जांच एजेंसियों पर भारी पड़ रहा सौरभ शर्मा

सौरभ शर्मा

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक के मामले में राज्य की जांच एजेंसियों की भूमिका पर तो पहले से ही सवाल खड़े हो रहे हैं। अब तो इस मामले में केन्द्रीय जांच एजेंसियों पर भी सवाल खड़े होना शुरु हो गए हैं। उधर, उसके मामले में जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, कई तरह के खुलासे हो रहे हैं। अब उसके द्वारा कई दूसरे प्रदेशों में भी बड़ी संख्या में निवेश की बात भी सामने आ रही है। उधर, अभी तक केन्द्र से लेकर राज्य तक की जांच एजेंसियां उसके बारे में यह तब बताने की स्थिति में नहीं हैं कि वह अभी कहा हैं। कभी विदेश में होने की बात की जाती है तो कभी उसके देश में होने की बात की जाती है। इस बीच उसके द्वारा लोकायुक्त, ईओडब्ल्यू के अलावा ईडी और आयकर  जैसी जांच एजेंसियों के साथ लुका-छिपी का खेल जारी है। शुरुआत में जांच एजेंसियों को उसके दुबई में होने का इनपुट मिला था। इसके बाद उसके खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी कर इंटरपोल से भी संपर्क किया गया, लेकिन नतीजा सिफर रहा।
हाल ही में जांच एजेंसियों को उसकी लोकेशन दिल्ली में मिली थी। वहां उसकी तलाश की ही जा रही थी कि अब उसकी लोकेशन मुंबई में आ रही है। इससे यह तय हो गया है कि वह लगातार अपनी लोकेशन बदल रहा है। बड़ा सवाल यह है कि सौरभ की तलाश के लिए मोबाइल लोकेशन, सीसीटीवी फुटेज ट्रैक करने सहित अन्य प्रयास किए जा चुके हैं। इसके बाद भी वह हाथ नहीं आ रहा है। सूत्रों का दावा है कि इस बीच वह लगातार अपने परिवार के संपर्क में है, वह इसके लिए अलग-अलग नंबरों की सिम का इस्तेमाल कर रहा है। हैरत की बात तो यह है कि जांच एजेंसियां किसी भी तरीके से उसे ट्रैक नहीं कर पा रही हैं। अभी संशय भी है कि उसे जानबूझकर ढील दी जा रही है या फिर यह पूरी तरह से जांच एजेसियों की नाकामी है।  
पहले दुबई में होने की जताई थी आशंका
इधर, सबसे पहले लोकायुक्त ने ही सौरभ के ठिकानों पर छापेमारी की थी। इसके बाद कोर्ट को लोकायुक्त ने जानकारी दी थी कि वह संभतया दुबई में है, लेकिन एजेंसी इस बात को पुख्ता नहीं कर पाई। इधर, सौरभ की मां ने दावा किया था कि वह कहीं भागा नहीं है, जल्द ही सामने आएगा। उसके दोनों बच्चे मेरे पास है। लोकायुक्त द्वारा मारे गए उसके ठिकानों पर सोने चांदी के जेवरात सहित 8 करोड़ का माल बरामद किया था। इधर, इनोवा में आयकर को 52 किलो गोल्ड और 11 करोड़ रुपए कैश मिला था।
गुजरात-यूपी में भी निवेश
अब तक की जांच में जो जानकारियां सामने आयी हैं, उनमें पता चला है कि सौरभ ने चार से ज्यादा राज्यों में काली कमाई खपा रखी है, जिसमें 12 बड़े शहर शामिल हैं। हर राज्य में अलग-अलग कारोबार दूसरों के नाम पर किया जा रहा है। इसकी पुख्ता जानकारी एजेंसियों द्वारा जुटाई जा रही है।  हाल ही में इस मामले में ईडी महाराष्ट्र में भी सर्चिंग कर चुकी है। महाराष्ट्र के पुणे में सौरभ के करीबी के ठिकाने पर ईडी की टीम ने दबिश दी है। जहां से कई दस्तावेज बरामद किए हैं। वहीं बताया जा रहा है कि अब सौरभ के वकील उसकी अग्रिम जमानत के लिए हाईकोर्ट की शरण लेने की तैयारी कर रहे हैं। इस दौरान शपथपत्र में सौरभ के भी हस्ताक्षर की जरुरत पड़ेगी जिसकी वजह से देरी हो रही है।  
कहां क्या चला पता
जांच एजेंसियां को पता चला है कि सौरभ का गुजरात के पोरबंदर, अलंग, राजकोट और अहमदाबाद में भी कारोबार है। इसमें समुद्री इलाके अलंग में उसका शिप कटिंग से जुड़ा कारोबार है। यह काम उसके बेहद करीबी द्वारा किया जाता है। यहां काफी सस्ते दामों में अच्छे फर्नीचर समेत अन्य सामग्री मिलती है। लिहाजा यहां से सामान लाकर भोपाल में बिजनेस पार्टनर शरद के देखरेख में चल रहा फगीटो होटल में  लगाई गई है।अब तक उसके कारोबार को लेकर जा जानकारी सामने आयी है उसमें मप्र के भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, राजस्थान के जयपुर और उदयपुर  उत्तरप्रदेश के ललितपुर, झांसी और गुजरात के अलंग, पोरबंदर, राजकोट और अहमदाबाद जैसे शहर शामिल है।

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