रिजर्व प्राइस की जिद… बड़े ठेकेदारों ने बढ़ाई दूरी

शराब दुकानों
  •  पहले चरण की बची शराब दुकानों की नीलामी आज

भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। आबकारी विभाग और शराब दुकानों के ठेकेदारों के बीच रिजर्व प्राइस को लेकर जिद समाप्त होने का नाम नहीं ले रही है, यही वजह है कि मौजूदा बड़े शराब ठेकेदारों ने पहले चरण में बची शराब दुकानों की आज होने वाली नीलामी से पूरी तरह से दूरी बना रखी है। उनके द्वारा बीते रोज तक टेंडर नहीं भरे गए हैं। उधर, कहा जा रहा है कि अब तक जो टेंडर भरे गए हैं उनमें भी ठेकेदारों ने रिजर्व प्राइस से कम राशि का ऑफर दिया है। प्रदेशभर के शराब ठेकेदार नई आबकारी नीति को लेकर एकजुट हो गए हैं। वे महंगे ठेके यानी अधिक रिजर्व प्राइज का विरोध कर रहे हैं। शराब के बड़े ठेकेदार अब भी अपने रवैए पर अडिग हैं। दरअसल शहर के 22 ग्रुपों की करीब 58 शराब दुकानों को बेचने के लिए आबकारी विभाग को जद्दोजहद करनी पड़ रही है। दरअसल भोपाल जिले में नए वित्तीय वर्ष (2022-23) के लिए 33 ग्रुपों की 90 शराब दुकानों के दाम करीब 20 फीसदी बढ़ा दिए हैं। जबकि, बीते साल की तुलना में चालू वर्ष में 15 फीसदी शराब दुकानों के रेट बढ़ाकर सिंगल ग्रुप को ठेका दिया गया था। दुकानों के दाम बढ़ने के कारण ही आबकारी विभाग को दुकानों के ठकेों के लिए बेहद जद्दोजहद करनी पड़ रही है। आबकारी विभाग द्वारा करीब 777 करोड़ रुपए कमाने के लिए बची हुई शराब दुकानों की दोबारा नीलामी आज की जा रही है। गौरतलब है कि नए वित्तीय वर्ष के लिए भोपाल जिले की सभी 33 ग्रुपों की शराब दुकानों के लिए विभाग ने 1057 करोड़ रुपए रिजर्व प्राइस रखी है। वहीं, चालू वित्तीय वर्ष में 780 करोड़ रुपए में सिंगल ग्रुप को यह ठेके दिए गए थे। जिले में आने वाले वित्तीय वर्ष के लिए 33 ग्रुपों में से 11 ग्रुपों की करीब 32 शराब दुकानें ही सेल हो सकी हैं। इनसे 300 करोड़ रुपए की आय तय हो चुकी है। बची हुई शराब दुकानों को बेचने के लिए आबकारी विभाग दूसरे चरण की नीलामी करने जा रहा है। बड़ी दुकानों के रेट अधिक होने के कारण शराब ठेकेदारों ने इनसे दूरी बनाई हुई है।
किस ग्रुप की कितनी रिजर्व प्राइस
शहर के एमपी नगर ग्रुप में जोन 1 व 2 और अन्ना नगर की दुकानें शामिल हैं। इसकी रिजर्व प्राइस 60 करोड़ 8 लाख रुपए रखी गई है। कोलार ग्रुप में कोलार सर्वधर्म, नयापुरा क्रमांक 1 और नयापुरा क्रमांक 2 हैं। इसकी रिजर्व प्राइस 54 करोड़ 28 लाख रुपए रखी गई है। इसी तरह से अरेरा कॉलोनी ग्रुप में अरेरा कॉलोनी, त्रिलंगा और गुलमोहर की दुकानें शामिल हैं। इस ग्रुप की रिजर्व प्राइस 49 करोड़ 44 लाख रुपए रखी गई है।  हबीबगंज नाका ग्रुप में नाका, बागसेवनिया और बागमुगलिया की शराब दुकानें हैं। 49 करोड़ 39 लाख रुपए रखा गया है। उधर, नेहरू नगर ग्रुप में नेहरू नगर क्र.1 व नेहरू नगर क्र. 2 और नीलबड़ की दुकानें रखी गई हैं। इसकी रिजर्व प्राइस  मूल्य 44 करोड़ 16 लाख रुपए तय किया गया है।
तीन ग्रुपों से बड़ी मुसीबत
शहर के बड़े ग्रुप एमपी नगर, अरेरा कॉलोनी, कोलार की दुकानों को बेचने के लिए विभाग को  अधिक मेहनत करनी पड़ रही है। यह तीनों ग्रुप 54 करोड़, 53 करोड़ और 52 करोड़ रुपए कीमत वाले हैं।  बीते दिनों शहर की 90 शराब दुकानों में से मात्र 32 को ही खरीदने के लिए शराब कारोबारी आगे आए थे। उनमें सिर्फ छोटे ग्रुप की दुकानों को लेने की होड़ ठेकेदारों में दिखाई दी थी। शराब कारोबारियों का कहना है कि शहर के बड़े ग्रुप की शराब दुकानें पहले से ही घाटे में हैं। इसके बाद भी विभाग ने इन्हें महंगा कर दिया है। इनका कहना है कि दुकानों की वर्तमान स्थिति को देखते हुए विभाग को रिजर्व प्राइस दस फीसदी कम करना चाहिए। जिससे ठेकेदार दुकानों को ले सकें।
विरोध की वजह यह
सरकार की नई नीति में शराब ठेकों की रिजर्व प्राइज बढ़ाकर 25 फीसदी अधिक कर दी गई है। ठेकेदार इसे घाटे का सौदा बताकर विरोध कर रहे हैं। उनकी मांग है कि रिजर्व प्राइज 15 फीसदी यथावत रखी जाए। नई नीति के तहत लोगों को 20 फीसदी सस्ती शराब मिलेगी। वहीं, ठेकेदारों का मार्जिन भी कम कर दिया गया और ड्यूटी भी बढ़ा दी गई है।  

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