देश में सबसे पहले लागू होगी साथी योजना, बनेगें कृषि के आधुनिक रिटेल आउटलेट

आधुनिक रिटेल आउटलेट
  • केंद्र को भेजा जाएगा प्रस्ताव, मंजूरी मिलते ही शुरू हो जाएगा अमल…

    भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। देश में सबसे पहले साथ योजना पर अमल करने के प्रयासों के तहत प्रदेश में विकासखण्ड स्तर पर स्थापित किए जाने वाले साथी बाजार आधुनिक रिटेल आउटलेट होंगे, जिन्हें 4 हजार वर्ग फीट पर बनाया जाएगा। इनमें वेअर हाउस, कोल्ड स्टोरेज, ट्रेनिंग सेंटर, होस्टल, दुकानें, बैंक, फूड कोर्ट, डेयरी, गेम जोन आदि बनाए जाएंगे। यह जानकारी पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री  महेन्द्र सिंह सिसोदिया ने दी है। उनका कहना  है कि मध्य प्रदेश साथी (सस्टेनेबल एग्रीकल्चर थ्रू होलिस्टिक इंटीग्रेशन) परियोजना लागू करने वाला देश का पहला राज्य होगा। यह परियोजना के किसानों की आय को दोगुना करने के सरकार के लक्ष्य की पूर्ति में कारगर सिद्ध होगी साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आत्मनिर्भर भारत एवं आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के स्वप्न को पूरा करने में भी सहायक होगी। सिसोदिया ने निर्देश दिए कि योजना को व्यवहारिक स्वरूप दिया जाए, जिससे इसका अधिक से अधिक लाभ किसानों को मिले। उन्होंने योजना की नोडल एजेंसी नाफेड को निर्देश दिए कि इसकी विस्तृत कार्य-योजना बनाकर केन्द्र सरकार को भिजवाई जाए तथा वहां से इसके लिए फंडिंग भी प्राप्त की जाए। योजना प्रारंभ में पाइलेट प्रोजेक्ट के रूप में प्रदेश के 5 जिलों के 10 विकासखण्डों में लागू होगी। सिसोदिया साथी परियोजना संबंधी बैठक ले रहे थे।
    26 जिलों के 100 विकासखण्डों में लागू होगी
    योजना संबंधी प्रस्तुतिकरण में नाफेड के मनीष श्रीवास्तव ने बताया कि प्रथम चरण में यह योजना प्रदेश के 26 जिलों  गुना,  सतना,  अशोकनगर,  ग्वालियर,  रीवा,  मुरैना,   अलीराजपुर,  बालाघाट, बड़वानी, छतरपुर, धार, पन्ना, राजगढ़, श्योपुर, शहडोल, शिवपुरी, टीकमगढ़, झाबुआ, सीहोर,  कटनी, रायसेन, अनूपपुर, सिवनी, देवास, उमरिया सहित दमोह के 100 विकासखण्डों के लिए बनाई गई है। योजना के अंतर्गत 100  साथी बाजार, 7319 वेअर हाउस, 2133 कोल्ड स्टोरेज, 405 ग्रेडिंग यूनिट तथा 2126 कृषि उत्पाद प्र-संस्करण इकाइयाँ स्थापित की जाएंगी। इन पर लगभग 3 हजार 380 करोड़ रुपए का अनुमानित व्यय होगा।
    योजना के होंगे 5 घटक
    साथी योजना के 5 घटक साथी कृषक समूह, साथी प्र-संस्करण केन्द्र, साथी उद्योग, साथी बाजार तथा कॉमन फेसिलिटी सेंटर होंगे। गाँवों में एक समान उत्पादन करने वाले किसानों के समूह बनाए जाएंगे। उत्पादों के भंडारण एवं प्राथमिक मूल्य संवर्धन का कार्य पंचायत स्तर पर साथी प्र-संस्करण केन्द्र करेंगे। विकास खण्ड स्तर पर स्थानीय उत्पादों पर आधारित छोटे उद्योग लगाए जाएंगे। विपणन के लिए विकास खण्ड स्तर पर साथी बाजार बनाए जाएंगे। उत्पादों के प्र-संस्करण, पैकेजिंग, अनुसंधान, प्रशिक्षण आदि के लिए संभाग स्तर पर कॉमन फैसिलिटी सेंटर बनाए जाएंगे।

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