
- ब्लैक लिस्ट के नोटिस के बाद भी नहीं किया सुठालिया प्रोजेक्ट को पूरा
3,000 करोड़ रुपए का ई-टेंडरिंग घोटाला करने के बाद श्रीनिवास राजू मेंटेना की मेंटेना कंस्ट्रक्शन कंपनी अब सरकार के लिए गले की फांस बन गई है। इसकी वजह यह है कि कंपनी के पास कई महत्वाकांक्षी परियोजनाओं का काम है। कंपनी ने इन परियोजनाओं को आधा-अधूरा की स्थिति में छोड़ रखा है। ऐसी ही एक परियोजना है राजगढ़ जिले के ब्यावरा में पार्वती नदी पर बन रहा सुठालिया प्रोजेक्ट का ग्रेविटी डेम। इस ग्रेविटी डेम की क्षमता 201.35 एमसीएम है। जिसका काम मेंटेना कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया गया था। लेकिन कंपनी इस काम को अधर में लटकाए हुए है।
काले कारनामों की कुंडली होगी तैयार
प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि कंपनी के खिलाफ प्रदेशभर से शिकायतें पहुंच रही हैं। प्रदेश में कंपनी को जितने भी कार्य मिले हैं, उनके कारनामों की जांच के बाद कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी चल रही है। साथ ही ई-टेंडरिंग घोटाले के मामले में भी कंपनी की कुंडली तैयार की जाएगी। मालूम हो कि टेंडरिंग घोटाला अप्रैल 2018 में सामने आया था, जब जल निगम की तीन निविदाओं को खोलते समय कंप्यूटर ने एक संदेश डिस्प्ले किया। इससे पता चला कि निविदाओं में टेंपरिंग की जा रही है। तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आदेश पर इसकी जांच ईओडब्ल्यू को सौंपी गई थी। प्रारंभिक जांच में पाया गया कि जीवीपीआर इंजीनियर्स और अन्य कंपनियों ने जल निगम के तीन टेंडरों में बोली की कीमत में 1,769 करोड़ का बदलाव कर दिया था। ई-टेंडरिंग को लेकर ईओडब्ल्यू ने कई कंपनियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
ईडी और ईओडब्ल्यू में जांच
मेंटेना कंपनी के कई घपले-घोटालों की जांच ईडी और ईओडब्ल्यू में चल रही है। ई टेंडर घोटाले की जांच कर रही ईओडब्ल्यू की टीम मेंटेना कंपनी को लेकर साक्ष्य जुटा रही है। इस केस में ईडी की रिपोर्ट के तहत 17 जनवरी को कंपनी के मालिक श्रीनिवास राजू और उसके एक सहयोगी आदित्य त्रिपाठी को जेल भेजा जा चुका था, जो फिलहाल जमानत पर हैं। मेंटेना कंस्ट्रक्शन कंपनी की सिस्टर कन्सर्न मेसर्स एचईएस मैक्स को छिंदवाड़ा में सिंचाई कॉम्प्लेक्स बनाने के लिए तत्कालीन सीएस एम गोपाल रेड्डी के इशारों पर पांच सौ करोड़ रुपए एडवांस दिए गए थे। जबकि न तो सिंचाई कॉम्प्लेक्स बना और न ही इस मामले में किसी जिम्मेदार पर कार्रवाई हुई। खानापूर्ति के लिए सिर्फ विभाग के दो इंजीनियरों को निलंबित किया गया।