
नई दिल्ली। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन अपने स्टार मिसाइल प्रोजेक्ट को तीसरे चरण में ले जा चुकी है। इस चरण में मिसाइल को पूरी तरह तैयार करके कई बार उड़ान परीक्षण किए जा रहे हैं। स्टार मिसाइल एक खास स्वदेशी मिसाइल है, जो वायुसेना, थलसेना और नौसेना के लिए तेज गति वाले खतरों की नकल करती है। मतलब टारगेट प्रैक्टिस कर सकते हैं। यह मिसाइल सस्ती होने के साथ-साथ ब्रह्मोस जैसे मिसाइलों का विकल्प बन सकती है। तीसरे चरण में डीआरडीओ के इंजीनियर मिसाइल के सभी हिस्सों, जैसे इंजन, नेविगेशन सिस्टम और नियंत्रण प्रणाली को एक साथ जोडक़र पूरी मिसाइल बनाते हैं। फिर इसे युद्ध जैसी परिस्थितियों में कई बार उड़ाया जाता है।