सहकारिता विभाग पर भारी पड़ रहे घोटालेबाज

  • 165 करोड़ के घोटाले के बाद भी अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम
मप्र में सहकारिता आंदोलन भ्रष्टाचार की चपेट में इस कदर फंसा हुआ है कि भ्रष्टों के आगे सरकार भी पस्त है। दरअसल, सहकारिता विभाग में घोटालेबाज सभी पर भारी पड़ रहे हैं। यही वजह है कि प्रदेश के अकेले धार जिले में ही 165 करोड़ रुपये का घोटाला करने के बाद भी न तो मामले की जांच पूरी हुई और न ही दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई।
गौरतलब है कि सहकारिता विभाग में घपले-घोटाले बराबर सामने आ रहे हैं। फर्जीवाड़े सामने आते हैं, लेकिन अधिकांश में न तो जांच होती है और न ही दोषियों पर कार्रवाई। धार जिला सहकारी बैंक के पूर्व महाप्रबंधक एवं वर्तमान खरगोन बैंक के महाप्रबंधक पीएस धनवाल के कार्यकाल में तीन बड़े घोटाले हुए। आदिम जाति सेवक सेवा सहकारी संस्थान नालछा में 90 लाख के घोटाले को अंजाम दे दिया। धरमपुरी शाखा के उमरबन सोसाइटी में लगभग 45 लाख के फर्जी ऋण वितरण कर दिए और शाखा राजगढ़ की दत्तीगांव सोसाइटी में 30 लाख के गबन में केवल छोटे कर्मचारियों  को सजा देकर मामले को रफा-दफा कर दिया, लेकिन असल जिम्मेदार खरगोन के महाप्रबंधक पीएस धनवाल, धार जिले की प्रशासक वर्षा श्रीवास, झाबुआ बैंक के एमडी केके रायकवार आज भी धार, झाबुआ व खरगोन जिलों में अधिकारियों की कमी के बहाने अतिरिक्त प्रभार में जमे हुए हैं। खरगोन बैंक के महाप्रबंधक पीएस धतवाल क्रमश: रायसेन व धार के मामलों में फौजदारी मामलों की विभिन्न धाराओं में अभी जमानत पर हैं।
किसानों के नाम पर गड़बड़ी
अधिकांश सहकारी बैंकों में किसानों के नाम पर फर्जीवाड़े किए जाते हैं। भुवान सिंह नर्गेश प्रभारी शाखा प्रबंधक (पर्यवेक्षक) शाखा धरमपुरी ने 21 मई 2020 से 31 जुलाई 2022 तक प्रभारी शाखा प्रबंधक के पद पर कार्यरत रहते हुए किसानों की 44.25 करोड़ रुपये की राशि समिति प्रबंधन को भुगतान कर दिया। नर्गेश ने आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित उमरबन के 108 किसान सदस्यों के नाम नियम विरुद्ध फसल ऋण के 44 लाख 25 हजार 940 रुपये कैशियर राजू टेलर एवं मंजू मांगरोलिया के साथ मिलकर किसानों के स्थान पर समिति प्रबंधक सुरेशचंद्र पाटीदार को बैंकिंग के स्थापित सिद्धांतों के विपरीत भुगतान कर दिए। वहीं जिले की नालछा सहकारी समिति के प्रबंधक शेरसिंह ठाकुर द्वारा अनधिकृत रूप से 90 लाख की रोकी गई थी। मामले में 90 करोड़ रुपये की राशि को जमा करवाकर जमा प्रमाणकों के स्पष्टीकरण मांगा गया था, कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हुई। उधर, बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था दत्तीगांव के प्रभारी संस्था प्रबंधक सोनीलाल सिंगार द्वारा अप्रैल 2023 में सदस्यों से प्राप्त वसूली की संपूर्ण राशि 30 लाख 13 हजार 191 रुपये बैंक में जमा नहीं किए गए। मामले में संस्था प्रबंधक के विरुद्ध एफआईआर के लिए भी लिखा गया था।

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