
-मुख्य निर्वाचन अधिकारी का सभी राजनीतिक दलों से अपील
-एसआईआर कार्य के लिए प्रत्येक मतदाता के घर अनिवार्य रूप से जाएं बीएलओ
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मप्र संजीव कुमार झा ने निर्वाचन सदन भोपाल में मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की और प्रदेश में चल रहे एसआईआर कार्य के बारे में जानकारी दी। साथ ही मतदाता सूची को शुद्ध व त्रुटिरहित बनाने को लेकर चर्चा की। उन्होंने कहा कि एसआईआर के लिए बीएलओ के साथ अपने बीएलए को भेजे। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि एसआईआर कार्य के लिए बीएलओ अपने मतदान केंद्र अंतर्गत आने वाले प्रत्येक मतदाता के घर जाएंगे और मतदाता का भौतिक सत्यापन करेंगे। उन्होंने कहा कि भ्रमण आधारित सत्यापन से न केवल नई मतदाता पंजीकरण प्रक्रिया मजबूत होगी, बल्कि त्रुटियों में भी सुधार होगा। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से बीएलओ को सही जानकारी उपलब्ध कराने में सहयोग करने का आग्रह किया है। जिससे मतदाता सूची को शुद्ध व त्रुटि रहित बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि सभी जिलों के कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी से कहा गया है कि एसआईआर के सभी कार्य निर्धारित समय में पूरे किए जाएं। इस काम में किसी तरह की लापरवाही न बरतें। फील्ड में यदि कोई परेशानी आए, तो तत्काल हमें अवगत कराएं।
समस्याओं से कराया अवगत
बैठक में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने एसआईआर के कार्य में सामने आ रही समस्याओं से मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को अवगत कराया और उनके निराकरण की मांग की। उन्होंने गणना पत्रक वितरण की धीमी गति पर चिंता जाहिर की। बैठक में भाजपा और कांग्रेस एसआईआर से जुड़े एक मुद्दे पर एक राय नजर आए। दोनों ही दलों ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से कहा कि हमें ऐसे पोलिंग बूथों की सूची दी जाएं, जिन पर लोग गणना पत्रक भरकर बहुत कम वापस कर रहे हैं। ऐसे बूथों पर हम बीएलए को निर्देशित करेंगे कि वे इस काम में गति लाएं, ताकि तय समय सीमा में प्रक्रिया को पूरा किया जा सके। बैठक में भाजपा प्रतिनिधियों ने कहा कि कुछ स्थानों पर 2003 की मतदाता सूची के साथ परिवर्धन सूची संलग्न नहीं की गई जिसके कारण मतदाताओं को कठिनाई हो रही है। उन्होंने कहा कि कुछ स्थानों से अभी भी गणना पत्रक नहीं बंटने की सूचनाएं प्राप्त हो रही है। कई जगह बीएलओ का कहना है कि उनको घर बंद मिल रहे हैं। एसआईआर प्रक्रिया में ऐसी स्थिति के लिए यह निर्देश दिया गया है कि यदि कहीं घर बंद मिलता है, तो दरवाजे के नीचे से गणना पत्रक डाले जा सकते हैं, लेकिन कई बीएलओ द्वारा इसका पालन नहीं किया जा रहा है। गणना पत्रक बांटने के बाद उसे एप पर फीड करना होता है, लेकिन एप में तकनीकी दिक्कतें आने के कारण गणना पत्रक भरकर देने का काम धीमा है। गणना पत्रक के डिजिटाइजेशन यानी ऑनलाइन अपलोड करने का कार्य बहुत धीमा है। बैठक में मप्र कांग्रेस की एसआईआर प्रक्रिया की निगरानी एवं समन्वय के लिए गठित समिति के अध्यक्ष सज्जन सिंह वर्मा ने सवाल उठाया कि 2003 में जो लोग किसी अन्य शहर में थे, उनका नाम उस समय की मतदाता सूची में कैसे होगा। उन्होंने कहा कि जिन घरों पर ताले लटक रहे हैं, बीएलओ उनके फॉर्म किसको दे रहे हैं, यह स्पष्ट किया जाए। बीएलओ फॉर्म वितरण के लिए पार्टी की ओर से नियुक्त बीएलए को साथ लेकर जाएं, ताकि फॉर्म ठीक से बांटे जा सकें। जो लोग फॉर्म भरकर वापस नहीं कर रहे है, उनकी सूची अलग से तैयार कर टांगी जाए। समिति के सदस्य जेपी धनोपिया ने कहा कि नौ दिसंबर को नई ड्राफ्ट वोटर लिस्ट के प्रकाशन के बाद लोगों के दावे-आपत्तियां सुनने के लिए बीएलओ को संबंधित पोलिंग बूथ पर बैठने के निर्देश दिए जाएं।
एसआईआर में धीमी प्रगति पर जताई नाराजगी
चुनाव आयोग ने एसआईआर में धीमी प्रगति पर एक बार फिर भोपाल, इंदौर, ग्वालियर समेत बड़े शहरों वाले जिलों के कलेक्टरों को फटकार लगाई है। चुनाव आयोग की डायरेक्टर शुभ्रा सक्सेना ने इन कलेक्टरों से कहा है कि अगर अगली मीटिंग के पहले एसआईआई डिजिटाइजेशन में सुधार नहीं हुआ तो कलेक्टरों समेत उनके अधीनस्थ अमले पर कार्रवाई होना तय है। सक्सेना ने यह नाराजगी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये ली गई कलेक्टरों की मीटिंग में जताई है। उधर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने राजनीतिक दलों की बैठक लेकर भी इस काम में तेजी लाने के लिए कहा है। बुधवार को चुनाव आयोग के अफसरों ने एक बार फिर एसआईआई के गणना पत्रक वितरण और डिजिटाइजेशन को लेकर कलेक्टरों के साथ संवाद किया। भोपाल जिले में गणना पत्रकों के डिजिटाइजेशन में सबसे अच्छी प्रोग्रेस बैरसिया विधानसभा में है। यहां 28.86 प्रतिशत दस्तावेज डिजिटाइज हुए हैं। वहीं भोपाल उत्तर, नरेला, भोपाल दक्षिण पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में 5.07 प्रतिशत, 5.57 और 5.58 प्रतिशत डिजिटाइजेशन हुआ है। भोपाल मध्य, गोविन्दपुरा, हुजूर विधानसभा में 4.38 प्रतिशत, 5.69 और 10.80 प्रतिशत गणना पत्रर डिजिटाइज हुए हैं। इस तरह भोपाल जिले का औसत डिजिटाइजेशन प्रतिशत 8.77 है।
छोटे जिलों की स्थिति सुधरी
बताया जाता है कि इस दौरान यह जानकारी आई कि शहडोल, उमरिया, अनूपपुर जैसे छोटे जिलों की स्थिति में सुधार आया है। इन जिलों में पिछली मीटिंग में गड़बड़ पर कलेक्टरों को डांट पड़ी थी, लेकिन भोपाल, इंदौर, ग्वालियर जैसे बड़े शहरों में डिजिटाइजेशन का प्रतिशत काफी कम है। इसके चलते चुनाव आयोग की डायरेक्टर शुभ्रा सक्सेना ने इन कलेक्टरों से नाराजगी जताते हुए कहा कि वे अगली बैठक के पहले परफार्मेंस सुधार लें अन्यथा आयोग कार्यवाही करेगा। इन जिलों का डिजिटाइजेशन प्रतिशत अभी दस से कम ही है।
