
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। भले ही भाजपा की दूसरी प्रत्याशियों की सूची तैयार हो चुकी है, लेकिन इस सूची को सूबे की दो विधानसभा सीटों की वजह से जारी नहीं किया जा रहा है। इन दोनों ही सीटों पर अभी कांग्रेस के विधायक हैं। यही वजह है कि एक सप्ताह पहले केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के बाद भी पार्टी अपनी तैयार दूसरी सूची को जारी नही कर पा रही है। इनमें से एक क्षेत्र बुंदेलखंड और दूसरा ग्वालियर चंबल अंचल का है। यह दोनों क्षेत्र ऐसे हैं,जहां से लगातार कांग्रेस विधायक जीत रहे हैं। भाजपा द्वारा कराए गए सर्वे में एक बार फिर से यह दोनों सीटें खतरे के निशान में शामिल हैं। यही वजह है, कि भाजपा चाहती है कि किसी भी तरह दोनों क्षेत्रों के विधायक भाजपा में शामिल हो जाएं, जिससे इन सीटों पर पार्टी का परचम फहराया जा सके। इसके लिए लंबे समय से पार्टी के नेता प्रयासरत हैं, लेकिन अब तेक सफलता नहीं मिल सकी है। अब इन दोनों को भाजपा में प्रवेश दिलाने और उनका टिकट पक्का करवाने के लिए प्रदेश के दो दिग्गज प्रयास कर रहे हैं। यह दोनों सीटें हैं भितरवार और राजनगर। इसमें से भितरवार सीट ग्वालियर जिले में आती है, जहां से अभी लाखन सिंह यादव विधायक हैं। यह सीट 2008 से भाजपा नहीं जीत सकी है। वे कमलनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं। उन्हें पूर्व सीएम दिग्वजय सिंह का करीबी माना जाता है। अगर यादव को पार्टी में लाने में सफलता नहीं मिलती है तो, पार्टी एक अन्य कांग्रेस के नेता पर भी नजर बनाए हुए हैं। पार्टी ने उनका भी विकल्प खोल रखा है। इसी तरह से छतरपुर जिले की राजनगर सीट पर भी भाजपा की नजर है। यहां से बीते तीन चुनाव से कुंवर विक्रम सिंह नाती राजा जीत रहे हैं। यह बात अलग है कि वे बीता चुनाव महज 632 वोटों से ही जीत सके थे। उन्हें भाजपा के अरविंद पटैरिया ने कड़ी टक्कर दी थी, लेकिन इस बार भाजपा को उन पर विश्वास कम है। दरअसल भाजपा की जो दूसरी तैयार बताई जा रही है उसमें वे सीटें भी शामिल हैं, जिन पर कांग्रेस के विधायक हैं। दरअसल इस बार भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा राजनगर सीट पर जिताऊ प्रत्याशी को ही टिकट दिए जाने के पक्ष में हैं तो एक बड़े नेता भितरवार से लाखन सिंह यादव को भाजपा में लाने के पक्षधर हैं।