राजौरा का जलवा कायम फिर बने पॉवरफुल

राजौरा
  • कामकाज का नए सिरे से हुआ बंटवारा

गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) में आठ महीने के भीतर सोमवार को दूसरी बार कार्य विभाजन कर दिया गया है। दरअसल इस बीच कई अफसरों को सीएमओ से बाहर किया गया, तो कई अफसरों को सीएमओ में नए सिरे से पदस्थ किया गया है। इस दौरान एक बार फिर से अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा पॉवरफुल बनकर सामने आए हैं। उन्हें पूर्व में दिए गए कामों के अलावा सिंहस्थ 2028 की तैयारियों का जिम्मा भी सौंप दिया गया है। पहले यह जिम्मा सीएमओ में सचिव रहे भरत यादव के पास था। उन्हें कुछ दिन पहले ही सीएमओ से हटा दिया गया था। दरअसल राजौरा ऐसे अफसर हैं, अपनी कार्यशैली के चलते हमेशा सरकारों की पसंद बन जाते हैं। सीएमओ की नई टीम में एक भी प्रमुख सचिव नहीं है, पूर्व में दो प्रमुख सचिव थे। उनके पास जो जिम्मेदारी थी, वह सचिव सिबि चक्रवर्ती और डॉ. इलैयाराजा टी के साथ-साथ चार अपर सचिव चंद्रशेखर वालिबे, अरुण परमार, लक्ष्मण मरकाम और अरविंद कुमार दुबे को अलग-अलग दे दी गई है।  इस तरह टीम में कुल 19 अफसर हैं। इसके पहले सीएमओ में अफसरों की संख्या 26 थी। कामों का बंटवारा पूर्व में जून 2024 को हुआ था। इस बीच अचानक पीएस संजय कुमार शुक्ला व राघवेंद्र कुमार सिंह को दूसरी जिम्मेदारी देते हुए विभागों में पदस्थ कर दिया गया था। कुछ समय बाद सचिव भरत यादव को भी सीएमओ से सडक़ विकास निगम का एमडी बना दिया। तब से कयास लगाए जा रहे थे कि सीएमओ में नए सिरे से जमावट हो सकती है, जिसे नए सिरे से काम के बंटवारे ने विराम दे दिया है।
किस अफसर को क्या जिम्मा
डॉ. राजेश राजौरा, एसीएस सिंहस्थ का जिम्मा, बाकी पूर्व की जिमेदारियां। इनमें चुनावी सकंल्प पत्र के अलावा मंत्री परिषद से संबंधित कार्य एवं नीतिगत विषय, मुख्यमंत्री द्वारा दिल्ली भ्रमण कार्यक्रम संबंधी फोल्डर, पत्रादि तैयार कराना। केन्द्र  के समक्ष लंबित विषयों के संबंध में आवश्यक तैयारियां करना, कलेक्टर कमिश्नर कॉन्फ्रेंस से संबंधित कार्य। मुख्यमंत्री की घोषणाओं, ए प्लस और ए मॉनिट के संदर्भों का पालन एवं मॉनिटरिंग और फॉलोअप, मुख्यमंत्री परिषद की बैठकों और ट्रैकर से संबंधित कार्य,  प्रशासनिक सुधार एवं नवाचार से संबंधित मामले और राज्य के मेगा प्रोजेक्ट की मॉनिटरिंग व्यवस्था के अलावा प्रधानमंत्री, केन्द्रीय मंत्रीगण, अन्य राज्यों के  मुख्यमंत्रीगण तथा संसद सदस्यों से प्राप्त पत्रों का संधारण एवं पत्रोत्तर के संबंध में अनुश्रवण एवं समय-सीमा में अभिस्वीकृति प्रदान करने एवं पत्रों के उत्तर भिजवाने की कार्यवाही में आवश्यक समन्वय करना शामिल है। इसी तरह से उन्हें ऐसे समस्त कार्य जो किसी अन्य अधिकारी को आवंटित नहीं है। अहम बात यह है कि उन्हें  इंदौर और उज्जैन संभागों से जुड़े विभिन्न प्रशासनिक विषयों पर आवश्यक समन्वय का काम भी दिया गया है।
सचिव सिबि चक्रवर्ती एम
