निवेशकों के लिए शिव सरकार की सौगातें

शिव सरकार

भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश की शिव सरकार मप्र को पर्यटन स्टेट के रुप में देखना चाहती है, यही वजह है कि अब सरकार ने तय किया है कि पर्यटन के क्षेत्र में यदि कोई निजी निवेशक आगे आता है तो उसे कई तरह की सौगातें प्रदान की जाएंगी। इसमें भी खासतौर पर उसे जमीन के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा , बल्कि इसके लिए पहले से ही सरकार ने एक लैंड बैंक तैयार कर रखा है , जिससे उसे जमीन की तलाश के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। यह लैंड बैंक एक हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि का तैयार किया गया है। सरकार द्वारा तय किया गया है कि निवेशकों को भूमि 90 वर्ष के पट्टे पर दी जा सकेगी। खास बात यह है कि निवेशक को वित्तीय संस्थानों से ऋण प्राप्त करने के लिए इस भूमि को गिरवी रखने का भी अधिकार होगा। इसमें भी पट्टे पर ली जाने वाली जमीन पर निवेशकों को स्टांप शुल्क और पंजीकरण शुल्क में भी रियायत मिलेगी। दरअसल सरकार ने इस तरह के फैसले ग्लोबल इंवेस्टर समिट में आए सुझावों के बाद लिए हैं। सरकार ने प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ाने के लिए विशेष निवेश मित्र नीति तैयार की है। इसके तहत पर्यटन नीतियों में प्रमुख रूप से सस्ती एवं आसान दरों पर निवेशकों को शासकीय भूमि का आवंटन, हेरिटेज संपत्तियों का आवंटन, निजी निवेश पर पूँजी निवेश अनुदान, मार्ग -सुविधा केंद्र नीति, जल पर्यटन नीति, ब्रांडेड होटल प्रचार नीति और फिल्म पर्यटन नीति शामिल है। इन नीतियों के माध्यम से प्रदेश में निवेश आमंत्रित करने का काम किया जा रहा है।
यह होगा फायदा
इंदौर में तीन दिन चली ग्लोबल इंवेस्टर समिट (जीआइएस) में पर्यटन विभाग ने देश-विदेश के निवेशकों को मध्य प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र में निवेश के लाभ बताते हुए इसमें अपार संभावनाएं बताई थी और निवेश के लिए आमंत्रित किया था। निवेशकों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए पर्यटन विभाग ने हेरिटेज प्रापर्टी बैंक बनाया है। परिसंपत्तियों के लिए आरक्षित मूल्य केवल एक लाख रुपये रखा गया है।
पांच पर्यटन जोन
प्रदेश को पांच पर्यटन जोन इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, खजुराहो और भोपाल में विभाजित किया गया है। इन क्षेत्रों में लग्जरी होटल हेरिटेज होटल, कन्वेंशन सेंटर, गोल्फ  कोर्स, एयरो स्पोट्र्स, साहसिक और जल पर्यटन परियोजनाएं, मनोरंजन पार्क, रिसार्ट, वाइल्ड लाइफ रिसार्ट, वेलनेस रिसार्ट, स्टैंडर्ड होटल स्थापित करने के लिए भी निजी निवेशकों को आमंत्रित किया जा रहा है। जल पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 22 जल निकाय भी चिन्हित किया गया है। इनमें तीन हजार वर्ग किलोमीटर का इलाका मौजूद है। खास बात यह है कि दूर- दराज के इलाकों में इस तरह की परियोजना को शुरु करने पर सरकार पांच फीसदी अतिरिक्त पूंजीगत अनुदान भी प्रदान करेगी।

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