घरेलू कार्यक्रम में दिखाया…सारंग ने अपना ‘रंग’

सारंग

भोपाल/हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। समरथ को नहीं दोष गुसाईं यह कहावत पूरी तरह से शिव मंत्रिमंडल के सदस्य चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग पर फिट बैठती है। उनका मंत्री पद का रसूख उन सैकड़ों मरीजों पर भारी पड़ रहा है, जो बेहतर इलाज के लिए राजधानी के गांधी मेडीकल कॉलेज सहित कई अन्य मेडीकल कॉलेजों में आ रहे हैं। सारंग द्वारा अपने माता -पिता की याद में दो दिवसीय स्वास्थ्य शिविर अपने विधानसभा क्षेत्र नरेला के अशोका गार्डन के एकतापुरी मैदान में किया गया है।  उनके प्रभाव के चलते ही प्रदेश भर के मेडीकल कॉलेजों के विशेषज्ञ और अमले को भोपाल बुला लिया गया। इसकी वजह से मेडीकल कॉलेजों में बीते तीन चार दिनों से विशेषज्ञ चिकित्सकों के साथ ही अन्य अमले की बेहद कमी हो गई है। जिसकी वजह से न केवल ओपीडी में आने वाले मरीजों को इलाज के लिए भटकना पड़ रहा है, बल्कि पहले से भर्ती मरीजों को भी इलाज के लिए बेहद परेशान होना पड़ रहा है। प्रदेश के सबसे बडेÞ भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज के तो डीन से लेकर लगभग सारे विशेषज्ञ और डॉक्टर शुक्रवार सुबह से ही शिविर में अपनी सेवाएं देने के लिए उपस्थित हो गए थे। सूत्रों की माने तो इसके लिए सारंग द्वारा डीन को निर्देश दिए गए थे। इसमें कहा गया था कि वे डॉक्टरों, विशेषज्ञों की टीम सहित अन्य अमले को शिविर में अनिवार्य रुप से भेजें। इसकी वजह से दूरदराज के मेडीकल कॉलेजों के कई डॉक्टर तो दो दिन पहले ही भोपाल आ गए थे। बताया जाता है कि भोपाल, इंदौर जैसे अन्य बड़े शहरों में हर दिन लगभग सैकड़ों की संख्या में मरीज मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टरों से परामर्श लेने और गंभीर मरीज इलाज के लिए भर्ती होने आते हैं। वरिष्ठ और विशेषज्ञ चिकित्सकों के न होने की वजह से अब इन मरीजों की जांच और भर्ती मरीजों के इलाज का जिम्मा जूनियर डॉक्टरों के भरोसे पर आ गया है। दरअसल अघोषित तौर पर यह व्यवस्था मेडिकल कॉलेजों में तीन दिनों  के लिए तय की गई है। इसके अलावा इस शिविर में मेडिकल कॉलेजों में काम करने वाले आउटसोर्स के कर्मचारियों की भी तैनाती की गई है। बताया जा रहा है कि इस शिविर में सरकारी मशीनरी का भी उपयोग नियमों से परे जाकर किया जा रहा है। यही नहीं इस शिविर में निजी मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की भी तैनाती की गई है। दरअसल सारंग प्रदेश सरकार में चिकित्सा शिक्षा मंत्री हैं, जिसकी वजह से प्रदेश के सभी सरकारी और निजी मेडीकल कॉलेज उन्हीं के मातहत आते हैं। इस मामले में आला प्रशासनिक अफसर पूरी तरह से अनजान बनने का प्रयास यह कहकर बन रहे हैं कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। उल्लेखनीय है कि जब भी इस तरह के निजी स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया जाता है उसमें निजी चिकित्सकों की सेवाएं ली जाती है। इसकी वजह होती है कि सरकारी अस्पतालों में आने वाले गरीब और गंभीर मरीजों को इलाज के लिए भटकना न पड़े।
अक्ल का अजीर्ण है सारंग को
आईएएस अफसरों के बीच चल रहे विवाद के दौरान चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने आईएएस अधिकारी लोकेश कुमार जांगिड़ को आदतन झगड़ालू प्रवृत्ति का अफसर तक बता दिया था। उनका कहना कहना था कि जहां-जहां भी उनकी पोस्टिंग रही, वहां के सीनियर अफसरों के साथ उनके झगड़े हुए। यही नहीं इसके पहले मंहगाई को लेकर उनके द्वारा दिए गए एक बयान की वजह से भी विवाद खड़ा हो गया था। तब सारंग ने कहा था कि महंगाई की समस्या एक या दो दिन में नहीं पैदा होती। सारंग का बोलना था कि 15 अगस्त 1947 को लाल किले से जवाहरलाल नेहरू के दिए गए भाषण की गलतियों से देश की अर्थव्यवस्था पटरी से उतर गई। यह बयान उनके द्वारा देश में बढ़ती महंगाई और कीमतों पर कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन करने पर प्रतिक्रिया के रुप में दिया गया था।
शिविर के लिए सालों से उखड़ी सड़क दो दिन में बनी
इस स्वास्थ्य शिविर के आयोजन की वजह से मुख्य मार्ग से एकतापुरी मैदान तक सात मीटर चौड़ी सड़क का निर्माण दो दिन के अंदर कर दिया गया। यह वो सड़क है जो अपने निर्माण की एक दशक से बाट जोह रही थी। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह सड़क दस साल से उखड़ी हुई थी। इसका रखरखाव नहीं किए जाने की वजह से वह कच्ची सड़क के रुप में परिवर्तित हो गई थी। हालांकि इस सड़क का पूरी तरह से निर्माण नहीं किए जाने से मैदान के आगे रहने वाले लोगों में नाराजगी है।  
राज्यपाल व विस अध्यक्ष भी हुए शामिल
नि:शुल्क चिकित्सा शिविर का बीते रोज शुक्रवार को राज्यपाल मंगुभाई पटेल और विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने शुभारंभ किया। शिविर के पहले दिन 26,338 लोग स्वास्थ्य सुविधाओं से लाभान्वित हुए। 310 लोगों ने शिविर स्थल पर रक्तदान किया। इस शिविर में मरीजों की सुविधा के लिए 6 ब्लॉक बनाए गए हैं। इसमें 16 से ज्यादा चिह्नित बीमारियों के लिए देश के विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा नि:शुल्क परामर्श दिया जा रहा है।

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