
- 500 चयनित आरक्षकों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की तैयारी
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। एक तरफ प्रदेश में सरकारी नौकरियों के लिए युवा रात-दिन एक किए हुए हैं, वहीं दूसरी तरफ पुलिस आरक्षक भर्ती में चयनित करीब 500 आरक्षक प्रशिक्षण केंद्र अलॉट होने के बाद भी ट्रेनिंग के लिए नहीं पहुंचे हैं। पुलिस महकमा इन गायब हुए नव आरक्षकों की जानकारी जुटा रहा है और इन्हें रिमाइंडर भी भेज चुका है। इसके बाद भी इन चयनित आरक्षकों में से किसी ने भी न तो कोई जवाब दिया है और न ही ट्रेनिंग से नदारद होने की कोई वजह बताई है। यह घटना एक गंभीर अनुशासनात्मक मुद्दा है। सूत्रों का कहना है कि अब ऐसे आरक्षकों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
गौरतलब है कि पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा 2023 में सिलेक्शन के बाद प्रदेश की अलग-अलग यूनिट में 4000 से अधिक आरक्षकों ने अपनी आमद दी थी। नियम के अनुसार इन सभी चयनित अभ्यर्थियों को नौ माह के प्रशिक्षण के लिए पुलिस ट्रेनिंग स्कूल में भेजा जाना था। इन सभी को प्रशिक्षण केंद्र भी अलॉट कर दिए गए थे, लेकिन इसके बाद भी लगभग 500 अभ्यर्थी ट्रेनिंग से नदारद हैं। फिलहाल प्रदेश के 8 पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में आरक्षक भर्ती परीक्षा 2023 के जरिए चयनित केवल 3498 कैंडिडेट ही ट्रेनिंग ले रहे हैं। चयन के बाद पीटीसी इंदौर में 996, पीटीएस सागर में 305, पीटीएस तिगरा में 554, पीटीएस उमरिया में 232, पीटीएस रीवा में 472, पीटीएस पचमढ़ी में 207, पीटीएस उज्जैन में 206 और पीटीएस भौंरी में 526 यानी कुल 3498 आरक्षक ट्रेनिंग ले रहे हैं।
शुरू में एक हजार ने नहीं दी ज्वाइनिंग
प्रदेश की पुलिस ने आरक्षकों के 7500 पदों की भर्ती के लिए 2023 में विज्ञापन जारी किया था। इसके बाद लिखित परीक्षा और चयन प्रक्रिया पूरा होने पर मार्च 2025 में इनके सिलेक्शन की लिस्ट जारी की गई। आरक्षण के नियमों के अनुसार व्यापमं द्वारा ली गई परीक्षा के बाद 7411 सफल आवेदकों की लिस्ट जारी की गई। इनमें से 87 फीसदी लगभग 6000 के नाम सूची में रखे गए जबकि 13 फीसदी पद ओबीसी आरक्षण को लेकर कोर्ट में लंबित मामले के कारण रिजर्व रखे गए। इसके बाद लगभग 5000 आवेदकों को नियुक्ति पत्र जारी कर दिए गए थे। इस दौरान एक हजार ऐसे आवेदक थे जिन्होंने ज्वाइनिंग ही नहीं दी, जबकि 4000 ने सफल उम्मीदवारों ने आवंटित की गई यूनिटों में आमद दे दी। इन चयनित अभ्यर्थियों को आमद के बाद फिटनेस और मेडिकल की औपचारिकताओं को पूरा कर 9 माह के प्रशिक्षण के लिए पुलिस के ट्रेनिंग स्कूलों में जाना था। इसके लिए 4000 कैंडिडेट को छह माह पहले ही ट्रेनिंग सेंटर आवंटित करने के आदेश हो गए थे। इसके बाद भी प्रशिक्षण केंद्रों में लगभग 500 चयनित अभ्यर्थी पहुंचे ही नहीं। पीएचक्यू की प्रशिक्षण शाखा से मिली जानकारी के मुताबिक इस समय केवल 3498 नव-आरक्षकों की ट्रेनिंग चल रही है। इस मामले को लेकर जहां प्रशिक्षण शाखा के अनुसार जो भी सफल उम्मीदवार ट्रेनिंग के लिए आए उनका प्रशिक्षण जारी है और ट्रेनिंग में नहीं आने वाले कैंडिडेट के संबंध में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। इधर, चयन एवं भर्ती शाखा के अफसरों ने इस मामले पर चुप्पी साध ली है।
पकड़ाया था फर्जीवाड़ा
गौरतलब है कि इसी साल पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा 2023 में फिंगरप्रिंट क्लोनिंग और बायोमेट्रिक क्लोन के जरिए फर्जीवाड़ा भी पकड़ में आया था। पुलिस ने इस संबंध में 20 से अधिक एफआईआर दर्ज कर लगभग 32 से अधिक आरोपियों को हिरासत में लिया था। जालसाजों ने असली उम्मीदवार की जगह डमी कैंडिडेट (सॉल्वर) बैठाने के लिए उनके फिंगरप्रिंट का सिलिकॉन क्लोन तैयार किया था। इसके अलावा इस फर्जीवाड़े से जुड़े गिरोहों में आधार कार्ड की डेमोग्राफिक अपडेट सुविधा का दुरुपयोग कर असली उम्मीदवार के आधार कार्ड में सॉल्वर की फोटो अपडेट करवाई थी। बाद में ऐसे संदिग्ध उम्मीदवारों की सूची बनाई गई और उनके फिजिकल टेस्ट के दौरान गहराई से जांच शुरू की गई। बाद में उजागर हुआ कि ग्वालियर, भिंड और मुरैना में ऐसे गिरोहों को दबोचा जो 5 से 10 लाख रुपये लेकर आधार कार्डच और बायोमेट्रिक में हेरफेर कर सॉल्वर बैठाने का काम कर रहे थे। इसे इस खुलासे का भी असर माना जा सकता है कि सिलेक्ट हुए 6000 कैंडिडेट्स में से एक हजार तो यूनिटों में आमद देने ही नहीं पहुंचे थे।
