संत रविदास स्वरोजगार योजना बनाएगी युवाओं को आत्मनिर्भर

 शिवराज सिंह चौहान

-मप्र में हर वर्ग के विकास के लिए शिवराज का नवाचार
-मुख्यमंत्री ने ली स्वरोजगार की जिम्मेदारी

भोपाल/प्रणव बजाज /बिच्छू डॉट कॉम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘सबका साथ सबका विकास का जो नारा दिया था उसे देश में मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूरी तरह साकार किया है। ‘पूरा समाज शिवराज का परिवार… के मनोभाव से वे प्रदेश में हर वर्ग के विकास के लिए योजनाएं बनवा रहे हैं और क्रियान्वित करवा रहे हैं। इसी कड़ी में उन्होंने संत रविदास जयंती पर प्रदेश के युवाओं के स्वरोजगार की जिम्मेदारी खुद लेने का ऐलान किया। भोपाल के गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र में विश्व स्तरीय स्किल पार्क का करोड़ों की लागत से निर्माण किया जा रहा है। अब इस ग्लोबल स्किल पार्क का नाम संत रविदास के नाम पर होगा। यहां पर हजारों युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। ताकि उनके रोजगार की राह आसान हो सके। ग्लोबल स्किल पार्क में भी युवा विभिन्न विधाओं में प्रशिक्षण प्राप्त कर आत्मनिर्भर होंगे। वहां श्रम की पूजा होगी, काम सीखने हजारों नौजवान आएंगे। इस संस्थान में युवा उन विधाओं में प्रशिक्षित होंगे, जिससे उन्हें तत्काल रोजगार मिल सकेगा।
मप्र में महापुरूषों को सरकार निरंतर सम्मान दे रही है। इससे प्रदेश का मान बढ़ रहा है। इसी कड़ी में अब प्रदेश सरकार डॉ. भीमराव अंबेडकर आर्थिक कल्याण योजना शुरू करने जा रही है। प्रदेश में अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं को रोजगार के लिए विशेष पहल की गई है। संत रविदास स्व-रोजगार योजना में अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं को मैन्युफैक्चरिंग इकाई की स्थापना के लिए एक लाख से 50 लाख रूपए तक की ऋण सहायता प्रदान की जाएगी। परियोजना के लिए 5 प्रतिशत की दर से ब्याज अनुदान दिया जाएगा। इसी प्रकार सर्विस सेक्टर और रिटेल ट्रेड के लिए भी योजना में एक लाख से 25 लाख तक ऋण की व्यवस्था होगी। योजना का संचालन मध्यप्रदेश राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के माध्यम से किया जाएगा।

दिया जाएगा दो करोड़ रुपए का अनुदान
मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति विशेष परियोजना वित्त पोषण योजना में अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं को स्वरोजगार, कौशल उन्नयन, संवर्धन और नवाचार के लिए दो करोड़ रूपए तक का अनुदान दिया जाएगा। अनुसूचित जाति वर्ग के हितग्राहियों के पूर्व से स्थापित सूक्ष्म, लघु और मध्यम श्रेणी के उद्योगों को कम लागत के उपकरण या कार्यशील पूंजी के लिए एक लाख रूपए तक का ऋण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से डॉ. भीमराव अंबेडकर आर्थिक कल्याण योजना आरंभ की जा रही है। योजनाओं का संचालन मध्यप्रदेश राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के माध्यम से किया जाएगा।  राज्य सरकार शिक्षा के क्षेत्र में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। शिक्षा के साथ रोजगार की भी आवश्यकता है। प्रदेश के जिन गरीब परिवारों के बच्चों का आईआईएम, इंजीनियरिंग, मेडिकल और उच्च शिक्षण संस्थानों तथा विदेशी यूनिवर्सिटी में एडमिशन होगा, उनकी फीस राज्य सरकार भरवाएगी। शासकीय सेवाओं में बैकलॉग के पद भरने का हर संभव प्रयास किया जाएगा। अनुसूचित जाति के युवाओं को सेना और पुलिस में भर्ती के लिए आवश्यक प्रशिक्षण की व्यवस्था भी की जाएगी।

