- सतपुड़ा-विंध्याचल भवन के रेनोवेशन या नव निर्माण को लेकर अभी कोई निर्णय नहीं

विनोद उपाध्याय
मंत्रालय एनेक्सी के निर्माण पर मप्र सरकार ने करीब 700 करोड़ रुपए खर्च किए थे, लेकिन अब पुराने वल्लभ भवन जो वीबी-1 के नाम से जाना जाता है, उसके रेनोवेशन के लिए 100 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। पुरानी बिल्डिंग की पांचवीं मंजिल पर कक्षों के निर्माण के बाद उन्हें फायनल टच दिया जा रहा है। हालांकि अभी छत का निर्माण कार्य बाकी है। मंत्रालय की पुरानी बिल्डिंग की मरम्मत के साथ नई फर्नीचर की खरीदी, दस्तावेजों की पुनप्र्राप्ति एवं डिजिटलाइजेशन और आधुनिक अग्नि सुरक्षा प्रणालियों की स्थापना की जाएगी। लेकिन विडंबना यह है कि सतपुड़ा और विंध्याचल भवन के रेनोवेशन या नव निर्माण को लेकर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है। गौरतलब है कि पिछले साल भीषण आग लगने से क्षतिग्रस्त मंत्रालय की पुरानी बिल्डिंग की पांचवीं मंजिल के रेनोवेशन का काम तेजी से चल रहा है। जून तक इसके रेनोवेशन का काम पूरा कर लिया जाएगा। उधर, करीब पौने दो साल पहले सतपुड़ा भवन में आग लगने के बाद सरकार ने सतपुड़ा और विंध्याचल भवन के रेनोवेशन और सुरक्षा इंतजाम बढ़ाने की योजना बनाई थी, लेकिन इस पर अभी अंतिम निर्णय नहीं लिया जा सका है। आग लगने से क्षतिग्रस्त सतपुड़ा भवन के हिस्से का रेनोवेशन का काम शुरू नहीं किया गया है।
प्रस्ताव बनाकर रेनोवेशन शुरू नहीं हो पाया
12 जून, 2023 को लगी भीषण आग से सतपुड़ा भवन के पश्चिमी हिस्से में तीसरी से लेकर छठी मंजिल में भारी नुकसान हुआ था। जांच में सामने आया था कि सतपुड़ा भवन में बिजली की पुरानी केबल की लोड लेने की क्षमता कम है, जिससे शॉर्ट सर्किट हो गया और आग लग गई। एक्सपर्ट की टीम ने भविष्य में भी सतपुड़ा और विंध्याचल भवन में शॉर्ट सर्किट की आशंका जताई थी। इसे देखते हुए सतपुड़ा और विंध्याचल भवन के रेनोवेशन का निर्णय लिया गया था। नेशनल बिल्डिंग कोड में सबसे ज्यादा ध्यान भवनों की सुरक्षा पर दिया जाता है। यही वजह है कि सतपुड़ा और विंध्याचल भवन के रेनोवेशन में सुरक्षा इंतजामों पर विशेष ध्यान जाने की बात कही गई थी। पीडब्ल्यूडी ने रेनोवेशन के संबंध में प्रस्ताव तैयार किया था, जिसमें रेनोवेशन व सुरक्षा इंतजार्मा पर करीब 160 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान था। इसके तहत सतपुड़ा और विंध्याचल भवन की मजबूती (स्ट्रक्चरल हेल्थ), लाइट फिटिंग, अत्याधुनिक फायर फाइटिंग सिस्टम लगाने के साथ प्लंबरिंग और बेहतर साज-सज्जा की जानी थी। अधिकारियों का कहना है कि सरकार सतपुड़ा और विंध्याचल भवन को तोडकर नई बिल्डिंग बनाने पर भी विचार कर रही है, यही वजह है कि अब तक दोनों भवनों के रेनोवेशन पर अंतिम निर्णय नहीं लिया जा सका है।
पीडब्ल्यूडी ने दिए थे रिनोवेशन के सुझाव
भोपाल में सरकारी दफ्तरों के लिए सतपुड़ा और विंध्याचल भवन 43 साल पहले, 1982 में बने थे। इन भवनों को तोडक़ट 800 करोड़ रुपए की लागत से नए भवन बनाने की योजना बनाई गई थी। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में दोनों भवनों को तोडकऱ नए भवन निर्माण का निर्णय लिया गया था। हालांकि, पीडब्ल्यूडी ने तुलनात्मक अध्ययन के बाद सुझाव दिया है कि 200 करोड़ रुपए की लागत से दोनों भवनों का रिनोवेशन कर उनकी आयु 40 साल और बढ़ाई जा सकती है। जून 2023 में सतपुड़ा भवन में भीषण आग के बाद, गांधी नगर (गुजरात) की नेशनल फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी से बिल्डिंग के स्ट्रक्चर की जांच कराई गई थी। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि सतपुड़ा भवन के स्ट्रक्चर को कोई गंभीर नुकसान नहीं पहुंचा है। इसके बाद पीडब्ल्यूडी ने रिनोवेशन का सुझाव दिया। रिनोवेशन के बाद इन भवनों की उम्र 40 साल और बढ़ जाएगी, जबकि नई बिल्डिंग की उम्र 75 साल होगी।
एक साल पहले लगी थी पांचवीं मंजिल पर आग
दरअसल, 9 मार्च, 2024 की सुबह वल्लभ भवन की पांचवीं मंजिल पर आग लग गई थी, जो तेजी से चौथी से तीसरी मंजिल तक पहुंच गई थी। आग लगने से पुरानी बिल्डिंग की पांचवीं मंजिल पूरी तरह नष्ट हो गई थी। साथ ही यहां कक्षों में रखा पूरा सरकारी रिकॉर्ड जलकर खाक हो गया था। इस मंजिल पर सीएम सचिवालय के कार्यालय स्थित थे। इसे देखते हुए सरकार ने पांचवीं मंजिल का नए सिरे से निर्माण समेत अन्य मंजिलों को रेनोवेट करने का निर्णय लिया था। गत सितंबर में कैबिनेट बैठक में मंत्रालय की पुरानी बिल्डिंग के रेनोवेशन के लिए 100 करोड़ के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी। पुरानी बिल्डिंग की पांचवीं मंजिल पर कक्षों के निर्माण के बाद उन्हें फायनल टच दिया जा रहा है। हालांकि अभी छत का निर्माण कार्य बाकी है। मंत्रालय की पुरानी बिल्डिंग की मरम्मत के साथ नई फर्नीचर की खरीदी, दस्तावेजों की पुनर्प्राप्ति एवं डिजिटलाइजेशन और आधुनिक अग्नि सुरक्षा प्रणालियों की स्थापना की जाएगी।