दस जिलों में तय दरों से अधिक कीमत में खरीदे बीज

खरीदे बीज
  • खुली पोल: राज्य सरकार को लगा करोड़ों का चूना

भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में शायद ही ऐसा कोई विभाग हो जिसके अफसर मौका मिलते ही भ्रष्टाचार करने में पीछे रहते हों। यह हाल तब है जब प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की सरकार भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टॉलरेंस के दावे करने में पीछे नहीं रह रहे हैं। दरअसल प्रदेश की अफसरशाही से लेकर निचले स्तर तक के अफसर मौका मिलते ही भ्रष्टाचार की वैतरणी में कूदने से बाज नहीं आ रहे है। इसी तरह के भ्रष्टाचार का एक मामला अब कृषि महकमे से जुड़ा सामने आया है। इसका खुलासा हुआ है भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट से।
कैग ने अपने प्रतिवेदन में बताया है कि प्रदेश के धार, हरदा, बड़वानी, खरगोन आदि जिलों में निजी बीज विक्रेता संस्थाओं को फायदा पहुंचाने के लिए तय दरों से अधिक कीमत पर बीज की खरीदी कर डाली गई। इसकी वजह से सरकारी खजाने को 10 करोड़ 63 लाख की चपत लग गई। इसमें बताया गया है कि इतनी राशि अधिक खर्च करने के बाद भी खरीदा गया बीज गुणवत्ता के मामले में अमानक पाए गए। बीते विधानसभा सत्र में पेश किए गए कैग के प्रतिवेदन में कहा गया है कि कृषि विकास विभाग द्वारा प्रत्येक किस्म के बीजों की दरों का निर्धारण किया जाता है। इस बीज खरीदी की जांच के लिए कैग द्वारा प्रदेश के 20 जिलों के दस्तावेजों की जांच की गई है। इसमें आधे यानि की दस जिलों अलीराजपुर, अनूपपुर, अशोकनगर, बड़वानी, भिंड, धार, डिंडोरी, हरदा, जबलपुर, कटनी, खरगोन, नरसिंहपुर, नीमच, राजगढ़, सागर, सिवनी, श्योपुर और शिवपुरी जिलों में किसानों के लिए राष्ट्रीय बीज निगम के अलावा साईनाथ बीज, मां गायत्री बीज, नेफेड बायो फर्टिलाइजर, श्री तिरुपति बालाजी, नुजीवीडू सीड्स, हिंदुस्तान इंसेक्टिसाइड और कावेरी सीट से निर्धारित दरों से अधिक कीमत पर बीज की खरीदी की गई। इसकी वजह से किसानों को दो करोड़ 56 लाख रुपए का अतिरिक्त राशि का भुगतान करना पड़ा। जांच प्रतिवेदन के अनुसार धार में चार करोड़ 71 लाख में 4280.23 कुंटल और खरगोन ने 4 करोड़ 87 लाख रुपए में 4241. 97 क्विंटल बीच खरीदा, यानी दोनों जिलों में एनएससी से खरीदे गए बीज की उच्च दरों से 368 रुपए से अधिक कीमत का भुगतान किया गया।
अपात्र किसानों कर दिया वितरण
यह बीज 2 हेक्टेयर से कम भूमि वाले लघु एवं सीमांत किसानों को वितरित किए जाने थे। अभिलेखों की जांच में पता चला कि 2016-17 से 2018-2019 के दौरान अशोकनगर, बड़वानी, धार, डिंडोरी, हरदा, कटनी, खरगोन, नरसिंहपुर, राजगढ़, सिवनी शाजापुर और श्योपुर में 847 अपात्र किसानों को बीज वितरित कर दिए गए।

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