
- कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान संघ और उसके अनुषांगिक संगठनों ने जनता के बीच जाकर सेवा कार्य किए
भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। कोरोना महामारी की पहली और दूसरी लहर भयावहता पूरे देश ने देखी है। बड़े शहरों के अलावा गांव-गांव तक कोरोना संक्रमण से लोग प्रभावित हुए हैं। संकट के इस दौर में कई लोगों ने अपनों को खो दिया है। अस्पतालों में बेड्स नहीं मिल पाने और दवाइयों को लेकर लोगों ने परेशानी झेली है।
ऑक्सीजन की कमी से जनता में त्राहिमाम की स्थिति बन गई। हालांकि सरकार के साथ ही संघ, समाजसेवी संगठन और कुछ एनजीओ ने इस संकटकाल में लोगों की मदद की है। अब चूंकि माना जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर भी आएगी। इसको लेकर आरएसएस ने पहले से ही कमर कस ली है और अपनी तैयारी शुरू कर दी है। दरअसल संघ का मानना है कि यदि हम पहले से तैयारी कर लेंगे तो तीसरी लहर को अप्रभावी बना देंगे। इसके लिए संघ द्वारा बाकायदा अपने सभी अनुषांगिक संगठनों और प्रांत प्रचारकों के साथ बैठक कर इसका रोडमैप तैयार किया जा रहा है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की 9 जुलाई से 13 जुलाई तक चित्रकूट में होने जा रही अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक में वरिष्ठ पदाधिकारियों द्वारा इस पर मंथन किया जाएगा। इस बैठक में संघ प्रमुख मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले, डॉ कृष्ण गोपाल, डॉ मनमोहन वैद्य और अरुण कुमार सहित संघ के सभी अखिल भारतीय पदाधिकारी मौजूद रहेंगे। इनके अलावा क्षेत्र प्रचारक और देश भर के वरिष्ठ प्रचारक या प्रांत प्रचारक भी इस मीटिंग में वर्चुअली जुड़ेंगे। चित्रकूट के दीनदयाल शोध संस्थान के आरोग्यधाम में होने वाली इस बैठक में कोरोना में संघ, सेवा भारती या संघ के अन्य सहयोगी संगठनों की तरफ से देशभर में जो सेवा कार्य किए गए हैं उनकी समीक्षा की जाएगी। इसके साथ ही तीसरी लहर को लेकर जो संभावना जताई जा रही है उसकी तैयारियों पर भी संघ प्रचारक मंथन करेंगे और रोडमैप बनाएंगे। इसमें जनता की भागीदारी भी हो इस पर भी चर्चा की जाएगी।
कोरोना गाइडलाइन के तहत होगी मीटिंग
उल्लेखनीय है कि कोरोना संक्रमण काल में हो रही इस बैठक में कोरोना को देखते हुए मीटिंग स्थान पर बेहद सीमित संख्या में मौजूदगी रहेगी। इस बैठक में संघ प्रमुख मोहन भागवत, सर कार्यवाह दत्तात्रेय होशबोले, डॉक्टर कृष्ण गोपाल, डॉक्टर मनमोहन वैद्य, अरुण कुमार, संघ के सभी अखिल भारतीय पदाधिकारी ही बैठक में मौजूद रहेंगे। बाकी सभी क्षेत्र प्रचारक और देशभर के वरिष्ठ प्रचारक या प्रांत प्रचारक मीटिंग में वर्चुअली जुड़ेंगे।
कोरोना की दूसरी लहर के बाद पहली बैठक
कोरोना संक्रमण काल की दूसरी और भयावह लहर के बाद संघ की यह पहली महत्वपूर्ण बैठक है जो चित्रकूट में हो रही है। इस बैठक में कोरोना काल में दी गई सेवाओं के अलावा देशभर में जल संकट और पर्यावरण को लेकर भी चर्चा की जाएगी। बता दें कि संघ पर्यावरण और जल संकट से निपटने के लिए भी बड़ा अभियान चला रहा है। यही नहीं इस क्षेत्र में काम करने वाले कुछ एनजीओ को भी इस प्लेटफार्म पर लाया जा सकता है।
पांच राज्यों के आगामी विधानसभा चुनावों पर नजर
आरएसएस की पांच दिनी इस बैठक में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब सहित पांच राज्यों के आगामी विधानसभा चुनावों पर भी नजर रहेगी। चूंकि देशभर के वरिष्ठ प्रचारक, प्रचारक और प्रांत प्रचारक भी इस बैठक में जुड़ेंगे इसलिए पांच राज्यों के आगामी चुनावों को देखते हुए इस पर मंथन होगा। वैसे इस मीटिंग में संघ के प्रांत प्रचारक अपने-अपने प्रांतों में संघ कार्यों का विवरण देते हैं और आने वाले कार्यक्रम की योजना बनाते हैं। उल्लेखनीय है कि संघ की प्रत्येक वर्ष में तीन बड़ी बैठकें होती हैं। जिनमें यह बैठ भी एक है। बाकी दो बड़ी बैठकों में से एक मार्च में और दूसरी अक्टूबर-नवंबर के आसपास होती है।