18 विभागों सहित ग्वालियर, चंबल व सागर संभाग में समन्वय। उन्हें पंचायत एवं ग्रामीण विकास, ओद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन,  ऊर्जा, पर्यटन, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण, सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण, पर्यावरण, विमुक्त, घुमन्तु एवं अद्र्ध घुमन्तु कल्याण, विमानन, भोपाल गैस त्रासदी, राहत एवं पुनर्वास, किसान कल्याण एवं कृषि विकास,  उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण,  लोक परिसंपत्ति प्रबंधन, पशुपालन एवं डेयरी,  मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास,  धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व और संस्कृति विभाग शामिल है।
डॉ. इलैयाराजा टी, सचिव
सीएम के दिल्ली दौरे से जुड़े काम। भोपाल, शहडोल, नर्मदापुरम संभाग में समन्वय का के अलावा 17 विभागों का जिम्मा सौंपा गया है। उन्हें दिए गए काम में मुख्यमंत्री द्वारा दिल्ली भ्रमण कार्यक्रम संबंधी फोल्डर और पत्र तैयारे कराना।, प्रधानमंत्री केन्द्रीय मंत्रीगण और अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रीगण तथा  संसद सदस्यों से प्राप्त पत्रों का संधारण एवं पत्रोत्तर के संबंध में अनुश्रवण एवं समय-सीमा में अभिस्वीकृति प्रदान करने एवं पत्रों के उत्तर भिजवाने की कार्यवाही में आवश्यक समन्वय करना, केन्द्र सरकार के अतिविशिष्ट अतिथियों के मध्य प्रदेश प्रवास के संबंध में समस्त आवश्यक कार्य एवं भारत सरकार के समक्ष लंबित विषयों के संबंध में आवश्यक तैयारियां करना, मुख्यमंत्री कार्यालय में सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़े विषय, प्रगति पोर्टल एवं राज्य की विभिन्न बृहद परियोजनाओं की नियमित समीक्षा एवं मॉनीटरिंग का समन्वय,  सीएम डैशबोर्ड, एमएलए डैशबोर्ड, मुख्यमंत्री कार्यालय वेबसाइट एवं मुख्यमंत्री कार्यालय पोर्टल से संबंधित समस्त कार्य। प्रदेश सरकार की उपलब्धियों, कार्यों और निर्णय आदि के संबंध में तथ्यों एवं आंकड़ों का संग्रहण, अद्यतनीकरण का कार्य,  आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश, आत्मनिर्भर डैशबोर्ड एवं मुख्यमंत्री परिषद की बैठकों से संबंधित कार्य के अलावा सीएम हेल्पलाईन, राज्य के मेगा प्रोजेक्ट की मॉनिटरिंग की व्यवस्था , केन्द्र सरकार के समक्ष लंबित विषयों के संबंध में आवश्यक तैयारियां करना,  समाधान ऑनलाईन और मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा समय-समय पर सौंपे गए अन्य कार्य शामिल हैं।
इन्हें यह मिला जिम्मा
– चंद्रशेखर वालिबे, अपर सचिव:  शासकीय, अशासकीय नियुक्तियों का जिम्मा, जरूरी मामलों से सीएम को अवगत कराना, 18 विभागों की जिम्मेदारी समेत अन्य।
– अरुण परमार, अपर सचिव: गृह, जेल से जुड़े विषय, मुलाकात, दौर से जुड़े काम।
– अरविंद कुमार दुबे, अपर सचिव: एसीएस डॉ. राजौरा की मदद, सीएम की बैठकों से जुड़े काम।
– लक्ष्मण मरकाम, अपर सचिव: आवंटित विभागों में कामों का अध्ययन और सुझाव जैसी पूर्व की जिम्मेदारियां।

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