
- फिर से होगी मुख्य परीक्षा 20219
भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र लोक सेवा आयोग द्वारा राज्यसेवा मुख्य परीक्षा 2019 में ओबीसी आरक्षण को लेकर अपनाए गए मनमाफिक फार्मूले की वजह से चयनित अभ्यर्थियों को बड़ा झटका लगने जा रहा है। मुख्य परीक्षा 2019 अब फिर से होगी। पीएससी ने खुद इसके संकेत दिए हैं। यह पहला मौका होगा। जब राज्यसेवा मुख्य परीक्षा फिर से करवानी पड़ेगी। पीएससी की तमाम परीक्षाओं के नतीजे और प्रक्रिया ओबीसी आरक्षण के पेंच में उलझे हुए हैं। असल में कुल 577 पदों के लिए ये परीक्षा मार्च 2021 में ही आयोजित हो चुकी है। परीक्षा के नतीजे भी जारी कर दिए गए थे। परीक्षा में पास हुए 1918 अभ्यर्थी इंटरव्यू के आखिरी दौर में शामिल होने का इंतजार कर रहे थे। राज्यसेवा परीक्षा 2019 का रिजल्ट पीएससी ने नए भर्ती नियम के हिसाब से जारी किया था। पुरानी परीक्षाओं से अलग इसमें आरक्षित वर्ग के मेरिट होल्डर अभ्यर्थियों को अनारक्षित सीटों पर नहीं चुना। इस संशोधन के खिलाफ लगाई याचिका पर हाई कोर्ट ने 7 अप्रैल को निर्णय सुना दिया था। कोर्ट ने पुराने भर्ती नियम यानी राज्यसेवा नियम 2015 के हिसाब से रिजल्ट को संशोधित कर जारी करने का आदेश दिया है। अभ्यर्थी अब तक मान रहे थे कि पीएससी रिजल्ट में ही संशोधन कर इंटरव्यू का रास्ता निकाल लेगा। पीएससी की ओर से साफ कर दिया गया है कि क्योंकि पुराने नियम का पालन करते हुए नया रिजल्ट जारी करना होगा। ऐसे में यह संभव नहीं है कि पूर्व घोषित अभ्यर्थियों के इंटरव्यू करवाए जा सकें। लिहाजा पीएससी को राज्यसेवा मुख्य परीक्षा 2019 फिर से आयोजित करनी ही होगी।
ओबीसी आरक्षण के फेर में अटके नतीजे
पीएससी की सभी परीक्षाओं के नतीजे और प्रक्रिया ओबीसी आरक्षण के पेंच में उलझे हुए हैं लेकिन यह मामला कुछ अलग है। पीएससी ने राज्य सेवा परीक्षा 2019 का रिजल्ट नए भर्ती नियम के हिसाब से जारी किया था। इस परीक्षा में आरक्षित वर्ग के मेरिट होल्डर अभ्यर्थियों को अनारक्षित सीटों पर नहीं चुना था। इस संबंध में मप्र लोकसेवा आयोग के अधिकारियों ने बताया कि अभ्यर्थी राज्यसेवा 2019 के इंटरव्यू करवाने की मांग कर रहे हैं लेकिन ,अब यह संभव नहीं है। पुराने नियम से ही नया रिजल्ट बनेगा। इसके लिए फिर से मुख्य परीक्षा करवानी होगी। ओबीसी आरक्षण पर स्थिति साफ हो जाने के बाद हम यह परीक्षा फिर से करवाएंगे।
पूर्व घोषित अभ्यर्थियों के इंटरव्यू करवाए जा सकें, यह संभव नहीं है। लिहाजा पीएससी को राज्यसेवा मुख्य परीक्षा 2019 फिर से आयोजित करनी होगी। ओबीसी आरक्षण का विवाद अभी कोर्ट में लंबित है इसलिए आरक्षण पर स्थिति साफ होने के बाद ही राज्यसेवा मुख्य परीक्षा 2019 भी फिर से आयोजित करवाई जाएगी। पीएससी के इस रुख से आखिरी दौर तक पहुंचे 1918 अभ्यर्थियों को सबसे ज्यादा झटका लगा है। हालांकि करीब 11 हजार उम्मीदवारों को प्रतियोगिता में वापस लौटने का एक और मौका मिलता दिख रहा है जो पहले असफल होकर बाहर हो चुके हैं।
ओवरएज हो चुके कैंडीडेट्स के लिए मौका
मुख्य परीक्षा के लिए करीब 11 हजार से अधिक कैंडीडेट्स को बुलाया जाएगा। ऐसे अभ्यर्थी जो अब तक ओवरेज हो चुके हैं, उन्हें पुरानी उम्र के आधार पर ही मुख्य परीक्षा 2019 में बैठने का मौका मिलेगा। हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार पीएससी को एक आदेश निकालकर पुराने परीक्षा परिणाम को निरस्त करने की अधिसूचना जारी करना पड़ेगी। पीएससी की 2019 की मुख्य परीक्षा निरस्त होने से 2019 में प्रारंभिक परीक्षा देने वाले सफल और मुख्य परीक्षा दे चुके कई कैंडिडेट्स बाहर हो जाएंगे। खासकर सामान्य वर्ग वाले कैंडिडेट्स को नुकसान होगा। अब नए सिरे से पुराने नियम के आधार पर रिजल्ट जारी होगा, तो करीब 700 छात्रों को मुख्य परीक्षा में बैठने का मौका मिलेगा, इनमें कई अभ्यर्थी ऐसे भी होंगे जो पुरानी व्यवस्था में बाहर हो गए थे।
परीक्षा में कब, क्या हुआ
नवंबर, 2019 में पीएससी ने राज्यसेवा 2019 घोषित की थी। 12 जनवरी, 2020 को प्रारंभिक परीक्षा कराई गई। प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम 21 दिसंबर, 2020 को जारी किया। प्रारंभिक परीक्षा से 10,767 विद्यार्थी मुख्य परीक्षा के लिए चुने गए। 21 से 26 मार्च, 2021 तक मुख्य परीक्षा आयोजित हुई और 31 दिसंबर 2021 को मुख्य परीक्षा का परिणाम घोषित हुआ। मुख्य परीक्षा से 1918 अभ्यर्थी इंटरव्यू के अंतिम दौर के लिए चुने गए। फरवरी में इनके इंटरव्यू कराने की घोषणा करते हुए जनवरी, 2022 में सभी से दस्तावेज भी एमपीपीएससी ने जमा करवा लिए थे।