
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में सुशासन के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कई स्तरों पर काम कर रहे हैं। उनकी कोशिश है कि अफसरों (प्रशासन) की परफॉर्मेंस ऐसी हो की प्रदेश की जनता उनकी वाहवाही करे। इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कलेक्टर-कमिश्नर कॉफ्रेंस में अफसरों को नसीहत दी। उन्होंने नौकरशाहों को अपनी छवि सुधारने को कहा। उन्होंने कहा है कि प्रशासनिक अधिकारियों की छवि अच्छी नहीं हुई तो इसका प्रभाव प्रदेश की छवि पर पड़ेगा। इसलिए अब जरूरी हो गया है कि जिला प्रशासन कैसा काम कर रहा है, इसका सर्टिफिकेट सोशल मीडिया पर जनता दे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के कलेक्टर्स और कमिश्नरों से कहा है कि ईमानदारी से काम करोगे तो लोग कहेंगे सरकार अच्छी है, आपकी जैसी इमेज होगी, वैसी सरकार की इमेज बनेगी। हमें जनता की जिंदगी बदलने का सौभाग्य मिला है। आप शासन के प्रतिनिधि हैं, आप साधारण नहीं है, मध्यप्रदेश के सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं।
करीब तीन साल बाद हुई फिजिकल कॉन्फ्रेंस में सीएम ने पांच घंटे से अधिक समय तक संवाद किया और योजनाओं का फीडबैक लिया। इस मौके पर उन जिलों के नाम भी बताए गए जो योजनाओं के क्रियान्वयन में सबसे आगे और सबसे पीछे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कलेक्टर- कमिश्नर अपने क्षेत्र में कार्यों को खुद देखें कि किस तरह से बेहतर कार्य हो। 5 फरवरी से प्रदेश में आरंभ हो रही विकास यात्राओं के लिए जुट जाएं। पेसा नियम गांव के आसपास स्थित मजरे टोलों-फालियों के निवासियों को भी बताएं।
आप जैसा काम करेंगे, वैसी ही छवि शासन की बनेगी
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि आप जैसा काम करेंगे, शासन की छवि वैसी ही बनेगी। जिले और संभाग में कलेक्टर-कमिश्नर ही शासन के प्रतिनिधि हैं। बिना परेशानी के समय-सीमा में बिना लिए-दिए योजनाओं का लाभ मिले, यही सुशासन है। हमें सुशासन सुनिश्चित करने के लिए सतर्कता और सावधानी बनाए रखना आवश्यक है। यह हमारा और आपका भाग्य है कि हमें ऐसा महत्वपूर्ण दायित्व मिला जिससे हम जनता की जिंदगी बदल सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं गर्व से कह रहा हूं कि हमने मध्य प्रदेश को बदला है। उन्होंने इंदौर कलेक्टर द्वारा की जा रही जनसुनवाई की प्रशंसा की। वहीं, सीहोर कलेक्टर के शिक्षकों के सहयोग से स्मार्ट क्लास शुरू करने, डिंडौरी कलेक्टर के जनसमस्याओं के प्रति संवेदनशीलता और उनके त्वरित निराकरण के कार्य को सराहा। बड़वानी जिले की सीएम राइज योजना में छात्रों के लिए बस परिवहन सेवा का संचालन करने करने को लेकर प्रशंसा की गई। मुख्यमंत्री ने सभी कलेक्टरों को इसका अनुसरण करने के निर्देश दिए। साथ ही कुष्ठ रोगियों के लिए कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा द्वारा की गई पहल को सराहा गया।
अवैध कॉलोनियां नहीं बनें
सीएम ने कहा अब प्रदेश में किसी भी अवैध कॉलोनी को विकसित होने नहीं दिया जाए। पुरानी अवैध कॉलोनियों को वैध कर विकास शुल्क के संबंध में व्यावहारिक नीति बने। प्रदेश में 5,642 अनाधिकृत कॉलोनियां हैं। अवैध कॉलोनियां एक मई 2023 से वैध होनी शुरू हो जाएंगी। इन्हें बिल्डिंग परमिशन मिलने लगेगी। इससे यहां रहने वाले रहवासी बिजली व नल कनेक्शन के साथ अन्य अधिकारों के लिए पात्र हो जाएंगे। इसके अलावा सरकार अवैध कॉलोनी को वैध करने के नियम सरल करने जा रही है। इसमें प्रति वर्गफीट के हिसाब से विकास शुल्क तय किया जाएगा। निम्न आय वर्ग के लोगों के लिए विकास शुल्क में 80 प्रतिशत की छूट होगी। सीएम ने अफसरों से दो टूक कहा कि अब किसी भी सूरत में कहीं भी कोई अवैध कॉलोनी नहीं बनना चाहिए।
विजन और मिशन के साथ जुटना है
प्रदेश में सडक़ और सिंचाई के हजारों करोड़ रुपए के काम चल रहे हैं। सुशासन का यही मतलब है कि बिना किसी परेशानी के समय पर सुविधाओं का लाभ मिल जाए। मुख्यमंत्री ने सीहोर, इंदौर, डिंडौरी, सिंगरौली और बड़वानी कलेक्टर सहित अन्य जिलों की तारीफ करते हुए कहा कि काम में यही तड़प चाहिए। बड़वानी में कुष्ठ रोगियों के लिए बड़वानी कलेक्टर की पहल सराहनीय है। हमारे सभी अधिकारी जिलों में नवाचार कर रहे हैं, जो प्रशंसनीय है। सिंगरौली और टीकमगढ़ जिले में भू अधिकार योजना का क्रियान्वयन सराहनीय है। मैं गर्व के साथ कह रहा हूं कि हमने मध्यप्रदेश को बदला है। हमें रोडमैप बनाकर और अधिक तेजी से विजन और मिशन के साथ जुटना है। अपने एक-एक मिनट का सदुपयोग कर हमें साढ़े आठ करोड़ नागरिकों की बेहतरी की चिंता करना है। प्रदेश की उन्नति और जनता के हित में मुझे अपना सर्वश्रेष्ठ देना है। गरीबों की जिंदगी में बदलाव लाना ही हमारा लक्ष्य है। प्रदेश के नागरिकों के जीवन में खुशहाली लाना ही हमारा कर्तव्य है।