
भोपाल/विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सेवादल नई भूमिका में नजर आएगा। पार्टी ने उसे विधानसभा चुनावों में जीत दिलाने का टास्क दिया गया है। विशेषकर उन सीटों को जिताने का टास्क दिया है, जहां कांग्रेस को लगातार हार का सामना करना पड़ रहा है। प्रदेश में 70 सीटें ऐसी हैं, जहां पर कांग्रेस लगातार पिछले तीन चुनाव से हार रही है। इन विस क्षेत्रों में कांग्रेस सेवादल कार्यकर्ता घर- घर जाकर कांग्रेस के पक्ष में मतदान करने की अपील करेंगे। कांग्रेस सेवादल के कार्यकर्ता प्रत्याशियों को लेकर भी आमजन और कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेंगे। चर्चा है कि कांग्रेस सेवादल की रिपोर्ट के आधार पर ही प्रत्याशियों का चयन किया जाएगा। आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की पूरी कोशिश सत्ता में वापसी की है। इसके लिए कांग्रेस लगातार हार रही सीटों पर भी फोकस कर रही है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने इन विस क्षेत्रों में कार्यकर्ताओं को भाजपा से मुकाबला करने के लिए तैयार करने का जिम्मा सेवादल को सौंपा है। सेवादल इसके लिए 3 से 5 दिन के शिविर लगाकर हार के कारणों के साथ मौजूदा विधायकों की कमजोरी व क्षेत्र की प्रमुख समस्या का पता लगाएंगे।
रिपोर्ट भी तैयार करेगा सेवादल: सेवादल के मुख्य संगठक योगेश यादव के मुताबिक मई में विधानसभावार शिविर आयोजित किए जाएंगे। इसमें कार्यकर्ताओं को बूथ प्रबंधन की बारीकियां बताने, क्षेत्र की चुनौतियों को चिन्हित करने, सभी कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने मतदाताओं से संपर्क के दौरान चर्चा के बिंदुओं के बारे में भी बात जाएगी। साथ ही वर्तमान विधायकों की कमजोरी और क्षेत्र की समस्याओं की जानकारी लेकर प्रतिवेदन तैयार किया जाएगा। सेवादल विधानसभा क्षेत्रों में शिविर लगाने से पहले इंदौर में 27 से 29 अप्रैल तक जिला अध्यक्ष व प्रभारियों के लिए शिविर आयोजित करेगा। इसमें आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों के अलावा बूथ स्तर तक संगठन विस्तार पर चर्चा की जाएगी।
इन सीटों पर लगातार हार रही कांग्रेस: रहली, सागर, बीना, नरयावली, गुना, शिवपुरी, दतिया, डॉ. अंबेडकर नगर, इंदौर दो, इंदौर चार, इंदौर पांच, बिजावर, चांदला, पथरिया, हटा, सिरमौर, सेमरिया, त्यौंथर, रामपुर बघेलान, रीवा, सीधी, सिंगरौली, देवसर, धौहनी, जैतपुर, बांधवगढ़, मानपुर, मुड़वारा, जयसिंह नगर, जबलपुर कैंट, पनागर, सिहोरा, परसवाड़ा, बालाघाट, सिवनी, आमला, टिमरनी, सिवनी मालवा, होशंगाबाद, सोहागपुर, पिपरिया, भोजपुर, कुरवाई आदि सीटें शामिल हैं।
मई-जून में लगाए जाएंगे शिविर
कार्यकर्ताओं को बूथ प्रबंधन की बारीकियां बताने के साथ मतदाताओं से संपर्क और उनसे चर्चा के प्रमुख बिंदुओं के बारे में भी बताया जाएगा। शिविर मई-जून में लगाए जाएंगे। सत्ता में वापसी के लिए कांग्रेस ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा में जाने वाले विधायकों की सीटों के साथ उन विधानसभा क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जहां लगातार पराजय मिल रही है। सागर जिले के रहली विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस लगातार आठ बार हार चुकी है। यहां सामाजिक, क्षेत्रीय सहित अन्य समीकरणों को ध्यान में रखते हुए प्रत्याशी भी बदलने पर सफलता नहीं मिली। इसी तरह की 70 सीटें चिन्हित की गई हैं। इन पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को ध्यान देने के लिए कहा गया है। कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के कार्यक्रम भी इन्हीं क्षेत्रों में पहले हो हो रहे हैं।