- डॉ. भावना राय पटेल

बरसात का मौसम सैर सपाटा और पर्यटन के लिए सबसे अच्छा मौसम माना जाता है, पर्यटन के चलते कई लोग हिल स्टेशन पर घूमने के लिए जाते हैं। बाहर की आवो- हवा सबको भांती है। लेकिन इस मौसम मैं बाहर का खान पान यानी स्ट्रीट फूड स्वास्थ्य के लिए घातक हो सकता है । बरसात का मौसम बैक्टीरिया, वायरस और फंगस के विकास के लिए प्रतिकूल वातावरण माना जाता है। जिसके कारण खाद्य पदार्थों में जल्दी सडऩ हो जाती है और अगर खाद्य पदार्थ का स्वच्छता से रख रखाव न किया जाए तो खाद्य पदार्थ दूसरे मौसम की तुलना में ज्यादा जल्दी दूषित और संक्रमित हो जाता है । यहाँ तक की फल, सब्जी, पेय पदार्थों, जल इत्यादि भी जल्दी दूषित हो जाते हैं , जिनके सेवन से व्यक्ति कई संक्रमिक बीमारियों से ग्रसित हो सकता है।
कौन से जीवाणु होते हैं एक्टिव-
मलेरिया: प्लास्मोडियम परजीवी से होता है। जैसे की पी- फालसीफेरम, पी-मलेरियाई, पी-बायवेक्स, पी-ओवल। टाइफाइड/मोतीझला: सालमोनेला बैक्टीरिया से होता है।
जौंडिस/पीलिया: ई कोलाई बैक्टीरिया, हेपेटाइटिस ्र,क्च,ष्ट,ष्ठ,श्व वायरस।
– डेंगू: वायरस डी ई एन वी 1 2 3 4 से होता है।
– कोलेरा: बैक्टेरिया वायव्रियो कोलैरी से होता है।
– चर्म रोग: विभिन्न प्रकार के बैक्टेरिया, वायरस, फंगस, परजीवी से होता है।
– बचाव: साफ सफाई का ध्यान रखे,नित्य स्नान करें, ठीक से और कई बार हाथ धोए।
– साफ पानी पिए,पानी के बर्तन को ढक कर रखें, पानी उबाल कर पिए।
– घर का बना हुआ ताजा भोजन करें, खाना ढक कर रखें। बाहर के खाने से परहेज करें।
– घर के आस पास सफाई रखें और पानी जमा न होने दें।
– इनमे से कोई भी बीमारी की आशंका होने पर अपने निकटतम चिकित्सक से सलाह लें।
गायनेकोलॉजिस्ट/साइकोलॉजिस्ट/ काउंसलर, मदर एन बेबी केयर सेंटर -भोपाल