
- प्रदेश में महंगाई भी नहीं रोक पाई शराब की खपत, सरकार को 1,300 करोड़ की आय
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। महंगाई और रोजमर्रा की बढ़ती जरूरतों के बावजूद मध्यप्रदेश में शराब की खपत लगातार बढ़ रही है। वर्ष 2024-25 में शराब से सरकार को लगभग 15,200 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ, जबकि 2023-24 में यह आंकड़ा 13,900 करोड़ रुपए था। यानी आबकारी विभाग को महज एक साल में 1,300 करोड़ रुपए की अतिरिक्त आय हुई है। इस बार भी एक्साइज रिकॉर्ड स्तर पर जाने की संभावना है।
प्रदेश के चार बड़े शहरों में शामिल भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर में विदेशी शराब और बीयर की खपत में लगभग 94 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है। जबकि छोटे शहर और कस्बों में देशी शराब की बिक्री में इजाफा हो रहा है। भोपाल शहर के एमपी नगर, कोलार रोड क्षेत्र कीं चार शराब दुकानों पर जाकर जाम छलका रहे लोगों से बात करने पर पता चला कि हर शाम वे वहां आते हैं।
चार लोगों ने बताया कि दिनभर काम करके थक जाते हैं और शाम को थकान उतारने के लिए कम से कम एक क्वार्टर तो चाहिए। दो लोगों ने बताया कि अगर हाफ की जुगाड़ हो जाती है तो मजा आ जाता है। शराब पर खर्च को लेकर बोले कि कमाते हैं और खर्च करते हैं, इसमें क्या है, हर दिन 90 रुपए की दारू और 10 रुपए का चखना तो खरीदना ही पड़ता है। उल्लेखनीय है कि पॉलिसी में बदलाव के बाद देशी शराब 10 मिली या 180 मिली पैक में भी उपलब्ध कराई जा रही है।
इसलिए बढ़ रही खपत
बड़े शहरों में बार और रेस्टो लाउंज का विस्तार, युवा वर्ग की जीवनशैली और आय में वृद्धि, सरकार की ई-ऑक्शन और पारदर्शी लाइसेंसिंग नीति से संचालन आसान हुआ है। वित्त वर्ष 2024-25 में एक्साइज/लिकर ऑक्शन / डिस्पोजल से लगभग 13,900-15,200 करोड़ रुपए के बीच मला है, जो पिछले वर्ष से ज्यादा है। 2023-24 के आंकड़ों के अनुसार राज्य ने विदेशी मदिरा में 44.90 लाख प्रूफ लीटर और माल्ट एवं बीयर की श्रेणी में 1,933.35 लाख बल्क लीटर की खपत दर्ज की।
यह है चार महानगरों का हाल
भोपाल में विदेशी मदिरा की बिक्री में वृद्धि दर्ज हुई है। इंदौर में बीयर की खपत लगभग 85 प्रतिशत तक बढ़ी है। ग्वालियर में बीयर की खपत में लगभग 76 प्रतिशत तक वृद्धि दर्ज हुई है। जबलपुर में बीयर की खपत 94 प्रतिशत तक बढ़ी है।
इतनी ह रही सापत 2022-23 तक मध्य प्रदेश में
बीयर की खपत लगभग 631.17 लाख बल्क लिटर थी, जबकि देशी शराब लगभग 584.98 लाख पूफ लीटर और आईएमएफएल लगभग 259.03 लाख प्रूफ लीटर थी। अब बीयर की खपत 55 प्रतिशत, देशी शराब की खपत 21 प्रतिशत, और आईएमएफएल की खपत 22-23 प्रतिशत बढ़ी है। राज्य में 3605 कम्पोजिट मदिरा दुकानों पर देशी, विदेशी शराब और बीयर मिलती है। हालांकि, अप्रैल से बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया है। धार्मिक या पवित्र स्थानों में शराब इस वजह से आबकारी की अनुमानित राजस्व हानि लगभग 450 करोड़ रुपए के आसपास हो सकती है।