मप्र में तीन सालों में शिव सरकार साढ़े दस हजार फूड प्रोसेसिंग यूनिट शुरू करेगी

शिव सरकार

भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में किसानों को अधिक उत्पादन होने पर अपनी उपज का सही दाम मिल सके और वे आत्मनिर्भरता में आगे बढ़ सकें, इसके लिए शिव सरकार अब अगले तीन सालों में प्रदेश में 10 हजार 500 फूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने के लक्ष्य को लेकर तेजी से आगे बढ़ रही है। तैयारी के तहत अलग- अलग जिलों में उत्पादित फसल का चयन किया गया है। इसकी शुरूआत प्रदेश सरकार 20 विकासखंडों में 200 फूड प्रोसेसिंग यूनिट एक साथ शुरू करने जा रही है। खास बात यह है कि यह यूनिट अलग-अलग जिलों में शुरू की जाएंगी। इसके लिए किसानों को उन्नत खेती की तकनीक की जानकारी देने के साथ ही प्रशिक्षण देने का काम किया जा रहा है। खास बात यह है कि खाद्य प्रसंस्करण के लिए तैयार की जा रहीं इन इकाइयों से स्वयं सहायता समूहों को जोड़कर रोजगार दिए जाने की योजना बनाई गई है। योजना में ग्वालियर विकासखंड के मुरार और घाटीगांव को भी शामिल किया गया है। यहां पर फूड प्रोसेसिंग की तकनीक और टमाटर सहित अन्य उद्यानिकी फसलों की तकनीक को समझाने के लिए नीदरलैंड के विशेषज्ञों की मदद किसानों को उपलब्ध कराई जाएगी। इसके तहत ग्वालियर -चंबल अंचल के किसानों के लिए बेहटा में टिश्यू कल्चर लैब एंपोरियम का निर्माण किया जा रहा है। यह आधुनिक सिस्टम से लैस होगी। खास बात यह है कि एटोपोरियम तकनीक से लैस होने वाली यह मध्यप्रदेश की पहली लैब होगी। इसी तरह से किसान प्रशिक्षण केन्द्र का काम 1 करोड़ रुपए की लागत से किया जाएगा। उधर, नूराबाद में 10 करोड़ रुपए की लागत से एक्सीलेंस सेंटर की स्थापना की जा रही है। इन फूड प्रोसेसिंग इकाइयों के माध्यम से किसानों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। इसके तहत फूड प्रोसेसिंग इकाइयों से स्वयं सहायता समूहों के 85 हजार सदस्यों को रोजगार मिल सकेगा। इस तरह की इकाई लगाने वाले कृषकों को 500 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी जाएगी। फूड प्रोसेसिंग यूनिट के लिए भी 36 किसानों का चयन कर उनके प्रोजेक्ट को स्वीकृत दी जा चुकी है।
साल दर साल के लक्ष्य तय
प्रदेश सरकार ने फूड प्रोसेसिंग इकाइयों की स्थापना के लिए अगले तीन सालों के लिए लक्ष्य तय किया हुआ है। इसके तहत इस वर्ष 200 इकाई तैयार की जाएंगी, जबकि अगले साल यानी कि 2023 में 3 हजार इकाई लगाने का लक्ष्य है। इसके बाद 2024 में 5 हजार इकाई लगाने का लक्ष्य तय किया गया है, जबकि 2025 में 2500 इकाई लगेंगी।

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