बेटे की खातिर भगवा आतंक से इनकार

भगवा आतंक
  • हिंदू आतंकवाद की परिभाषा देने वाले दिग्विजय सिंह का यू-टर्न

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मालेगांव बम धमाके में फैसले के बाद सबसे चौंकाने वाला बयान वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का आया है। उन्होंने हिंदू आतंकवाद या भगवा आतंक जैसे शब्दों के उपयोग से साफ इनकार कर दिया। उनका कहना है कि उन्होंने ऐसा कोई शब्द कभी उपयोग नहीं किया और न ही इस शब्द को कांग्रेस ने गढ़ा है।
उनके विधायक बेटे जयवर्धन सिंह ने भी बयान दिया है कि आतंकवाद, आतंकवाद ही होता है, उसका कोई धर्म नहीं होता। पिता-पुत्र के इन बयानों को लेकर कई तरह के मायने निकाले जा रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह लंबे समय तक हिंदू आतंकवाद को लेकर भाजपा के निशाने पर रहे हैं, लेकिन उन्होंने पहले कभी भी इस शब्द के उपयोग को लेकर इनकार नहीं किया। अब जबकि जयवर्धन ने कांग्रेस पार्टी से अलग साफ्ट हिंदुत्व की लाइन पर आतंकवाद को धर्म से जोडऩे से मना कर दिया है, तो दिग्विजय उनके साथ दिखाई पड़ रहे हैं।
हिंदू आतंकवाद और भगवा आतंक से साफ किया इनकार
दिग्विजय सिंह अपने बेटे के राजनीतिक भविष्य के लिए किसी भी तरह का कोई जोखिम नहीं लेना चाहते, ऐसे में माना जा रहा है कि हिंदू आतंकवाद और भगवा आतंक पर उन्होंने सार्वजनिक रूप से यू टर्न ले लिया है। बीते कुछ वर्षों में युवाओं में सनातन धर्म को लेकर बढ़े आकर्षण को देखते हुए जयवर्धन ऐसा कोई बयान नहीं देना चाह रहे होंगे, जो उनकी युवाओं के बीच लोकप्रियता में कमी का कारण बने। इसी को ध्यान में रखकर उन्होंने बयान दिया और उनके पिता दिग्विजय ने भी सहमति जता दी है। इसका दूसरा कारण कांग्रेस पार्टी के अंदरूनी समीकरण भी माना जा रहा है। अब जबकि दिग्विजय सिंह न्यू टर्न ले चुके हैं, तो कांग्रेस पर इस मामले को स्पष्ट करने का दबाव बनेगा कि आखिर पार्टी दिग्विजय ङ्क्षसह के पुराने बयान के साथ है या नए बयान का समर्थन करती है।
धर्म के लिए राजनीतिकरण ठीक नहीं
दिग्विजय सिंह के यूटर्न करने के पीछे तीसरी वजह ऐसे युवाओं को आकर्षित करना भी माना जा रहा है, जो धर्म को मानते हैं, लेकिन धर्म के राजनीतिक उपयोग से इत्तेफाक नहीं रखते। लगभग सभी धर्मों में ऐसे युवाओं की खासी संख्या है, जो धर्म के राजनीतिकरण को ठीक नहीं मानते। दिग्विजय सिंह और उनके पुत्र जयवर्धन का बयान ऐसे युवाओं को आकर्षित कर सकता है। दिग्विजय की मजबूरी भी है कि कांग्रेस का गढ़ रहा राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र 2024 से भाजपा के कब्जे में है। पहले भी 1989 में यहां से प्यारेलाल खंडेलवाल जैसे भाजपा के दिग्गज चुनाव जीत चुके हैं। यदि वे अब भी भगवा का विरोध करते तो उन्हें अपने घर राघौगढ़ में ही बेटे जयवर्धन को नुकसान उठाना पड़ता।
हिंदू आतंकवाद की थ्योरी ध्वस्त
मप्र के लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि मालेगांव बम ब्लास्ट वाले मामले में एनआइए कोर्ट का निर्णय आया है। जिन पर आरोप लगाए गए थे हिंदू आतंकवाद को लेकर, वे सभी बरी हो गए हैं। हिंदू आतंकवाद जैसी थ्योरी ध्वस्त हो गई है। इस देश में हिंदू आतंकवाद जैसी कोई धारणा न थी, न है और न रहेगी। इस निर्णय ने यह साबित कर दिया है।

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