- नाराज मंत्री तक कर रहे सोशल मीडिया पर पोस्ट

विनोद उपाध्याय
एक तरफ सरकार सुशासन पर पूरा जोर दे रही है और अवैध कामकाज पर लगाम लागने पर फोकस किए हुए हैं, तो वहीं प्रदेश के अफसर अपनी ही मस्ती में काम कर रहे हैं। इसकी वजह से सत्तारूढ़ दल के तक जनप्रतिनिधि परेशान चल रहे हैं। अफसर उनकी सुन नहीं रहे हैं और लक्ष्मी कृपा पाने के लिए कार्रवाई करने की जगह आंखे बंद किए हुए हैं। यही वजह है कि जनप्रतिनिधियों को अपनी नाराजगी का इजहार सोशल मीडिया पर करने को मजबूर होना पड़ रहा है। इस मामले में सबसे खराब हालत कई विभागों की है। इसमें आबकारी विभाग का तो भगवान ही मालिक है। शायद ही ऐसा कोई जिला हो जहां पर अवैध शराब नहीं बिकती हो लेकिन आबकारी और पुलिस महकमा इस मामले में प्रभावी कार्रवाई करता नजर नहीं आता है। पुलिस भी छोटे-मोटे लोगों को पकडक़र कार्रवाई के नाम पर अपनी पीठ थपथपाती रहती है तो आबकारी महकमा अपने ही में मस्त रहता है। इससे परेशान होकर मंत्रियों तक को सार्वजनिक रुप से न केवल चेतावनी देनी पड़ रही है, बल्कि अपने दर्द का इजहार तक करना पड़ रहा है। ऐसा ही ताजा मामला राज्यमंत्री शिवाजी पटेल का है। वे भी अपने क्षेत्र में बिकने वाली अवैध शराब पर रोक नहीं लगने से परेशान हैं। इसकी शिकायत उनके द्वारा की गई। उन्होंने बाकायदा इस मामले में सोशल मीडिया पर पोस्ट भी की है। साथ ही उन्होंने जिला प्रशासन को इस मामले में कार्रवाई के निर्देश भी जारी किए हैं। शनिवार को राज्यमंत्री पटेल ने पोस्ट में लिखा कि उन्होंने अपने क्षेत्र उदयपुरा में अवैध शराब की बिक्री के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश प्रशासन को दिए हैं। वहीं, उन्होंने जनता से अपील की कि अगर किसी के पास अवैध शराब से जुड़ी कोई शिकायत हो तो उनके वॉट्सएप नंबर पर साझा करें। इसके पहले जब प्रशासन और खनिज विभाग ने अवैध रेत के डंपरों पर कार्रवाई नहीं की थी , तब भी उन्हें सडक़ पर उतरकर खुद ही उन्हें पकड़वाना पड़ा था। दरअसल, उदयपुरा विधानसभा सीट से पहली बार चुनकर आए राज्यमंत्री नरेंद्र पटेल ने अपने विधानसभा क्षेत्र में प्रशासनिक व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह लगाए हैं। नवंबर में उन्होंने अपने क्षेत्र में बाड़ी-बरेली के बीच टोल प्लाजा पर खुद रेत से ओवरलोड डंपर रोके थे। उन्होंने वजन तुलवाकर सीधे पुलिस को कार्रवाई के निर्देश भी दिए थे। वह अवैध खनन के खिलाफ भी मुखर रहे हैं। इस मामले में उनका कहना है कि उन्हें कई स्थानीय लोगों से शिकायत मिली थी कि क्षेत्र में अवैध शराब की बिक्री होती है। इसके बाद उन्होंने अधिकारियों से इस मामले में एक्शन लेने के लिए कहा। जनता की शिकायतों के बाद फेसबुक पर पोस्ट किया है, ताकि लोग परेशानी साझा कर सकें।
विधायक पटेल लगा चुके हैं गंभीर आरोप
इसके पूर्व में भाजपा विधायक प्रदीप पटेल स्थानीय पुलिस पर ही नशीली दवाओं और गांजे के व्यापार का आरोप लगा चुके हैं। वे रीवा में आईजी ऑफिस और मऊगंज में एएसपी ऑफिस के सामने उन्होंने कार्रवाई की मांग करने के लिए साष्टांग दंडवत हो चुके हैं। उनकी यह तस्वीर काफी चर्चा में रही थी। इसी तरह से नशे के खिलाफ कार्रवाई ने होने से नाराज भाजपा विधायक प्रदीप लारिया को भी प्रदर्शन करने पर मजबूर होना पड़ा था, तो बृजबिहारी पटैरिया को तो थाने के सामने धरना तक देना पड़ गया था। इसके बाद उन्होंने वहीं से अपना इस्तीफा भी भेज दिया था।
रिश्वतखोरों से भाजपा विधायक भी परेशान
उधर, रतलाम जिले के आलोट से भाजपा विधायक चिंतामणि मालवीय ने कहा है कि कोई आपसे घूस मांगे तो देना मत। सीधे मुझे कॉल करना। दरअसल उन्होंने एक वीडियो प्रधानमंत्री आवास में मांगी जा रही घूस को लेकर जारी किया है। इसमें उन्होंने बताया कि उनके विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर उन्हें शिकायत मिली है कि कुछ लोग आवास आवंटन कराने के नाम पर 5 हजार रुपए मांग रहे हैं। विधायक ने कहा कि इस तरह की घूस कोई भी मांगे तो बिलकुल मत देना और सीधे मुझे कॉल करना। उन्होंने वीडियो में अपना नंबर भी शेयर किया। उन्होंने बताया कि उनकी आलोट विधानसभा में 5513 प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हुए हैं। जिन्हें यह आवास मिले हैं, उनमें से ही कुछ लोगों ने शिकायत की है। ऐसे लोगों को मेरा कहना है कि वे स्वयं असेसमेंट करें और इसके लिए प्रधानमंत्री आवास योजना की साइट पर जाकर सूची में अपना नाम देख लें। मालवीय बोले कि मैं जब क्षेत्र में जाता हूं तो लोग कहते हैं कि हमारा नाम नहीं आया। ऐसे लोगों से मेरा कहना है कि वे ऑनलाइन जाकर फार्म भर दें। उन्होंने अपने क्षेत्र के सरपंच और भाजपा कार्यकर्ताओं से भी कहा कि वे घर-घर जाकर पात्र लोगों के फार्म भरवाएं। आखिर में फिर बोले कि चाहे जो हो, किसी को कुछ देने की जरूरत नहीं है।
