- सौरभ की डायरी से बढ़ी अफसरों की मुश्किलें, काली कमाई की खुल रही हैं परतें
- गौरव चौहान

परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा और उसके ठिकानों पर की गई छापेमारी में लगातार नई जानकारी सामने आ रही है। सोने से व नगदी से भरी कार सौरभ के बहनोई द्वारा ही अपनी देखरेख में खेत पर छिपाने के लिए पहुंचाई गई थी। अब सौरभ शर्मा की डायरी ने कई राज को उजागर किया है, जिसमें चेकपोस्टों की काली कमाई का हिस्सा नेताओं, अधिकारियों और रसूखदारों में बांटा जाता था। बताया जा रहा है कि इस डायरी में चेकपोस्ट से लेकर आरटीओ तक के लेन-देन और काली कमाई का पूरा हिसाब लिखा गया है। डायरी पर टीएम और टीसी की मुहर लगी हुई थी, जिससे यह स्प्ष्ट होता है कि इस मामले में बड़े अधिकारी भी शामिल थे। डायरी से पता चला है कि प्रदेशभर में 19 चेकपोस्टों से हर महीने करोड़ों रुपये की वसूली होती थी। सेंधवा चेकपोस्ट से सबसे ज्यादा 40 करोड़ रुपये की वसूली होती थी, जबकि अन्य चेकपोस्टों से भी 10 से 15 करोड़ रुपये की वसूली हो रही थी, कुल मिलाकर हर महीने 161 करोड़ रुपये की वसूली होती थी। इसके अलावा, आरटीओ कार्यालयों से भी हर महीने काली कमाई होती थी, जैसे इंदौर आरटीओ से 9 करोड़ रुपये, भोपाल और छिंदवाड़ा आरटीओ से 4-4 करोड़ रुपये की वसूली होती थी।
कार में मिला था 52 किलो सोना
मेंडोरी में 52 किलो सोना और 10 करोड़ रुपए नगद के साथ मिली कार को लेकर आईटी ने बहुत कुछ जानकारी जुटा ली है। कार में सौरभ शर्मा के बहनोई विनय होसवानी के मौजूद होने की बात सामने आ रही है। अब एजेंसी विनय से भी पूछताछ करेगी कि यह पैसा इसके साथ ही सौराभ से
जुड़े कई लोग एजेंसी के रडार पर आ गए हैं। यह कार सौरभ के करीबी चेतन सिंह गौर के नाम पर रजिस्ट्रर्ड है। सौरभ एजेंसियों की पकड़ में अब तक नहीं आ सका है। लोकायुक्त, आईटी और ईडी ने उसके खिलाफ समन और लुकआउट सर्कुलर जारी किए हैं। उसके दुबई में होने की बात कही जा रही है। कोर्ट ने सौरभ और उसके दोस्त शरद की अग्रिम जमानत याचिका पहले ही खारिज कर दी है। दरअसल, लोकायुक्त ने 18 दिसंबर को सौरभ के भोपाल स्थित ठिकानों पर रेड मारी थी। जहां से 7.98 करोड़ रुपए की चल संपत्ति और दस्तावेज जब्त किए थे। इसके बाद आईटी ने मेंडोरी से एक कार से 52 किलो सोना और 10 करोड़ रुपए कैश बरामद किया था। लोकायुक्त की कार्रवाई के करीब एक सप्ताह बाद ईडी ने भी सौरभ और उसके सहयोगियों के ठिकानों पर छापेमारी की थी, जहां से करोड़ों रुपए की संपत्ति समेत कई दस्तावेज बरामद किए गए थे।
सौरभ शर्मा की डायरी में करोड़ों की वसूली का हिसाब
सौरभ शर्मा की डायरी के कुछ पेज आए सामने हैं, जिसमें अवैध वसूली का पूरा ब्योरा दिया हुआ है। इसमें काली कमाई का हिसाब-किताब लिखा हुआ है। डायरी के पन्ने पर ऊपर टीएम और टीसी लिखा हुआ है। टीएम का आशय ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर और टीसी का ट्रांसपोर्ट कमिश्नर माना जा रहा है। हर पेज पर टीसी लिखकर नीचे हस्ताक्षर भी हैं। राशि को लाखों रुपये में लिखा गया है। इससे पता चलता है कि हर महीने 19 चेकपोस्ट और 51 आरटीओ कार्यालयों से कई करोड़ की कमाई होती थी, इसका कथित हिस्सा हर महीने रसूखदारों को जाता था। सबसे ज्यादा वसूली सेंधवा चेकपोस्ट से होने की जानकारी दर्ज है। यही नहीं, इसमें बेगारी की राशि से लेकर जेब से मिलाने वाली राशि तक का उल्लेख किया गया है। डायरी के पन्नों में जिन चेकपोस्टों का उल्लेख किया गया है, उनमें किसी पेज पर 35 तो किसी पर 38 चेकपोस्ट के नाम व उनके आगे वसूली राशि लिखी है। इसमें हर चेक पोस्ट के आगे राशि, जमा व शेष सहित रिमार्क का कॉलम बना है। इसमें पांच माह का हिसाब लगभग 50 करोड़ रुपये का है। एक माह की वसूली 10 करोड़ रुपये लगभग लिखी हुई है। इस हिसाब से अगर सौरभ के कार्यकाल यानी 81 माह का हिसाब निकालें तो यह 800 करोड़ से ज्यादा का बैठता है। साल 2020 और 2021 के कुछ महीनों में प्रदेश के 38 चेकपोस्टों से लेकर फ्लाइंग स्क्वाड से हर माह कितनी राशि वसूली का लक्ष्य, कितना मिला, कितना बाकी है, यह पूरी जानकारी मिली है डायरी मे।