
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश सरकार अब एक बार फिर से प्रदेश में रेत खदानों की नीलामी करने जा रही है। यह ठेके 41 जिलों के रेत समूहों के तीन साल के लिए दिए जाएंगे। इस नीलामी के बाद से प्रदेश में रेत के दामों में कमी आने की संभावनाहै। उधर, विभाग द्वारा खदानों में रेत की मात्रा के निर्धारण का काम जून तक पूरा कर लिए जाने की तैयारी की जा रही है। दरअसल इसके बाद ही नीलामी की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा। फिलहाल प्रदेश में 20 जिलों की रेत खदानों से ही रेत निकालने के ठेके चल रहे हैं। शेष 21 जिलों के रेत खदान समूहों को नीलाम, अनुबंध और पर्यावरण की अनुमति लेने की प्रक्रिया को पूरा किया जा रहा है। रेत की आपूर्ति को बनाए रखने के लिए इन सभी खदानों को फिलहाल जून 2023 तक के लिए ही नीलाम किया जाएगा। यही नहीं अब एक बार फिर से प्रदेश की सभी रेत खदानें मप्र खनिज निगम को देने की तैयारी है। अभी आधे से ज्यादा जिलों की खदानों को अधिकार कलेक्टर के पास है। इस वजह से माना जा रहा है कि अब रेत खदानों का जिम्मा एक बार फिर से खनिज निगम के पास पहुंचने वाला है। इस बदलाव की वजह है अधिक राजस्व मिलने की संभावना। गौरतलब है कि 2019 में नीलाम की गई खदानों से अब तक सर्वाधिक राजस्व प्राप्त हुआ था। उस समय 30 जिलों की खदानों से 1400 करोड़ का राजस्व मिला था। यही वजह है कि अब सरकार ने इस बार सभी खदानों से मिलने वाले राजस्व का लक्ष्य तीन हजार करोड़ रुपए तय किया है। जिन जिलों की खदानों को नीलाम किया जाना है, उनमें पन्ना और अलीराजपुर की कुछ खदाने, मंदसौर, रतलाम, बुरहानपुर, आगर मालवा, गुना, भिंड, टीकमगढ़, भोपाल और अशोक नगर जिला शामिल हैं। इनमें कुछ जिलों की कुछ खदानें नीलाम हो चुकी हैं। इसी तरह से नीलामी से पहले जिन जिलों की खदानों के लिए जरूरी औपचारिकताएं पूरी करने का काम किया जा रहा है उनमें, नरसिंहपुर, दतिया, ग्वालियर, डिंडोरी, सिवनी, पन्ना, बुरहानपुर, बैतूल ओर आगर मालवा जिला शामिल है।