विश्वविद्यालयों की उदासीनता के कारण नहीं हो रहे पंजीयन

विश्वविद्यालयों
  • स्वयं पोर्टल पर 7000 से अधिक पाठ्यक्रम

भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने स्वयं के जरिए पाठ्यक्रम पूरा करने के लिए स्वयं पोर्टल बनाया है। इस पर 7000 से अधिक पाठ्यक्रम हैं। लेकिन विश्वविद्यालयों की उदासीनता के कारण पंजीयन नहीं हो पा रहा है। इस कारण युवाओं का इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। जानकारी के अनुसार केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक वैश्विक स्तर और हर आयु वर्ग को ध्यान में रखते हुए यह पोर्टल विकसित किया गया है। टॉप 10 कोर्स में दाखिला लेने वालों में बीई-बीटेक के छात्र पहले नंबर पर हैं। जबकि एमएससी, एमए, एमबीए, बीएससी, पीएचडी, बीकॉम, बीए, एमकॉम से जुड़े छात्र भी बड़ी संख्या में हैं। गौरतलब है कि उच्च शिक्षण संस्थानों में पारंपरिक पढ़ाई के साथ-साथ बहुविषयक विषयों में ज्ञान बढ़ाने के मकसद से केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा स्वयं पोर्टल शुरू किया गया है। शिक्षा मंत्रालय अब देश में उच्च शिक्षा को सर्वसुलभ बनाने के लिए नवाचार में जुटा है। इसके लिए स्वयं पोर्टल बनाया गया है, लेकिन राज्यों के संबंधित विभागों की उदासीनता के चलते उच्च शिक्षा के विद्यार्थी-शिक्षक पंजीयन नहीं करवा रहे हैं। ऐसे में शिक्षा मंत्रालय निर्देश पर यूजीसी ने मप्र समेत सभी राज्यों को कड़ा पत्र लिखा है। इसके बाद प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग ने सभी सरकारी, अनुदान प्राप्त और निजी कॉलेज-विश्वविद्यालयों के लिए गाइडलाइन जारी की है। ज्यादा से ज्यादा छात्रों और फैकल्टी के पंजीयन के लिए कहा गया। वे चाहें तो पोर्टल से कोचिंग ले सकते हैं या फिर विभिन्न समयावधि के पाठ्यक्रमों की पढ़ाई के बाद परीक्षा देकर सर्टिफिकेट भी हासिल कर सकते हैं। उन्हें इसके अंक यानी क्रेडिट दिए जाएंगे।
1000 से अधिक विश्वविद्यालयों को जोड़ने की तैयारी
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के सचिव प्रोफेसर रजनीश जैन ने देशभर के लगभग 1000 से अधिक विश्वविद्यालय से इस वेब पोर्टल के माध्यम से आॅनलाइन शिक्षण पाठ्यक्रमों के लिए क्रेडिट फ्रेमवर्क को अपनाने का अनुरोध किया। गौरतलब है कि देश भर के विश्वविद्यालयों में विभिन्न पाठ्यक्रमों के एक सेमेस्टर में किसी विशेष कार्यक्रम में पेश किए जा रहे कुल पाठ्यक्रमों का 40 प्रतिशत आॅनलाइन शिक्षण से पूरा किया जा सकता है। प्रोफेसर रजनीश जैन ने बताया कि स्वयं प्लेटफॉर्म पर 7115 पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं। प्लेटफॉर्म के माध्यम से 11.13 लाख प्रमाणपत्र जारी किए गए है। प्रोफेसर जैन ने बताया कि कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन के दौरान, स्वयं प्लेटफॉर्म का उपयोग लगभग 2.5 लाख गुना बढ़ गया है। ओएसडी अकादमिक उच्च शिक्षा आयुक्त कार्यालय डॉ. धीरेंद्र शुक्ला का कहना है कि सभी विवि और कॉलेजों के कुलपतियों-प्राचार्यों को लिखा है कि वे स्वयं पोर्टल का लाभ छात्रों और फैकल्टी को दिलाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से प्रयास करें। पंजीयन के बाद पढ़ाई और सर्टिफिकेट कोर्स को लेकर जागरुकता लाने के लिए विभाग प्रयासरत है। मॉनीटरिंग भी बढ़ाई गई है।
40 प्रतिशत कोर्स की पढ़ाई स्वयं के माध्यम से
देश के शीर्ष नौ संस्थानों को भी स्वयं में जोड़ा गया है। ये हैं एआइसीटीई, सीईसी, इग्नू आइआइएमबी, एनसीईआरटी, एनआइओएस और एनआइटीटीटीआर गुणवत्तापूर्ण शिक्षण-प्रशिक्षण के लिए संस्थान आधारित पारंपरिक शिक्षण के अलावा उसके समानांतर यह आॅनलाइन व्यवस्था रहेगी। एक सेमेस्टर या एक वर्ष के कोर्स में से 40 प्रतिशत कोर्स की पढ़ाई स्वयं के माध्यम से की जा सकती है। पोर्टल पर चार तरह का कंटेंट है- वीडियो लेक्चर, टेस्ट सीरीज, स्टडी मटेरियल और आॅनलाइन डिस्कशन आदि। इन्हें फैकल्टी और छात्रों के हिसाब से विभाजित किया गया है। कुल 32 चैनल में करीब 500 कोर्स चल रहे हैं। इन्हें पांच समूह में बांटा गया है। इनमें 46 कोर्स स्कूल विभाग के अंतर्गत, 15 सर्टिफिकेट कोर्स, 29 डिप्लोमा कोर्स, 386 कोर्स अंडर ग्रेजुएट और 279 कोर्स पोस्ट ग्रेजुएट स्तर के हैं।

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