विदेश से लौटने पर गिरफ्तार हुए थे साइंस हाउस के संचालक

साइंस हाउस के संचालक
  • निविदा में वित्तीय गड़बड़ी का लग चुका है आरोप

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। भोपाल का साइंस हाउस मेडिकल प्राइवेट लिमिटेड जो तीन दिन पहले आयकर के छापों के बाद से चर्चाओं में है। सर्जिकल उपकरणों की निविदा में वित्तीय अनियमितता के आरोप में पिछले साल जून में विदेश से लौटने पर दिल्ली में गिरफ्तार हो चुके हैं।
कंपनी के अधिकारियों ने अनूपपुर के तत्कालीन सीएमएचओ बीडी सोनवानी सहित अन्य अधिकारी कर्मचारियों के साथ मिलकर वित्तीय निविदा में गड़बड़ी की है। ईओडब्ल्यू ने इस मामले में मार्च 2024 में 13 आरोपियों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज की थी। पुलिस को आशंका थी की आरोपी विदेश भाग सकते हैं, इसलिए 30 मई को आरोपियों के विरुद्ध लुक आउट नोटिस जारी किया था। विदेश से लौटने पर इंदिरा गांधी हवाई अड्डे में सीआइएसएफ ने कंपनी साइंस हाउस मेडिकल्स प्रालि. के डायरेक्टर जितेंद्र तिवारी और उनके भाई शैलेंद्र तिवारी प्रोपराइटर अनुसेल्स कार्यों को दिल्ली विमानतल से गिरफ्तार किया था। इसके बाद ईओडब्ल्यू की टीम सात जून को दिल्ली से इन्हें रीवा लेकर गई। अगले दिन अनूपपुर में पीसी एक्ट की विशेष न्यायालय में पेश किया गया था। ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने इस गड़बड़ी में जीतेंद्र तिवारी के परिवार के अन्य सदस्य, सीएमएचओ बीडी सोनवानी और अन्य अधिकारी-कर्मचारियों के शामिल होने की बात कही थी।
खरीदी में इस तरह की थी गड़बड़ी
सामग्री क्रय समिति की अनुशंसा पर कई सामान दोगुनी दर पर खरीदे गए। परीक्षण टेबल की न्यूनतम बोली एचबी फार्मा कटनी द्वारा 9200 रुपये प्रस्तुत की गई थी, पर समिति ने साइंस हाउस से 18 हजार रुपये प्रति नग के हिसाब से 14 टेबलें खरीदी। इसी तरह से निडिल सिरिंज डिस्ट्रावयर इलेक्ट्रिक के लिए न्यूनतम बोली भी एचबी फार्मा ने 800 रुपये प्रस्तुत की थी, लेकिन सीएमएचओ ने यहां से न लेकर मेसर्स सिंको इंडिया से महंगी दर पर खरीदी। एसी खरीदी के लिए न्यूनतम दर 48 हजार रुपये उपलब्ध होने के बाद भी सीएमएचओ ने साइंस हाउस से 68,499 रुपये प्रति नग के हिसाब से 27 एसी खरीदे।
जांच के प्रदेश स्तरीय ठेके भी लेती है कंपनी
भोपाल के जितेन्द्र तिवारी की कंपनी साइंस हाऊस मप्र ही नहीं दूसरे राज्यों में भी सर्जिकल सामग्री सप्लाई, पैथोलॉजी जांच सहित अन्य टेंडर लेती रही है। नवम्बर 2014 में इस कंपनी ने बिहार के 693 सरकारी अस्पतालों व स्वास्थ्य केन्द्रों में मरीजों की पैथोलॉजी जांच के ठेके के लिए 77.07 प्रतिशत की छूट के साथ सबसे कम दरों वाला निविदा फार्म भरा था। लेकिन बिहार सरकार ने लेबल-2 अर्थात 73.05 प्रतिशत वाली हरियाणा की हिन्दुस्तान वेलनेस को ठेका दे दिया था। साइंस हाऊस के संचालक इस मामले को लेकर पटना उच्च न्यायालय में याचिका भी लगाई थी।

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