
भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। मध्यप्रदेश में करीब सात सौ स्कूल ऐसे हैं, जिनमें नए सत्र के शुरू होते ही सरकार तालाबंदी कर देगी। यह वे स्कूल हैं जिनके संचालकों को पांच बार मौका दिए जाने के बाद भी उनके द्वारा इनकी मान्यता का नवीनीकरण नहीं कराया गया है।
स्कूल शिक्षा विभाग ने अब ऐसे स्कूलों पर सख्ती करने की तैयारी पूरी कर ली है। यह स्कूल माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्तर के बताए जा रहे हैं। इस मामले में हद तो यह हो गई है कि इन
स्कूलों के प्रबंधन व प्राचार्यों ने ऑनलाइन मान्यता की प्रक्रिया पूरी करने की सुविधा दी गई , लेकिन इसके बाद भी मान्यता नवीनीकरण कराने के लिए आवेदन तक नहीं किया गया है। इसकी वजह से अब इन स्कूलों की मान्यता इसी साल मार्च 2022 में स्वत: ही खत्म हो जाएगी। अब इसको लेकर प्रदेश मुख्यालय स्तर से जिला शिक्षा अधिकारियों को नोटिस भी दिए जा चुके हैं। स्कूल शिक्षा विभाग ने अब पालकों को निर्देश दिए हैं कि वे इन स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं का समय रहते अन्य स्कूलों में प्रवेश करा लें। इसके लिए अब लोक शिक्षण संचालनालय से संभागीय अधिकारियों को पत्र और के साथ स्कूलों केनाम की सूची भी भेजी जा चुकी है। यह सूची आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय के द्वारा जारी की गई है। इसमें साथ ही संकुल प्राचार्यों को भी आगाह किया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में आने वाले इन स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के अभिभावकों से संपर्क करें और उन्हें तथ्यात्मक रूप से बताएं कि पांच बार तारीख बढ़ाने के बाद भी इन स्कूलों की मान्यता का नवीनीकरण नहीं करवाया गया।
तारीख पर तारीख , पर नहीं ली रुचि
लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा जारी किए गए पत्र में कहा गया है कि अशासकीय माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों ने मान्यता नियम 2017 एवं 2020 के तहत नवीनीकरण के लिए आॅनलाइन आवेदन मांगे गए थे , लेकिन इनके द्वारा आवेदन नहीं किया गया। मान्यता नवीनीकरण के लिए इसके बाद एक के बाद एक कर पांच बार आवदेन करने के लिए पांच बार तारीख भी बढ़ाई गई। इसके बाद भी आवेदन नहीं किए गए। यही वजह है कि अब संचालनालय को लगता है कि इनके प्रबंधक या संचालक आगामी सत्र से स्कूल चलाना नहीं चाहते हैं। पत्र में कहा गया है कि मान्यता अवधि समाप्त होने के बाद इनमें से एक भी स्कूल ना चलना तय किया जाए।
किस जिले के कितने स्कूल सूची में
मान्यता नवीनीकरण नहीं करवाने वाले स्कूलों की जिले वार सूची जारी की गई है। इस सूची में नवगठित निवाड़ी जिले को छोड़कर सभी 51 जिलों के 681 विद्यालयों के नाम दिए गए हैं। सूची में जिलेवार ऐसे स्कूलों की संख्या में सर्वाधिक
स्कूल इंदौर जिले के हैं। इंदौर जिले में सर्वाधिक 45 स्कूल हैं। इसी तरह से भोपाल और उज्जैन जिलारें के 36- 36, ग्वालियर 29, मुरैना 28, जबलपुर 27, सतना 26, भिण्ड 23, रीवा 23, धार 21, देवास 21, सीहोर 20, सागर 20, विदिशा 18, राजगढ़ 18, शाजापुर 15, खरगोन 15, छतरपुर 14, छिंदवाड़ा 14, शहडोल 13, होशंगाबाद 13, बालाघाट 13, मंदसौर 13, गुना 12, रायसेन 12, बैतूल 12 और नीमच जिले के 12 स्कूलों के नाम शामिल हैं। उधर, डिंडोरी, उमरिया और अलीराजपुर जिले के एक-एक स्कूल है जबकि, अन्य 21 जिलों के ऐसे स्कूलों की संख्या दो से लेकर दस तक है।