सरकार की प्राथमिकताओं पर तैयार होगा रोडमैप

सरकार की प्राथमिकताओं
  • दो दिनी कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस शुरू

    भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में आज से कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर, भोपाल में दो दिवसीय कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस शुरू हुई है। इस अवसर पर राज्य सरकार की प्राथमिकताओं और क्षेत्रीय योजनाओं की समीक्षा की जाएगी। कार्यक्रम में राज्य सरकार के विजन के अनुरूप केंद्र और राज्य सरकार की प्रमुख योजनाओं पर चर्चा के साथ-साथ पांच सर्वश्रेष्ठ और पांच कमजोर जिलों की समीक्षा भी की जाएगी। मुख्य सचिव, सीएम कार्यालय और योजना विभाग चयनित कार्यक्रमों की समीक्षा करेंगे।  दो दिन चलने वाली इस कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस में राज्य सरकार के विजन के अनुरूप केन्द्र और राज्य सरकार की क्षेत्रीय प्रमुख योजनाओं और कार्यक्रमों में टॉप-5 और 5 सबसे कमजोर जिलों की समीक्षा की जाएगी। कॉन्फ्रेंस में मुख्य सचिव, सीएम ऑफिस और योजना विभाग चुनिंदा कार्यक्रमों की समीक्षा करेंगे। कॉन्फ्रेंस में कलेक्टरों के नवाचारों पर भी चर्चा होगी।
    राजधानी में  3 साल बाद फिजिकल कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस हो रही है। इसमें मुख्यमंत्री डॉ. यादव पहली बार प्रदेश के सभी कमिश्नर, कलेक्टर, आईजी और पुलिस अधीक्षकों से एक साथ सीधे रूबरू हुए हैं। कॉन्फ्रेंस में मंत्री और सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव व प्रमुख सचिव भी शामिल हुए हैं। कॉन्फ्रेंस में जिन विषयों पर चर्चा की जाना है, उनमें संबंधित अधिकारी को प्रेजेंटेशन के लिए अधिकतम 20 मिनट मिलेंगे। इस दौरान हर क्षेत्र में राज्य सरकार की प्राथमिकताएं बताई जाएंगी। कॉन्फ्रेंस में कलेक्टरों के सुझावों पर ध्यान केंद्रित कर आने वाली विशिष्ट समस्याएं और मुद्दे एवं जिला स्तर पर उस क्षेत्र के साथ अन्य किसी क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए नवाचार पर चर्चा की जाएगी। मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव कार्यालय और योजना विभाग चुनिंदा कार्यक्रमों की समीक्षा करेंगे। इसमें जिलों में स्थानीय संसाधनों के बेहतर उपयोग और नवाचार एवं जिला, ब्लॉक और पंचायत स्तर पर सार्वजनिक संवाद (जन संवाद) वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अच्छे रिजल्ट लाने पर चचर्चा होगी। जिला, ब्लॉक और ग्राम स्तर पर रोजगार सृजन, लोगों के लिए सरकारी कल्याणकारी योजनाओं तक आसान पहुंच और बेहतर प्रयासों के बारे में जागरुकता पर चर्चा होगी।
    3 साल के रोडमैप पर मंथन
     कॉन्फ्रेंस में सरकार के अगले तीन साल के कामकाज का रोडमैप तैयार किया जाएग। मुख्यमंत्री अगले तीन साल और 2047 के विजन और केंद्र एवं राज्य सरकार की प्राथमिकताओं को लेकर कलेक्टरों से संवाद करेंगे। कॉन्फ्रेंस में केन्द्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन, जमीनी स्तर पर आ रही समस्याओं, विशिष्ठ मुद्दों पर कलेक्टरों से चर्चा की जाएगी, साथ ही उनके सुझाव लिए जाएंगे। इसके बाद कलेक्टरों द्वारा जिलों में किए गए उन नवाचारों पर भी चर्चा होगी, जिससे सरकारी योजनाओं का लाभ लोगों तक बेहतर तरीके से पहुंचा. कॉन्फ्रेंस में बेहतर काम करने वाले कलेक्टरों को शाबासी मिलेगी, वहीं अच्छा परफॉर्मेंस न करने वालों की क्लास भी लग सकती है। कॉन्फ्रेंस के लिए सीएम ऑफिस द्वारा भी जिलों से योजनाओं को लेकर इनपुट बुलाए गए हैं।
    8 विषयों पर होंगे 8 सत्र
    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सरकार की यह पहली कलेक्टर कमिश्नर बैठक है, जब आमने-सामने बैठक में मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव सभी अधिकारियों के कामों की समीक्षा कर रहे हैं। कॉन्फ्रेंस के लिए 8 विषयों पर खास फोकस होगा। इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, कृषि, शहरी विकास, सुशासन, कानून व्यवस्था और जनजातीय कल्याण। इन आठ विषयों पर ही कलेक्टर-कमिश्नर से जमीनी हालातों पर चर्चा की जाएगी। हर विषय पर चर्चा के लिए समय निर्धारित किया गया है। एक विषय पर चर्चा के लिए 75 मिनिट का समय निर्धारित किया गया है। इस दौरान सबसे बेहतर और सबसे कमजोर 5 जिलों की समीक्षा और उनके नवाचारों पर भी चर्चा की जाएगी। पहले दिन कॉन्फ्रेंस में पहले सत्र में संयोजक कृषि उत्पादन आयुक्त होंगे। इसमें कृषि, बागवानी, पशु चिकित्सा, सहकारिता द्वारा कलेक्टर्स के बीच कृषि एवं संबद्ध विषयों पर चर्चा की जाएगी। दूसरे सत्र में प्रमुख सचिव स्वास्थ्य और उनकी टीम द्वारा कलेक्टर्स के बीच स्वास्थ्य एवं पोषण पर केंद्रित चर्चा की जाएगी। तीसरे सत्र में प्रमुख सचिव उद्योग, प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास, अपर मुख्य सचिव वित्त विभाग द्वारा कलेक्टर्स के बीच रोजगार, उद्योग और निवेश को लेकर चर्चा की जाएगी। चौथे सत्र में संयोजक अपर मुख्य सचिव होंगे और इसमें शहरी विकास से संबंधित विषयों पर चर्चा होगी। पाचवें सत्र में सुशासन को लेकर मंथन होगा जिसमें अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन, अपर मुख्य सचिव वित्त विभाग, प्रमुख सचिव राजस्व, प्रमुख सचिव विधि द्वारा सुशासन पर चर्चा होगी। दूसरे दिन तीन सत्र होंगे। बुधवार सुबह 9.30 से 10.15 बजे तक मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री, आयुक्त जनसंपर्क द्वारा अपेक्षाओं के साथ विभिन्न चर्चाएं होगी। छठे सत्र में संयोजक प्रमुख सचिव होंगे। इसमें सचिव स्कूल शिक्षा, प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य संवाद करेंगे। सातवें सत्र में प्रमुख सचिव पीएचई, प्रमुख सचिव जनजातीय विभाग कलेक्टर्स के बीच रिसर्च और विकास एवं जनजातीय गतिविधियों पर चर्चा करेंगे। आठवें सत्र में नियम और कानून पर चर्चा होगी।

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