शिक्षा क्षेत्र में भी मदद
विद्यार्थियों के लिए कन्या साक्षरता प्रोत्साहन योजना और सिविल सेवा परीक्षाओं के लिए निजी कोचिंग क्लासेस में कोचिंग की व्यवस्था है। महर्षि वाल्मीकि प्रोत्साहन योजना में आईआईटी., एनआईटी, नीट, क्लेट, एनडीए, एम्स की प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षाओं में सफल होने पर राष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं में प्रवेश लेने पर प्रोत्साहन राशि की व्यवस्था की गई है। प्रदेश में संचालित 10 ज्ञानोदय विद्यालय में कक्षा 10वीं का परिणाम 100 प्रतिशत रहा और 98.80 प्रतिशत विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए। इसी प्रकार कक्षा 12वीं में भी परिणाम 100 प्रतिशत रहा और 98.20 प्रतिशत विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए। सरकार अनुसूचित जाति वर्ग की संस्था को स्कूल खोलने के लिए भूमि और आर्थिक सहायता देंगे। अनुसूचित जाति के सभी परिवार, गरीब परिवारों को पक्का मकान मिलेगा। छोटे मकान जहां अधिक लोग रह रहे हैं, उनके लिए अलग मकान की व्यवस्था के लिए पट्टे की व्यवस्था होगी। गौरतलब है कि प्रदेश सरकार अनुसूचित जातियों के कल्याण और उनके सर्वांगीण विकास के लिए कृत संकल्पित है। अनुसूचित जातियों की जनसंख्या के मान से प्रदेश के कुल बजट में 16 प्रतिशत का प्रावधान कर इन वर्गों के आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक उत्थान के लिए अनेक कल्याणकारी कार्यक्रम संचालित हैं। प्रदेश सरकार ने अनुसूचित जाति वर्ग के विद्यार्थियों की शिक्षा-दीक्षा के लिये कोई कोर-कसर बाकी नहीं रखी है। चाहे छात्रवृत्ति हो या मैस का बेहतरीन इंतजाम अथवा विदेश में पढ़ाई की बात हो, सरकार द्वारा अनुसूचित जाति के छात्रों के लिये खुले हाथ खर्च किया जा रहा है।

480 करोड़ रूपए की दी छात्रवृत्ति
अनुसूचित जाति वर्ग के 4 लाख 48 हजार विद्यार्थियों को 480 करोड़ रूपए की पोस्ट-मेट्रिक छात्रवृत्ति का वितरण किया गया है। इसी प्रकार राज्य छात्रवृत्ति के रूप में 16 लाख 37 हजार विद्यार्थियों को 154 करोड़ रूपए की राज्य छात्रवृत्ति का वितरण किया गया है। इसके अलावा 80 हजार विद्यार्थियों को 115 करोड़ रूपए की आवास सहायता का वितरण किया गया। यही नहीं 50 विद्यार्थियों के लिए विदेश अध्ययन की सुविधा के लिए प्रति विद्यार्थी प्रतिवर्ष 50 हजार यूएस डॉलर की छात्रवृत्ति की पात्रता है। उल्लेखनीय है कि कुल 1750 सीट क्षमता के 10 कन्या छात्रावास भवन स्वीकृत किये गये हैं। इसके लिये 83 करोड़ 55 लाख रुपये की मंजूरी दी गई है।  अनुसूचित जाति के 93 हजार 752 विद्यार्थियों के लिए आवासीय सुविधा के लिए 1913 छात्रावासों का संचालन किया जा रहा है। गुणवत्तापूर्ण आवासीय शिक्षा के लिए 640 सीटर 10 ज्ञानोदय विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है। कुल 1933 छात्रावासों में मैस संचालन के लिए शिष्यवृत्ति की राशि 106 करोड़ 20 लाख रुपये का प्रावधान है। अनुसूचित जाति बहुल ग्रामों के लिये भी बड़ी राशि से विभिन्न कार्य पूर्ण अथवा प्रगतिरत हैं। अनुसूचित जाति बस्तियों के विकास के लिये 30 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। अनुसूचित जाति के युवाओं के स्व-रोजगार एवं प्रशिक्षण के लिये भी प्रावधान किए गए हैं।

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