शिव-विष्णु की जुगलबंदी को बेसुरा कर रही है राग मुरली

शिव-विष्णु
  • प्रदेश प्रभारी पी. मुरलीधर राव के बयान पर बवाल

    भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम।
    जिस तरह सुर और ताल की जुगलबंदी से एक अच्छा संगीत बनता है उसी तरह मप्र में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की जुगलबंदी से एक सुशासित सरकार और संगठन चल रहा है। लेकिन जाने-अनजाने प्रदेश प्रभारी पी. मुरलीधर बीच-बीच में ऐसा राग अलाप देते हैं जिससे शिव-विष्णु की जुगलबंदी  बेसुरी हो जाती है। एक बार फिर मुरलीधर राव ने ऐसा राग अलापा (बयान दिया) है जिससे चाल, चेहरा, चरित्र वाली पार्टी की साख तार-तार हो गई है। राव ने कहा है कि हमारी एक जेब में ब्राह्मण और दूसरी में बनिया हैं। इससे प्रदेश की राजनीति गरमा गई है और कांग्रेस ने हमला बोल दिया है। गौरतलब है कि मप्र में सत्ता और संगठन का समन्वय इन दिनों केवल भाजपा ही नहीं बल्कि अन्य पार्टियों के लिए उदाहरण बना हुआ है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की समन्वयकारी जुगलबंदी से भाजपा और मजबूत तथा संगठित हुई है। ऐसे में प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव रह-रहकर ऐसे बयान दे जाते हैं जिससे पार्टी के भीतर आक्रोश तो पनपता ही है, विपक्ष को भी मुद्दा मिल जाता है।
    ब्राह्मण और बनिये हमारी जेब में
    दरअसल, सोमवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में भाजपा पर जाति के नाम पर वोट मांगने के आरोपों को लेकर प्रदेश प्रभारी पी मुरलीधर राव इस कदर बौखला गए कि उन्हें पहले तो जवाब ही नहीं सुझा, उन्होंने कहा कि हमारी एक जेब में ब्राह्मण और दूसरी में बनिया हैं। हालांकि, उन्होंने बाद में बात को संभालते हुए कहा कि जब भाजपा में ब्राह्मण नेता थे, तब मीडिया ब्राह्मणों की पार्टी कहती थी। जब बनिया नेता शामिल हुए, तो बनियों की पार्टी कही जाने लगी, लेकिन हमने (भाजपा) रूट नहीं बदला। आने वाले समय में पार्टी अनुसूचित-जाति और जनजाति और ओबीसी वर्ग पर फोकस करेगी।
    विधायक-सांसदों को कह चुके हैं नालायक
    पी मुरलीधर राव अपने अनाप-शनाप बयानों के कारण हमेशा विवादों में रहते हैं। पिछली बार जब वे भोपाल आए थे तो अनुसूचित जाति मोर्चा के संवाद कार्यक्रम में उन्होंने सत्ता-संगठन में स्थान मिल पाने से असंतुष्ट विधायक-सांसदों के बारे में कहा था कि 15, 16 या 17 साल से सत्ता में हैं। ये मामूली बात नहीं है। जब भी प्रवास पर जाता हूं तो देखता हूं कि चार बार-पांच बार से विधायक जीत रहे हैं। सांसद जीत रहे हैं। जनता के इतने आशीर्वाद के बाद भी रोते हैं कि उन्हें मौका नहीं मिल रहा। इसके बाद रोने के लिए कोई जगह नहीं है कि ये नहीं मिला, वो नहीं मिला। इसके बाद भी रोएंगे कि कुछ नहीं मिला तो उनसे नालायक आदमी कोई नहीं है। ऐसे लोगों को कुछ नहीं मिलना चाहिए। राव के इस बयान के बाद पार्टी में ही विद्रोह के स्वर उठने लगे थे। वरिष्ठ नेताओं ने कहा था कि अगर हम नालायक होते तो हम 6 बार चुनाव नहीं जीतते।
    प्रदेश की कोर कमेटी को बताया था अवैध
    मुरलीधर राव इससे पहले भी विवादित बयान दे चुके हैं। उन्होंने एक बार प्रदेश की कोर कमेटी को अवैध बताया था। वहीं राजगढ़ की प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक में दो प्रदेश महामंत्रियों रणवीर सिंह रावत और भगवानदास सबनानी को कहा था कि पांच दिन के प्रवास की बात करते हो तो पद छोड़ दो।
    गोविंदाचार्य की तरह न हो जाए हश्र
    मुरलीधर राव का विवादों से पुराना नाता है। तेलंगाना के भाजपा नेता पी. मुरलीधर राव संघ की पृष्ठभूमि के नेता हैं। आरएसएस ने जब गोविंदाचार्य के नेतृत्व में स्वदेशी जागरण मंच स्थापित किया तो 1993 में राव को भी इसमें एक जिम्मा दिया गया। उन्होंने गोविंदाचार्य के सानिध्य में काम किया। 2008 तक उन्होंने वो काम किया। 2009 में मुरलीधर ने भाजपा ज्वाइन की। अगले साल भाजपाध्यक्ष नितिन गडकरी ने उन्हें राष्ट्रीय महासचिव बनाया। उन्हें तमिलनाडु और केरल का इंचार्ज बनाया। इस दौरान उनके साथ विवाद भी जुड़ते चले गए। अब जब से वे मप्र प्रभारी बने हैं उनके बयान पार्टी की छवि खराब कर रहे हैं। ऐसे में कहा जाने लगा है कि कहीं इनका हश्र भी गोविंदाचार्य की तरह न हो जाए। पार्टी इन्हें कभी भी हाशिए पर धकेलकर इनसे छुटकारा पाने की कोशिश कर सकती है।
    कमलनाथ ने कहा माफी मांगे राव
    मुरलीधर राव का बयान आने के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि बीजेपी नेता सत्ता के नशे व अहंकार में चूर हो गए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा- ये है भाजपा के मध्यप्रदेश के प्रभारी मुरलीधर राव जो कह रहे हैं कि मेरी एक जेब में ब्राह्मण है और एक जेब में बनिया हैं। जिस वर्ग के नेताओं ने भाजपा को खड़ा करने में महती भूमिका निभाई है, उन वर्गों का यह कैसा सम्मान? यही प्रभारी इसके पहले भाजपा के चार-पांच बार के सांसद-विधायकों को नालायक भी कह चुके हैं।

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