स्कूल शिक्षा विभाग ने दस लाख की लागत से खरीदी रोटी मेकिंग मशीन

रोटी मेकिंग मशीन
  • कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में छात्राओं को समय पर मिलेगी रोटी

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। राजधानी में संचालित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में छात्राओं को अब खाने के दौरान रोटी के लिए इंतजार नहीं करना होगा। दरअसल, स्कूल शिक्षा विभाग ने दस लाख रुपए की लागत से रोटी मेकिंग मशीन खरीदी है।   अफसरों का कहना है कि दो छात्रावास सौ-सौ सीटर हैं। इतनी बालिकाओं के लिए एक समय की रोटियां बनाने में तीन घंटे का समय लगता था, लेकिन अब आधा घंटे में ही यह काम हो जाएगा। अब मजदूरों को रखने का झंझट भी खत्म हुआ है। अधिकारियों का कहना है कि मशीन से काम प्रारंभ भी कर दिया गया है। इससे बड़ी आसानी हो रही है। छात्राओं का कहना है कि कई बार रोटी पकाने में उनकी संख्या का अनुपात ज्यादा होने के कारण विलंब होता रहा है। जब से मशीन आई है। तब से भोजन के लिए इंतजार नहीं करना पड़ रहा है।
गौरतलब है कि राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के अधीन राजधानी में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है। बालिकाओं की समय पर थाली तैयार करने के लिए विभाग द्वारा इन छात्रावासों में नई व्यवस्था की गई है। यहां पर जिन बेटियों को रोटियां के लिए इंतजार करना पड़ता था। अब वह प्रतीक्षा खत्म होगी। राजधानी के फंदा विकासखंड अंतर्गत शासकीय नवीन कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल और बैरसिया में कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास संचालित हो रहे हैं। जहां पर कक्षा नवीं से बारहवीं तक की छात्राएं आवासीय हॉस्टल में पढ़ाई कर रही हैं। यहां पर पांच-पांच लाख की लागत से दो मेकिंग मशीन उपलब्ध हुई है। मशीन की विशेषता यह है कि एक मिनट में यह 50 रोटियां पकाती है। अधिकारियों का कहना है कि अभी 50 रोटियां निकालने में 15 मिनट का समय लगता था। लेकिन अब एक मिनट में ही यह काम होगा।  इतने बच्चों की रोटी पकाने में चार से लेकर 5 मजदूर लगा करते थे।
छात्राओं को समय पर भोजन दें
अधिकारियों का कहना है कि दोनों ही छात्रावासों में वार्डन को निर्देश भी दिए गए हैं। स्पष्ट कहा गया है कि छात्राओं को समय पर भोजन मिले। जो निर्धारित समय है। उसके अनुसार छात्राओं को भोजन परोसा जाना चाहिए। इस कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। भोजन व्यवस्था में अभी और जो कमी होगी उसको तत्काल पूरा किया जाएगा। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान में अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक अरुण विजय वर्गीय कहते हैं कि बैरसिया और फंदा में 200 बालिकाओं के लिए प्रतिदिन भोजन पकाया जाता है। उन्होंने बताया कि समय को ध्यान में रखते हुए यह मशीन लगाई गई है। ताकि छात्राओं को वक्त पर भोजन परोसा जा सके। उन्होंने बताया कि इससे जहां समय की बचत हुई है वहीं स्टाफ और बच्चों के लिए भी बड़ी सुविधा बनी है।

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