दुबई में सौरभ शर्मा का डेढ़ अरब का ‘विला’

सौरभ शर्मा
  • मां उमा शर्मा का ग्वालियर में मिला लॉकर  भी कराया गया फ्रीज

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। पूर्व परिवहन आरक्षक सौरभ शर्मा के मामले में जैसे -जैसे जांच एजेंसियों की जांच आगे बढ़ रही है, नए नए खुलासे हो रहे हैं। इस मामले में जांच एजेंसियों की लापरवाही भी सामने आ रही है। इसकी वजह है पूर्व में उसके द्वारा की जाने वाली काली कमाई की शिकायतें सीबीआई सहित अन्य एजेसिंयों से की गई थी, लेकिन तब उसे गंभीरता से ही नहीं लिया गया, अन्यथा बहुत पहले ही मामले का पर्दाफाश हो जाता। उधर, पता चला है कि उसके द्वारा दुबई में भी बड़ा निवेश किया गया है। यह निवेश एक विला में किया गया है, जिसकी कीमत करीब डेढ़ अरब रुपए बताई जा रही है। हालांकि अधिकृत रुप से इसकी पुष्टि नहीं की गई है। उधर, अब तक की जांच में पता चला है कि सौरभ द्वारा अधिकांश संपत्ति अपनी पत्नी दिव्या के नाम पर ही खरीदी गई है। सौरभ छापे से चार दिन पहले यानी 15 दिसंबर को पत्नी दिव्या के साथ दुबई गया था। उसे 21 दिसंबर को वापस लौटना था, लेकिन छापा पडऩे की जानकारी मिलने के बाद वह वापस नही ंलौटा है।
सूत्रों के अनुसार शर्मा पर भ्रष्टाचार की शिकायतें सीबीआई समेत कई जांच एजेंसियों को बहुत पहले भेजी गई थीं। इन शिकायतों में परिवहन विभाग में लूटपाट का भी जिक्र था, लेकिन एजेंसियों ने जांच टाल दी। इस वजह से शर्मा के भ्रष्टाचार पर लगाम नहीं लग पाई। सूत्रों के मुताबिक, शर्मा के खिलाफ शिकायतों को दबा दिया गया। शिकायत में कहा गया था कि शर्मा चेक पोस्टों से पैसे वसूलते थे और कुछ अफसरों को भी देते थे। शर्मा के खिलाफ सीबीआई से भ्रष्टाचार की शिकायतें -कब की गई हैं और उन पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई है यह बड़ा सवाल बना हुआ है। पूर्व में हुई शिकायतों में कहा गया था कि शर्मा द्वारा अरेरा कॉलोनी में एक घर खरीदा गया है। वह इंदौर में एक होटल भी बना रहे हैं। इसके साथ ही, यह भी बताया गया था कि जांच के डर से उसके द्वारा नौकरी से भी त्यागपत्र दे दिया गया है। इसके बाद लोकायुक्त और अन्य एजेंसियों को सौरभ शर्मा की गतिविधियों के बारे में जानकारी मिल गई थी।
एनजीओ को दिए दान
वहीं, अर्चना शर्मा नाम की एक महिला पर एसचीआई ने कोई कार्रवाई नहीं की है। शिकायत में इस बात का जिक्र है। अर्चना राजमाता शिक्षा एवं समाज समिति नाम का एनजीओ चलाती हैं। उसके खाते में पैसा न होने के बाद भी उसके द्वारा 20 लाख रुपए की जमीन खरीद कर  उस पर 2 करोड़ रुपये खर्च कर इमारत भी बनवाई गई है। शिकायत में कहा गया है कि अर्चना एनजीओ के जरिए काले धन को सफेद करने की कोशिश कर रही है। दरअसल, अर्चना को सौरभ का बेहद करीबी माना जाता है। शिकायत में यह भी कहा गया था कि अर्चना को मिले पैसों के स्रोत की जांच होनी चाहिए। वह राजमाता शिक्षा एवं समाज समिति नाम से एनजीओ चलाती है।
मां उमा के नाम पर भी मिला लॉकर
सौरभ शर्मा के विनय नगर स्थित आवास से ईडी की टीम को उसकी मां उमा शर्मा के साथ जॉइंट अकाउंट के दस्तावेज मिले हैं। जो यूनियन बैंक के हैं। उमा शर्मा के नाम शब्द प्रताप आश्रम स्थित यूनियन बैंक में एक लॉकर भी मिला है। बैंक खाते में मनी लॉन्ड्रिंग के पैसे आने जाने की आशंका पर उसे फ्रीज कराया गया है। हाईवे पर हाल ही में एक जमीन बेचे जाने के भी कुछ दस्तावेज मिले हैं। इसके अलावा कई सारे रिकॉर्ड जमा किए गए हैं, जिनको आगे जांच में लिया जा सकता है।

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