
- आयकर विभाग संजीव अग्रवाल के कई करीबियों पर भी कस सकता है शिकंजा
भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। शिक्षा व निर्माण कारोबार वाले सेज ग्रुप के सभी ठिकानों पर आयकर छापे की कार्रवाई अब समाप्त हो गई है। आयकर अफसरों द्वारा छापा की पूरी कार्रवाई होने के बाद अब सेज ग्रुप के एमपी नगर स्थित कॉर्पोरेट आॅफिस को भी खाली कर दिया गया है। इस दौरान जब्त किए गए दस्तावेजों की स्क्रूटनी के काम को शुरू करने की तैयारी की जाने लगी है। बताया जा रहा है कि यह काम दो दिन बाद शुरू हो जाएगा ।
उधर विभागीय सूत्रों के मुताबिक अब आयकर विभाग की नजर उन लोगों पर लगी हुई है , जो संजीव अग्रवाल के बेहद करीबी माने जाते हैं। इसके अलावा विभाग उन लोगों की भी तलाश कर रही है जिनके द्वारा उनके ग्रुप को नंबर दो में यानि की बगैर कर चुकाए नकद में निर्माण सामग्री की सप्लाई की जाती थी। फिलहाल कुल कितनी की कर चोरी इस ग्रुप द्वारा की गई है , उसका पूरा खुलासा अब तक विभाग द्वारा नहीं किया गया है , लेकिन माना जा रहा है कि यह राशि करोंड़ो रुपयों में है। दरअसल छापे के दौरान इस ग्रुप के सभी ठिकानों से बड़ी संख्या में टैक्स चोरी के दस्तावेज बरामद हुए हैं। आयकर इन्वेस्टीगेशन विंग ने 8 दिसंबर को ग्रुप के भोपाल, इंदौर और होशंगाबाद स्थित 26 ठिकानों एक साथ छापे की कार्रवाई शुरू की थी।
इस दौरान ग्रुप में कार्यरत मैनेजर्स व अन्य अधिकारियों के घरों पर भी छानबीन की गई। बैंक लॉकर्स से करोड़ों रुपए मूल्य के जेवर और हीरे-जवाहरातों आदि के साथ करीब सवा करोड़ रुपए नकद बरामद हुए हैं। इसमें से नकदी और ढाई करोड़ के जेवर का संचालक हिसाब नहीं दे पाए जिसे विभाग द्वारा जब्त कर लिया गया है। छानबीन के दौरान विभाग को फर्जी कंपनियों में करोड़ों का लेनदेन और करोड़ों रुपए की आॅन मनी लेनदेन का ब्यौरा भी मिला। कॉलेज में छात्रों से ज्यादा फीस लेकर खाते- बही में कम राशि दिखाने और कंस्ट्रक्शन कारोबार में बोगस खर्च के दस्तावेज भी बरामद हुए हैं। विभागीय सूत्रों का कहना है कि छापे के दौरान कई लोगों के बयान दर्ज किए हैं। कुछ और लोगों की तलाश हो रही है। फर्जी कंपनियों में निवेश और 50 कंपनियों के जरिए लेनदेन के संबंध में संचालकों के बयान दर्ज किए गए हैं। छापामार अधिकारियों ने दस्तावेज और जो डिजिटल साक्ष्य जब्त किए हैं । दो दिन बाद उनकी स्क्रूटनी शुरू की जाएगी। इसके बाद ग्रुप के संचालक और अधिकारियों से दस्तावेजों के संबंध में पूछताछ का सिलसिला शुरू होगा। आयकर विभाग की दो टीमों द्वारा फिलहाल उनके ठिकानों से जप्त किए गए कंप्यूटर, लैपटॉप, पेन ड्राइव समेत अन्य डिजिटल उपकरणों का डाटा बैक-अप करवा कर उसका जांच भी की जा रही है।
संजीव व उनकी पत्नी के आयकर रिटर्न बनेगा आधार
विभागीय सूत्रों की मानें तो अब तक की जांच में संजीव अग्रवाल और उनकी पत्नी का जो आयकर रिटर्न मिला है उसमें गलत जानकारी देना पाया गया है। इन दोनों के डाटा का बुक्स से मिलान नहीं हो रहा था। इसी आधार पर उनकी आय का भी विश्लेषण किया जाना है। सेज ग्रुप पर छापे की कार्रवाई इसके पहले एक मीडिया समूह पर डाले गए छापे में मिली कुछ जानकारियों के आधार पर किए जाने की बात कही जा रही है। उधर, विभाग द्वारा इस ग्रुप द्वारा अब होशंगाबाद रोड एवं बावड़िया कलां में अस्पताल खोलने की तैयारी के तहत अधिक राशि का निवेश करने और उसे कम बताने के मामले में भी जांच की जा रही है। बताया जा रहा है कि फिलहाल यह अंतर 12 से 15 करोड़ का अनुमानित है। छापा शुरू होने के ठीक पहले ही बड़ी मात्रा में निवेश और आय संबधी दस्तावेज गायब कर देने की भी बात सामने आ रही थी। इसके बाद से आयकर विभाग की टीम की नजर भी उन लोगों पर बनी हुई बताई जा रही है, जिन पर दस्तावेज गायब करने का आरोप है। विभाग का मानना है कि संभव हो की वे बेहद महत्वपूर्ण दस्तावेजों को छिपाने के लिए साथ ले गए हों। इसकी वजह से विभाग उन लोगों की भी गुपचुप तलाश कर रही है, जिनके द्वारा छापे की जानकारी लीक की जाने की संभावना है।