
सरकार द्वारा दी गई नई सुविधाओं का हुआ असर
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। भले ही इस बार देर से मूंग की खरीदी शुरु हुई , लेकिन इसके बाद भी सरकार ने एमएसपी पर इसकी खरीदी का नया रिकार्ड बनाया है। इसकी वजह से ग्रीष्मकालीन मंूग की फसल उत्पादक किसानों की इस बार बल्ले-बल्ले हो गई है। सरकार ने इस फसल की खरीदी के लिए कई तरह की नई सुविधाएं दी थीं। जिसकी वजह से ही इस बार प्रदेश में मूंग की सरकारी खरीदी का रिकॉर्ड बन गया है। अगर इस खरीदी की बीते साल से तुलना की जाए तो इस बार 17 फीसदी अधिक खरीदी की गई है। बीते साल 4.74 लाख मेट्रिक टन मूंग की खरीदी हुई थी , जबकि इस बार 5.56 लाख मेट्रिक टन की खरीदी की गई है। इस खरीदी का फायदा प्रदेश के 32 मूंग उत्पादक जिलों में 1 लाख 74 हजार किसानों को मिला है। इसके लिए सरकार द्वारा किसानों को 3390 करोड़ का भुगतान किया जा रहा है। जिसमें से 2800 करोड़ रुपए का भुगतान तो किसानों के खातों में किया भी जा चुका है। वहीं 479 करोड़ का भुगतान भी जल्द किए जाने की तैयारी कर ली गई है। दरअसल सरकार ने इस बार शुरु में 2 लाख 75 हजार 645 मैट्रिक टन मूंग खरीदी का लक्ष्य रखा था, लेकिन उत्पादन में वृद्धि होने से खरीदी इससे कहीं अधिक की गई है। पहले खरीदी 31 जुलाई तक होना थी, स्लॉट बुकिंग में आ रही दिक्कत को देखते हुए सरकार ने खरीदी सात दिन बढ़ाकर सात अगस्त तक कर दी थी। यही नहीं इस बार सरकार ने एक किसान से 40 क्विंटल तक मूंग एक बार में किसानों से खरीदी है। इसके पहले ते सरकार न यह खरीदी सीमा 25 क्विंटल तक तय की हुई थी। इसके अलावा इस बार सरकार ने किसानों को अपनी सुविधा अनुसार कहीं पर भी स्लॉट बुक करने की भी सुविधा प्रदान की थी।
एक साल में बढ़ गया डेढ़ लाख हेक्टेयर रकबा
प्रदेश का किसान किस तेजी से मूंग को तीसरी फसल के रूप में अपना रहा है, इसका उदाहरण है कि एक साल में ही प्रदेश में मूंग का रकबा 1.5 लाख हेक्टेयर तक बढ़ गया है। वर्ष 2023 में लगभग 10 लाख 79 हजार हेक्टेयर में मूंग की फसल ली गई। बीते वर्ष 2022 में 9.29 लाख हेक्टेयर में मूंग फसल ली गई थी। इस तरह से एक साल में ही डेढ़ लाख हेक्टेयर का रकबा बढ़ गया है।
यह रही रकबा बढ़ने की वजह
मध्य प्रदेश में पिछले कुछ वर्षों से तीसरी फसल के रूप में ग्रीष्मकालीन यानी जायद फसलों का रकबा बढ़ा है। इसमें सबसे प्रमुख एवं किसानों को मुनाफा देने वाली फसल मूंग है, जिसे सबसे अधिक क्षेत्र में प्रदेश के किसान अपनाने लगे हैं। इस फसल को लेने में 60 दिन लगते हैं और समर्थन मूल्य पर अच्छा रेट मिलने से किसानों को खासा मुनाफा भी हो रहा है। यही कारण है कि किसान इसे तीसरी फसल के रूप में तेजी से अपना रहे हैं।
नर्मदापुरम ने देशभर में मारी बाजी
केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के मुताबिक देश में मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा प्रमुख ग्रीष्मकालीन मूंग उत्पादक राज्य हैं। इनमें भी देश एवं प्रदेश में सबसे अधिक मूंग फसल लेने वाला जिला नर्मदापुरम (होशंगाबाद) है यहां 2 लाख 95 हजार हेक्टेयर में मूंग का उत्पादन किया जाता है। इस वर्ष 4.25 लाख मेट्रिक टन से अधिक मूंग का उत्पादन इसी जिले में हुआ है।
इन जिलों में की गई खरीदी: प्रदेश के मूंग के अधिक उत्पादन वाले 32 जिलों में खरीदी हुई है। भोपाल, इंदौर सहित नर्मदापुरम, नरसिंहपुर, रायसेन, हरदा, सीहोर, जबलपुर, देवास, सागर, गुना, खंडवा, खरगोन, कटनी, दमोह, विदिशा, बड़वानी, मुरैना, बैतूल, श्योपुरकला, भिंड, सिवनी, छिंदवाड़ा, बुरहानपुर, छतरपुर, उमरिया, धार, राजगढ़, मंडला, शिवपुरी, अशोकनगर बालाघाट में मूंग की खरीदी की गई है।