भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मध्यप्रदेश के सांची कस्बे को देश की दूसरी सोलर सिटी बनाने की तैयारी की जा रही है। सांची कस्बा रायसेन जिला अंतर्गत आता है। यहां पर घरों से लेकर स्ट्रीट लाइट, चौराहे के साथ ही यहां स्थित बौद्ध स्तूप भी सोलर लाइट से रोशन किए जाएंगे। सांची बौद्ध स्तूपों के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। अब इसे सोलर सिटी के नाम से भी जाना जाएगा। यहां सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स पर अलग-अलग कंपनियों द्वारा कार्य प्रारंभ कर दिया गया है।
अमेरिका समेत कई यूरोपीय देश लगातार 2050 तक नेट जीरो उत्सर्जन टारगेट हासिल करने की बात करते रहे हैं। नेट जीरो का अर्थ है कि सभी देशों को जलवायु परिवर्तन रोकने के लिए कार्बन न्यूट्रेलिटी यानी कार्बन उत्सर्जन में तटस्थता लानी है। इसका यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि कोई देश कार्बन उत्सर्जन को शून्य पर पहुंचा दे (जो कि असंभव है), बल्कि नेट जीरो का अर्थ है कि किसी भी देश के उत्सर्जन का आंकड़ा वायुमंडल में उसकी ओर से भेजी जा रही ग्रीन हाउस गैसों के जमाव को स्थिर रखे।
नेट जीरो एमिशन का मतलब ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन शून्य करना नहीं है, बल्कि ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन को दूसरे कामों से बैलेंस करना। कुल मिलाकर एक ऐसी अर्थव्यवस्था तैयार करना, जिसमें फॉसिल फ्यूल का इस्तेमाल ना के बराबर हो। कार्बन उत्सर्जन करने वाली दूसरी चीजों का इस्तेमाल भी बहुत कम हो। कुल मिलाकर ये कह सकते हैं कि आप जितना कार्बन पैदा कर रहे हैं उतना ही उसे एब्जॉर्ब करने का इंतजाम आपके पास होना चाहिए। उदाहरण के तौर पर पेड़-पौधे हवा से कार्बन डाईऑक्साइड एब्जॉर्ब करते हैं।
खपत की क्षमता अनुसार मिलेगा सोलर रूफ टॉप
नवकरणीय ऊर्जा विभाग के मुताबिक इस प्रोजेक्ट के तहत घरों में जितनी क्षमता के विद्युत कनेक्शन हैं उतनी कैपिसिटी से ज्यादा का सोलर रूफ टॉप उपलब्ध कराया जाएगा। सोलर सिटी प्रोजेक्ट के तहत यह लोगों को मुहैया कराए जाएंगे। यदि घरेलू विद्युत कनेक्शन 5 किलोवॉट का है तो इतनी ही क्षमता का सोलर रूफ टॉप मिल सकेगा। घरेलू रूफ टॉप लगवाने के लिए सरकार की ओर से 40 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान की जाएगी। जबकि हितग्राही को 60 प्रतिशत अंशदान देना होगा। नवकरणीय ऊर्जा मंत्री हरदीप सिंह डंग का कहना है कि जलवायु परिवर्तन की वजह से विश्व भर में चुनौतियां उत्पन्न हो रही हैं। जिसको लेकर पीएम नरेन्द्र मोदी द्वारा नेट जीरो की परिकल्पना की गई थी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा सांची को सोलर सिटी बनाने का कार्य प्रारंभ कर दिया है। इस कार्य में जनता भी सहयोग प्रदान कर रही है। लोगों के घरों की छतों में सोलर प्लेट लगाई जा रही हैं। जहां यह नहीं लग सकतीं वहां के लोगों को कनेक्शन दिया जाएगा। जिसका उद्घाटन 3 मई को पीएम नरेन्द्र मोदी कर सकते हैं। सोलर सिटी बनने के बाद यहां कूलर, पंखा, फ्रिज समेत अन्य उपकरण सौर ऊर्जा के द्वारा संचालित हो सकेंगे। एक्सपट्र्स का कहना है कि अगर मौजूदा तरीके से ही ग्रीन हाउस गैसों का एमिशन होता रहा, तो 2050 तक धरती का तापमान दो डिग्री बढ़ जाएगा। ऐसा होने पर कहीं भीषण सूखा पड़ेगा तो कहीं विनाशकारी बाढ़ आएगी। ग्लेशियर पिघलेंगे, सुमद्र का जल स्तर बढ़ेगा। इससे समुद्र के किनारे बसे कई शहर पानी में डूब जाएंगे और उनका नामोनिशान मिट जाएगा। धरती का तापमान नहीं बढ़े इसीलिए ये सारी कवायद हो रही है। हाल ही में संपन्न हुए जी-20 समिट में इसमें शामिल देशों में 2050 तक धरती के तापमान की इस बढ़ोतरी को 1.5 डिग्री सीमित रखने पर सहमति बनी है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इंसान का जीवन ही कार्बन पर निर्भर है। मनुष्य के शरीर से लेकर उसके आसपास मौजूद चीजें भी कार्बन और अन्य तत्वों के जोड़ से बनी हैं।
दो महीने में पूरा होगा काम
बताया गया है कि सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स पर कार्य तेजी से प्रारंभ कर दिया गया है। सोलर सिटी बनाने का यह कार्य दो महीने में पूर्ण कर लिया जाएगा। जिसका लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कर सकते हैं। जिसके लिए आमंत्रण भी पीएम को भेजा जा चुका है। सोलर सिटी बनाने में जनभागीदारी के लिए हर घर को आफ ग्रिड सौर संयंत्र प्रदान किए जाएंगे। इन संयंत्रों के लिए विभिन्न संस्थाओं से प्राप्त और व्यक्तिगत सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत योगदान द्वारा वित्तीय सहायता दी गई है। जिसमें सोलर ड्रायर, सोलर स्टडी लैंप, सोलर कुकर, सोलर लालटेन, सोलर वाटर हीट आदि उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके साथ ही इन उपकरणों के उपयोग करने के लिए उन्हें प्रोत्साहित भी किया जाएगा।
23/02/2023
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