राहत ने खोली कोरोना से हुई मौतों के आंकड़ों की पोल

कोरोना से हुई मौतों

भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। कोरोना की पहली और दूसरी लहर में हुई मौतों के आंकड़ों में किस तरह से गड़बड़झाला किया गया है इसकी कलई सरकार द्वारा दी जा रही अब अनुग्रह राशि के आवेदनों से खुलने लगी है। हालात यह हैं कि प्रदेश के कई जिलों में मौतों के आंकड़ों से अधिक आवेदन जिला प्रशासन के पास पहुंच चुके हैं और इसका क्रम अब भी बना हुआ है। दरअसल केंद्र सरकार द्वारा कोरोना मृतकों के परिजनों को 50 हजार रुपए अनुग्रह राशि देने की घोषणा के बाद से ही अनुग्रह राशि पाने के लिए  जिलास्तर पर आवेदनों का अंबार लगना शुरू हो गया है।
मप्र में किस तरह से कोरोना से हुई मौतों को छुपाया गया है इसकी कलई अब तक उन 22 जिलों में खुल चुकी है, जिनमें अब तक दर्ज मौतों के सरकारी आंकड़ों की तुलना में अधिक आवेदन आ चुके हैं। अनुग्रह राशि के आवेदनों का आंकड़ा अब तक प्रदेश में लगभग 13 हजार के आसपास पहुंच चुका है। इनमें से अब तक प्रदेश सरकार 6400 लोगों को 50-50 हजार रुपए की मदद दे चुकी है। इसी तरह कोरोना से जुड़ी अन्य चार मदद वाली स्कीमों में 2982 लोगों को अलग से मदद दी जा चुकी है। अगर सरकारी आंकड़ों को देखें तो प्रदेश में कोविड से मृत्यु का आंकड़ा 10529 दर्ज है। प्रदेश में अब तक दस जिले ऐसे सामने आ चुके हैं जिनमें सरकारी आंकड़े मौत की संख्या 886 बता रहे हैं, लेकिन  उन जिलों में अब तक 1287 लोगों को राहत राशि बांटी जा चुकी है। इसकी वजह से बड़ा सवाल यह बना हुआ है कि या तो कोरोना से मौत अधिक हुई हैं या फिर अनुग्रह राशि वितरण में गड़बड़ी की जा रही है। 50 हजार रुपए के  अनुग्रह राशि वाली स्कीम में आए आवेदनों ने सभी को हैरान किया हुआ है। दरअसल इस स्कीम के अलावा भी मप्र में 4 योजनाएं चलाई जा रही हैं। इनमें कोरोना संक्रमण से मौत के मामलों में से मृत्यु पर राहत राशि या अनुकंपा नियुक्ति दी जाती है। प्रदेश में इन स्कीमों के तहत भी लगभग पांच हजार आवेदन आ चुके हैं। अगर इन आवेदनों को भी शामिल कर लिया जाए तो अब तक सभी योजनाओं में लगभग 18 हजार आवेदन मिल चुके हैं। यह अलग बात है कि अलग-अलग स्कीमों में किए गए आवेदनों में से राज्य सरकार अभी तक ढाई हजार आवेदनों को निरस्त कर चुकी है। इसकी जो वजह बताई जा रही है उसके मुताबिक सरकार के निर्देश हैं कि जिस भी मृतक के परिजनों को किसी एक स्कीम में लाभ मिल चुका है तो उसे दूसरी स्कीम का फायदा नहीं मिलेगा।
क्या है जिलों की स्थिति
अगर जिलों के हिसाब से देखें तो इंदौर में मौत का सरकारी आंकड़ा 1393 है , लेकिन आवेदन 5500 आ चुके हैं जिसमें से 1200 को लाभ मिल चुका है जबकि अन्य स्कीमों के तहत इस जिले में 181 को लाभ दिया जा चुका है। इसी तरह से रतलाम में मौत का सरकारी आंकड़ा 311 है और आवेदन आए हैं 802 जिनमें से 326 को लाभ दिया जा चुका है और अन्य स्कीमों में 42 लोगों को लाभ मिला है। बालाघाट जिले में मौत का सरकारी आंकड़ा 70 है जबकि आवेदन आए हैं 350 जिनमें से 287 को मदद
मिल चुकी है। जबलपुर में कुल मौत 675 बताई गई हैं, जबकि आवेदन आए हैं 560 और लाभ मिला है 161 को और अन्य योजनाओं में 56 पीड़ितों के परिजनों को लाभ मिला है। उज्जैन में 171 मौतों की तुलना में  220 आवेदन आए हैं और 179  लोगों को लाभ मिल चुका है। कटनी में 130 मौत की तुलना में 201 आवेदन आए हैं और 106 लोगों को लाभ मिल चुका है। नीमच में 86 मौत की तुलना में 170 आवेदन आए और 87 को लाभ मिला है , जबकि अन्य योजनाओं में 24 को लाभ दिया गया है।

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