
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। एक तरफ कई गरीब खुद की छत पाने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं, तो वहीं प्रदेश में करीब 15 हजार गरीब ऐसे हैं, जो सरकार से मकान बनाने के लिए मिली रकम लेकर ही गायब हो गए हैं। यह वे लोग शहरी इलाकों में रहते हैं। अब ऐसे लोगों के खिलाफ सरकार सख्ती दिखाने जा रही है। इसकेे तहत न केवल उनसे राशि वसूली जाएगी , बल्कि उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। नगरीय संचालनालय ने स्थानीय निकायों को मकान निर्माण नहीं करने वाले लोगों से राशि वसूली के निर्देश भी दे दिए हैं। इस राशि की वसूली नहीं करने पर संचालनालय स्थानीय निकायों के अनुदान में से राशि को काट लेगा। दरअसल सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहरी गरीबों को पक्का मकान बनाने के लिए 150 करोड़ रुपये की राशि जारी की थी, लेकिन इसमें से 15 हजार लोगों ने पहली राशि लेने के बावजूद अपना मकान ही नहीं बनाया है। इसमें से चार हजार लोग तो अपने पते से ही गायब हो गए हैं। इन लोगों को सरकार की तरफ से मकान बनाने के लिए पहली किश्त के रूप में एक लाख रुपये की राशि दी गई थी। संचालनालय से निर्देश मिलने के बाद स्थानीय निकायों ने जिला प्रशासन के सहयोग से संबंधित लोगों को नोटिस जारी करना शुरू कर दिया है। इसमें कुछ लोगों की मौत हो गई है। ऐसे प्रकरण में उत्तराधिकारी से राशि की वसूली करने पर विचार किया जा रहा है। साथ ही कुछ प्रकरण में प्रॉपर्टी का मामला कोर्ट में होने की बात भी सामने आ रही है। हालांकि, अधिकतर प्रकरण में लोग पैसा लेकर ना मकान बना रहे हैं ना ही राशि वापस कर रहे हैं। अब उनसे सख्ती से राशि वापस लेने की कार्रवाई की जा रही है।
413 निकायों को 17 हजार करोड़ बांटे
प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए शहरी गरीबों को राशि जारी की है। यह राशि करीब 17 हजार करोड़ रुपये के आसपास है। योजना में सरकार की तरफ से एक हितग्राही को 2.50 लाख रुपये की राशि दी जाती है। इसमें करीब 15 हजार लोगों ने पहली किश्त के एक लाख रुपये लेकर आवास निर्माण का काम ही शुरू नहीं किया है। अब ऐसे लोगों को अपात्र घोषित कर वसूली की जाएगी।