की बैठक में तय किया गया है कि यह चुनाव पूरी तरह समन्वय से लड़े जाएंगे। इन चुनावों के लिए संगठन ने एक समिति का भी गठन किया है। इसमें तीन दर्जन नेताओं को शामिल किया गया है।
बैठक में सीएम ने साफ कर दिया कि ग्राम पंचायत से जिला पंचायत तक भाजपा के समर्थक उम्मीदवारों की जीत हो इसके लिए समन्वय के साथ रणनीति बनाकर काम में लग जाएं उधर, गैरदलीय आधार पर होने वाले इन पंचायत चुनावों में जीत तय करने के लिए तय किया गया है कि पार्टी समन्वय से उम्मीदवारों को न केवल उतारेगी, बल्कि ऐसे उम्मीदवारों को पीछे से मदद भी करेगी। दरअसल इन चुनावों के लिए रणनीति बनाने और समन्वय समिति का औपचारिक ऐलान करने के लिए पार्टी की बैठक बुलाई गई थी। इसमें मुख्यमंत्री और प्रदेशाध्यक्ष, राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत समेत आधा दर्जन से अधिक मंत्री, विधायक और पार्टी पदाधिकारी मौजूद थे। इस दौरान शर्मा ने कहा कि ये चुनाव सिम्बालिक आधार पर तो होते नहीं पर यह चुनाव बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को हमें चुनना है जो क्षेत्र के विकास के लिए संकल्पबद्ध हो। उन्होंने कहा कि पार्टी अच्छे कार्यकर्ताओं को पीछे से ताकत देगी। बैठक में इन चुनावों के लिए संचालन समिति के नामों की घोषणा भी की गई।
पार्टी में दावेदारों की भीड़
पंचायत चुनावों की तारीखों की घोषणा के साथ ही सत्ताधारी दल होने की वजह से भाजपा में जिले से लेकर ग्राम पंचायतों तक के पदों के लिए दावेदारों की भारी भीड़ सामने आ रही है। सरपंच का चुनाव सीधे जनता द्वारा तो जिला और जनपद पंचायतों के अध्यक्षों का चुनाव सदस्यों द्वारा किया जाता है। जिला और जनपद पंचायतों में भी एक-एक सीट के लिए कई-कई दावेदार नामांकन भर रहे हैं। इसकी वजह से भाजपा संगठन की चिंता बढ़ी हुई है। बैठक में तय किया गया कि संचालन समिति के सदस्य जिलों में जाकर जिलाध्यक्ष, जिला प्रभारी और संगठन के अन्य आला नेताओं के साथ बैठकर सहमति बनाने का प्रयास करेंगे कि एक सीट से एक ही पार्टी समर्थित प्रत्याशी हो। इसके अलावा यह भी तय किया गया कि जिन स्थानों पर पूरे प्रयासों के बाद भी किसी एक नाम पर सहमति न बन पाए , वहां पर फ्री फार आल कर दिया जाए। सदस्य बनने के बाद उसे जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए भाजपा प्रत्याशी को मत देने के लिए तैयार करने का काम किया जाए।
तीन दर्जन नामों की संचालन समिति गठित
इन चुनावों के लिए 36 सदस्यीय संचालन समिति घोषित की गई है। इसमें प्रदेश के पांच मंत्री सहित कई विधायक, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष और प्रदेश संगठन के पदाधिकारियों को रखा गया है। समिति का संयोजक प्रदेश महामंत्री कविता पाटीदार को बनाया गया है। सदस्यों में मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया, कमल पटेल, अरविंद भदौरिया, गोविंद सिंह राजपूत, भारत सिंह कुशवाहा, रामखेलावन पटेल के अलावा सांसद उदय प्रताप सिंह, ज्ञानेश्वर पाटिल, सम्पतिया उइके विधायक राजेन्द्र शुक्ला, संजय पाठक, रामपाल सिंह, पारस जैन, यशपाल सिंह सिसौदिया, रामेश्वर शर्मा, विजयपाल सिंह, जालम सिंह पटेल, पारस जैन प्रदेश पदाधिकारियों में रणवीर सिंह रावत, मुकेश चतुर्वेदी, शरदेन्दु तिवारी, हरिशंकर खटीक, कांतिदेव सिंह, जीतू जिराती पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह भी शामिल किया गया है।