
भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश का वन महकमा उन विभागों में शामिल है, जिसमें अमले की भारी कमी सालों से बनी हुई है, इसके बाद भी इस विभाग के बड़ी संख्या में कर्मचारियों की तैनाती जिला प्रशासन ने अपने कार्यालय में कर रखी है। यह कर्मचारी दो चार साल से नहीं बल्कि दो दशक से वन विभाग का काम छोड़कर जिला प्रशासन का काम कर रहे हैं। खास बात यह है कि इस मामले में कई बार वन विभाग द्वारा जिला प्रशासन से उनके कर्मचारियों को भर मुक्त करने का आग्रह कर चुका है। इसके बाद भी उन्हें भारमुक्त नहीं किया जा रहा है। यही वजह है कि अब तो वन विभाग ने इन कर्मचारियों की सेवाएं पूरी तरह से ही प्रशासन को सौंपने का मन बना लिया है। खास बात यह है कि इनकी वेतन भी वन विभाग को देनी पड़ रही है। यही वजह है कि अब विभाग ने तय कर लियार है कि वह इन कर्मचारियों का वेतन भी नहीं देगा। वन विभाग ने अब तो इनका वेतन देने से भी इंकार कर दिया है। विभाग ने जिला प्रशासन को पत्र लिखकर साफ कर दिया है कि विभाग अब उनका वेतन नहीं दे सकेगा। इनके यूनिक एम्पलाई कोड आपको भेज रहे हैं। यह पत्र भोपाल डीएफओ आलोक पाठक द्वारा भोपाल कलेक्टर को लिखा है।
बीते हफ्ते लिखा गया है पत्र
भोपाल डीएफओ द्वारा दो हफ्ते पहले 20 सितम्बर को लिखे गए पत्र क्रमांक 5867 में कहा गया है कि विभाग के 20 कर्मचारी कई सालों से भोपाल जिले के अंतर्गत बीएलओ कार्य के लिए पूर्णकालिक रूप से संलग्न है। उक्त कर्मचारियों द्वारा कोई विभागीय कार्य न किए जाने एवं वनों एवं वन्यप्राणियों की सुरक्षा सहित अन्य वानिकी कार्य प्रभावित होने के कारण उक्त कर्मचारियों को कार्यालय द्वारा पूर्व में कई बार भारमुक्त करने हेतु लेख किया गया था। परंतु आज दिनांक तक उक्त कर्मचारियों को भारमुक्त नहीं किया गया है। इसके चलते अब आपके कार्यालय के कार्यों को प्राथमिकता देते हुए उक्त कर्मचारियों की सेवाएं पूर्ण रूप से आपको सौंपी जाती है। इस माह से इन कर्मचारियों का वेतन इस कार्यालय से आहरित नहीं किया जाएगा। इनके वेतन का भुगतान आपके कार्यालय से करने का कष्ट करें। कर्मचारियों के वेतन भुगतान हेतु इम्पलाईज कोड स्थानांतारण के लिए आपके कार्यालय के डीडीओ कोड से अवगत कराएं ताकि यूनिक इम्लाईज कोड एवं अंतिम वेतन प्रमाण पत्र आपके कार्यालय में प्रेषित किए जा रहे हैं।