
- टूरिज्म का 70 फीसदी हिस्सा उज्जैन, ओंकारेश्वर और महेश्वर से
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम
मध्यप्रदेश के टूरिज्म का 70 फीसदी हिस्सा धार्मिक टूरिस्ट का है। इसमें सबसे प्रमुख ट्रेंगल बनता है वह है उज्जैन, ओंकारेश्वर और महेश्वर के बीच का। प्रदेश में करीब 50 से 60 प्रतिशत टूरिज्म इस ट्रेंगल से ही इंक्रीज हुआ है। जानकारों की माने तो वर्ष 2019 से 2025 तक मप्र में 50 प्रतिशत टूरिज्म बढ़ा है। दरअसल उज्जैन में महाकाल लोक के बाद से धार्मिक पर्यटन को बहुत अधिक बढ़ावा मिला है। इंदौर आने वाले अधिकांश पर्यटक उज्जैन, ओंकारेश्वर, महेश्वर जाते हैं। इससे न सिर्फ टूरिज्म बल्कि इससे संबंधित टूर ऑपरेटर, गाइड, ट्रांसपोर्टेशन, लोकल हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री को बहुत अधिक बूस्ट मिल रहा है। इसके अलावा होटल इंडस्ट्री में भी रोजगार के अवसर बढ़े हैं। कुल मिलाकर टूरिज्म और एविएशन इंडस्ट्री में करियर बनाने के बहुत विकल्प हैं।
डिमांड की तुलना में योग्य युवाओं की बनी हुई है कमी
विशेषज्ञों की माने तो इस सेक्टर में डिमांड की तुलना में योग्य युवाओं की कमी बनी हुई, क्योंकि इससे संबंधित पाठ्यक्रम महज गिनती के संस्थानों में ही देखने को मिलते हैं। हालांकि देवी अहिल्या विश्वविद्यालय ने स्कूल ऑफ एविएशन, टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट की शुरुआत की है। विवि में इस कोर्स का यह दूसरा साल है, जिसमें पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड एमबीए टूरिज्म बीबीए एविएशन में सीयूईटी के माध्यम से एडमिशन दिया जाता है। इस बार हुई सीयूईटी में 60-60 सीटों पर 100 फीसदी एडमिशन हुए। विश्वविद्यालय में इंटीग्रेटेड एमबीए टूरिज्म, बीकॉम लॉजिस्टिक और बीकॉम रिटेल मैनेजमेंट जैसे कोर्स पढ़ाए जा रहे है। इसके अलावा निजी विवि में टूरिज्म कोर्स, जबलपुर, ग्वालियर व उज्जैन में भी एविएशन कोर्स शुरु किए गए हैं। हालांकि इनका असर आने वाले चार से पांच साल बाद देखने को मिलेगा।
धार्मिक के अलावा रुरल टूरिज्म भी बढ़ रहा
धार्मिक के अलावा मप्र में रुरल टूरिज्म भी तेजी से बढ़ रहा है। कई गांव हैं जिन्हें चिंहित कर शासन की ओर से ट्रेनिंग दी गई है। इसमें बताया गया है कि किस तरह से आय को बढ़ा सकते हैं। इसमें खासकर होम स्टे को अधिक बढ़ावा मिल रहा है। ग्लैमर से दूर सादगीपूर्ण जीवन का आनंद लेने वालों की संख्या में भी तेजी से इजाफा हो रहा है। इससे जहां पर्यटक गांवों में रहकर वहां का आनंद ले रहे हैं वहीं वहां के निवासी की आय बढ़ रही है।
5 हजार करोड़ रुपए बजट में
टूर ऑपरेटर, होटल प्रबंधक, गाइड, ट्रांसपोर्टेशन, लोकल हॉस्पिटैलिटी आदि में रोजगार के अक्सर तेजी से बढ़ रहे हैं। राज्य सरकार ने पर्यटन और सांस्कृतिक विकास के लिए 5000 करोड़ रुपए बजट में रखे हैं, जिससे बुनियादी ढांचे और नौकरियों की संभावनाएं और भी बढ़ जाएंगी। एविएशन सेक्टर में एयरपोर्ट विस्तार, फ्लाइट कनेक्टिविटी बढऩे से कैबिन क्रू, ग्राउंड स्टाफ, फ्लाइट अटेन्डेंट, इंजीनियर आदि में जॉब्स उपलब्ध हो रही है।
