आईएफएस अफसर से लिया जा रहा एसडीओ का काम

आईएफएस अफसर
  • आदिवासी अधिकारी के साथ भेदभाव

भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। जंगल महकमे में काम भी जगंल की तरह ही हो रहा है। यह ऐसा सरकारी विभाग है, जो अपने क्रिया कलापों की वजह से हमेशा ही चर्चा में बना रहता है। हालात यह हैं की एक आईएफएस अफसर को बीते छह माह से डीएफओ के पद पर पदस्थापना देने की जगह उससे एसडीओ का काम कराया जा रहा है। खास बात यह है की यह अफसर अनुसूचित जनजाति से आते हैं। इस वर्ग के अफसर का यह हाल तब है, जबकि प्रदेश सरकार को पूरा फोकस उनके समुदाय पर बना हुआ है। दरअसल सहायक संचालक सतपुड़ा टाइगर रिजर्व पिपरिया ओंकार सिंह मर्सकोले 31 जनवरी को राज्य वन सेवा से आईएफएस के लिए पदोन्नत हुए थे। इसके बाद भी उनकी नवीन पदस्थापना नहीं की जा रही है, जबकि उनके साथ ही पदोन्नत हुए अन्य 22 अफसरों को डीएफओ के पद पर पदस्थ किया जा चुका है। हद तो यह हो गई की विभाग के आला अफसर  इस मामले में मर्सकोले को ही दोष दे रहे हैं की उन्होंने अब तक विभाग को यह क्यों नहीं बताया की पदोन्नति के बाद  वे अभी भी एसडीओ के पद पर ही काम कर रहे हैं। इससे विभाग की कार्यप्रणाली समझी जा सकती है। अगर सूत्रों की माने तो पदोन्नति वाली पदस्थापना सूची में ओंकार सिंह का प्रस्ताव रायसेन डीएफओ के पद पर पदस्थी का था। उनकी इस पदस्थापना के लिए सीएम सचिवालय ने अनुशंसा की  थी , लेकिन पदस्थापना सूची  मंत्रालय तक पहुंचजी इसके पहले ही उनका नाम गायब हो गया। इसके उलट वन विभाग के आला अफसरों ने राज्य वन सेवा के अफसर सुशील प्रजापति को उस समय आठ माह तक प्रभारी उप संचालक सतपुरा टाइगर रिजर्व बनाए रखा जब वे आईएएफएस अफसर नहीं थे। इसके बाद उन्हें पदोन्नति मिलते ही डीएफओ हरदा में उत्पादन के पद पर पदस्थ करने में कोई देरी नहीं की। उल्लेखनीय है की  विभाग में अभी भी 4 डीएफओ के पद रिक्त चल रहे हैं। इनमें छिंदवाड़ा पूर्व, मंडला पश्चिम, अशोकनगर और राजगढ़ शामिल है। यही नहीं उत्पादन शाखा में भी डीएफओ के कई पद रिक्त चल रहे हैं।
लगातार संशोधित हो रहे सीसीएफ के पदस्थापना प्रस्ताव
हाल ही में मंत्री विजय शाह के साथ विभाग के अफसरों की बैठक हो चुकी है , जिसमें एपीसीसीएफ और सीसीएफ के अलावा डीएफओ के पद पर प्रस्तावित पदस्थापना को लेकर मंथन किया। सूत्रों के अनुसार सीसीएफ की पदस्थापनाओं को लेकर एकराय नहीं बन पाने से माथापच्ची की जा रही है। पदस्थापना प्रस्ताव में  राखी नंदा को सीसीएफ होशंगाबाद के लिए नाम था , लेकिन अब उनका नाम संचालक वन विहार के लिए प्रस्ताविज किया जा रहा है।  इसी तरह से पूर्व में सचिव वन पदम प्रिया का प्रस्ताव संचालक वन बिहार के लिए था , जिसमें संशोधन कर उनकी पदस्थापना का प्रस्ताव अनुसंधान विस्तार भोपाल के पद के लिए बनाया जा रहा है। अभी संचालक वन विहार हरीश गुप्ता के पास अनुसंधान एवं विस्तार भोपाल का भी प्रभार है।
इन अफसरों की भी हो सकती है नई पदस्थापना
 एपीसीसीएफ प्रशासन दो पर पदस्थ महेंद्र सिंह धाकड़ को सीईओ कैपा, पीसीसीएफ प्रशासन- दो के पद पर एपीसीसीएफ हरिशंकर मोहंता को सीसीएफ इंदौर से प्रशासन- दो, उनकी पत्नी कोमोलिका मोहंता एपीसीसीएफ वकिंग प्लान से एपीसीसीएफ आईटी के रिक्त पद पर पदस्थ किया जा सकता है।  

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