सात दर्जन पुल हुए बेहद खतरनाक

पीडब्ल्यूडी

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। समय -समय पर रखरखाव नहीं होने की वजह से प्रदेश के प्रमुख मार्गों पर स्थित करीब सात दर्जन पुल खतरनाक स्थिति में पहुंच चुके हैं। अगर अनका जल्द ही रखरखाव नहीं किया गया , तो वे कभी भी क्षतिग्रस्त होकर बड़ी दुर्घटना की वजह बन सकते हैं। विभाग का आंकलन है कि अगर अभी इनकी मरम्मत की जाती है तो इन पर करीब 127 करोड़ रुपए का खर्च आएगा।
विभाग भी मानता है कि इन खतरनाक बन रहे पुलों को तत्काल मरम्मत की जरूरत है। इन पुलों को लेकर पीडब्ल्यूडी ने प्रदेश स्तरीय रिपोर्ट सरकार को भेजी है। आश्चर्य की बात तो यह है कि इसमें 65 पुल ऐसे हैं ,जो 68 साल पुराने हैं। इसका निर्माण साल 1956 से 1961 के बीच किया गया था। बीते विधानसभा सत्र के दौरान सरकार को भेजी गई पीडब्ल्यूडी के ब्रिज जोन की रिपोर्ट में बताया गया है कि ग्वालियर, चंबल और सागर संभाग में खस्ताहाल ब्रिजों की संख्या सर्वाधिक है। इसके बाद जबलपुर, इंदौर और उज्जैन संभाग में ब्रिजों की स्थिति खराब है। वर्ष 2021, अक्टूबर में ग्वालियर और चंबल संभाग में बाढ़ के दौरान सात पुल टूट गए थे। तब जर्जर या सालों पहले बने होने के कारण कमजोर हो चुके पुल का सुधार कार्य भी शुरू किया गया था। बीते 24 माह में करीब 73 करोड़ रुपये लागत से 56 जर्जर ब्रिज का सुधार पीडब्ल्यूडी ने पूरा किया।
मोबाइल ब्रिज इंफेक्शन यूनिट से किया परीक्षण
पीडब्ल्यूडी ने रिपोर्ट तैयार करने के लिए सेफ्टी ऑडिट किया है। पहले चरण में कुल 92 ब्रिजों का फ्रांस की एआईसी कंपनी ने ऑडिट किया। इसके अलावा 89 ब्रिजों का ऑडिट दिल्ली की फीडबैक कंपनी ने किया। अफसरों ने बताया कि मशीनों और लेजर की अत्याधुनिक तकनीक के जरिए ऑडिट किया गया। सात करोड़ की मोबाइल ब्रिज इंफेक्शन यूनिट के जरिए ब्रिजों में लगा लोहा, कंक्रीट, अंडर वाटर टेस्टिंग, कंटूर समेत अन्य परीक्षण किए गए। फिलहाल प्रदेश में यह ऑडिट भी जारी है। कंपनी तीन अलग-अलग यूनिट के जरिए ब्रिजों का परीक्षण कर रही है।
इन संभागों में हैं सर्वाधिक पुराने पुल
रिपोर्ट में बताया गया है कि प्रदेश में पीडब्ल्यूडी का गठन वर्ष 1956 में हुआ था। लेकिन इससे पहले भी अंग्रेजों ने कई ब्रिजों का निर्माण कराया था। इसके अलावा विभाग ने वर्ष 1978 तक कुल 322 रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी), फ्लाईओवर, वृहद पुल का निर्माण कराया। जो कम से कम 45 साल पुराने हो चुके हैं। साल 1956 से 1961 के बीच प्रदेश में पीडब्ल्यूडी ने 65 पुलों का निर्माण कराया था। इस साल तैयार हुई 86 पुलों की तत्काल मरम्मत की सूची में इन ब्रिजों की संख्या 32 है।
कब कितने पुलों का निर्माण
प्रदेश में सर्वाधिक पुलों का निर्माण 1978 से 1985 के बीच किया गया है। इस अवधि में कुल 91 पुल बनाए गए हैं। इसके बाद  1961 से 1966 तक 89 पुल बनाए गए हैं।  1956 से 1961 तक 65, 1966 से 1969 तक 43, 1969 से 74 के बीच 61 , 1994 से 75 के बीच 15, 1975 से 1976 के बीच 34 ,  1976 से 1977 तक 15, 1985 से 1986 के बीच 20, 1986 से 1987 तक 28 और 1987 से 1988 तक के बीच 30 पुलों का निर्माण किया गया है।

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