शहरी विकास के लिए खोला शिव सरकार ने खजाना

  • चुनावी साल में शहरों के विकास पर फोकस, मिलेगा 1769 करोड़ ज्यादा…

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। यह साल प्रदेश के साथ ही राजनैतिक दलों के लिए बेहद महत्वपूर्ण रहने वाला है। इसकी वजह है प्रदेश के लिए यह चुनावी साल होना। यही वजह है कि शिव सरकार ने अपने चौथे कार्यकाल के अंतिम बजट में सभी क्षेत्रों के लिए अतिरिक्त रुप से बजट देते हुए नए लक्ष्य तय किए हैं।
इसमें शहरी विकास भी शामिल है। दरअसल बीते साल हुए नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा को बड़े शहरों वाले सात निकायों में महापौर के सात पदों पर हार का सामना करना पड़ा था, जबकि यह सभी शहर भाजपा के मजबूत गढ़ माने जाते रहे हैं। यही वजह है कि इस बार सरकार ने शहरी विकास के लिए बीते साल की तुलना में 1769 करोड़ ज्यादा का प्रावधान किया है। यह राशि बीते साल की तुलना में 12 फीसदी अधिक है। यानि की समाप्त होने जा रहे वित्त वर्ष के लिए जहां 13,113 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था , जबकि नए वित्त वर्ष के लिए 14,882 करोड़ रुपए देना प्रस्तावित किया गया है। यह बात अलग है कि नगरीय विकास विभाग ने 19500 करोड़ रुपए से अधिक का प्रस्ताव भेजा था। हाउसिंग फॉर ऑल योजना में फंड की कमी से जूझ रहे नगरीय निकायों को सहारा देने के लिए 2800 करोड़ रुपए का प्रावधान इस बार किया गया है। यह मौजूदा वर्ष के मुकाबले 1300 करोड़ रुपए अधिक है। साथ ही अधिकारियों-कर्मचारियों के वेतन-भत्तों के लिए चुंगी क्षतिपूर्ति पर निर्भर निकायों को 3600 करोड़ रुपए देने का प्रावधान किया गया है। हालांकि, लगातार दूसरे साल इसमें कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है।
कर्ज अदायगी के लिए 778 करोड़
जल जीवन मिशन और अमृत 2 के लिए 371 करोड़ रुपए रखा गया है। मौजूदा वर्ष के लिए 200 करोड़ रुपए दिया गया है। वहीं नगरीय निकायों को कर्ज की किश्त चुकाने के लिए 778 करोड़ रुपए मुहैया कराए जाएंगे। मौजूदा वित्तीय वर्ष में 650 करोड़ रुपए दिए गए। इसकी व्यवस्था रजिस्ट्री व स्टाम्प ड्यूटी पर मिलने वाले सरचार्ज से की जाएगी। इसी तरह से निकायों के खस्ताहाल बुनियादी इंफ्रास्ट्रक्चर को ठीक करने के लिए 17 अरब रुपए से अधिक का प्रावधान किया गया है। इसमें वेट की क्षतिपूर्ति के तौर 600 करोड़ रुपए दिया जाएगा। सीएम इंफ्रा के चौथे चरण में निकायों को 500 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। इसी तरह से निकायों में सड़कों की मरम्मत के लिए 408 करोड़ रुपए वाहनों पर लगने वाले कर से दिए जाएंगे, जबकि इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए 200 करोड़ रुपए अलग से दिए जाएंगे।
इस तरह से मिलेगी राशि
15 वें वित्त आयोग की अनुशंसा अनुसार निकायों को 1093 करोड़ और स्वच्छ भारत मिशन के लिए 171 करोड़ , जबकि निकायों को समेकित अनुदान के रुप में 151 करोड़ मिलेगें। इसी तरह से अर्बन डेवलपमेंट प्रोजेक्ट में 100 करोड़ , ग्वालियर व सतना स्मार्ट सिटी को 297-297 करोड़, सागर को 198 करोड़ , मूलभूत सेवाओं के लिए निकार्यों को 842 करोड़ , वेट लागू होने से क्षतिपूर्ति के तौर पर 600 करोड़, मिलियन शहरों को 495 करोड़ , पंजीयन व मुद्रांक शुल्क के अधिभार से निकायों को 389 करोड़ रुपए के अलावा अर्बन सर्विसेज इंप्रूवमेंट प्रोग्राम के लिए 108 करोड़ रुपए भी मिलेगें।

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